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Fake Currency: फिरोजाबाद में पकड़ी गयी नकली नोट छापने की फैक्ट्री, हजारों रुपये के फर्जी नोट बरामद

Fake Currency चार माह से अधिक समय से रामगढ़ क्षेत्र में चल रही थी फैक्ट्री। मास्टरमाइंड समेत तीन आरोपित दबोचे बरामद नोट असली जैसे थे। फैक्ट्री में छापे जा रहे थे पांच सौ और दो हजार के नकली नोट। देखने में नोट हैं बिल्कुल असली जैसे।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 12 Sep 2022 02:11 PM (IST)Updated: Mon, 12 Sep 2022 02:11 PM (IST)
फिरोजाबाद के रामगढ़ थाने के अन्तर्गत पकड़ी गयी है नकली नोट छापने की फैक्ट्री।

आगरा, जागरण टीम। फिरोजाबाद के रामगढ़ थाने की पुलिस और एसओजी टीम ने सोमवार सुबह जगजीवन नगर में नकली नोट छापने की फैक्ट्री पकड़ी। मास्टर माइंड समेत तीन आरोपितों के कब्जे से हजारों रुपये नकली और असली नोट, प्रिंटर मशीन और अन्य सामान बरामद किया गया। चार महीने से अधिक समय से दो हजार और पांच सौ रुपये के नकली नोट छापे जा रहे थे। ये देखने में हूबहू असली लगते थे।

एसएसपी आशीष तिवारी ने एसपी सिटी कार्यालय में बताया कि मकान में नकली नोट छापने की सूचना पर सुबह 7.40 बजे रामगढ़ थाने की पुलिस, एसओजी और सर्विलांस टीम पहुंची तो तीन लोग नकली नोट छापते मिले। तलाशी लेने पर उनके पास से 53,900 नकली रुपये, 9,130 रुपये असली, नकली नोट चला कर अर्जित किए गए 58 हजार रुपये, नोट पर लगने वाली महात्मा गांधी की मुहर, 71 पेपर जिसके एक तरफ दो हजार रुपये के प्रिंट छपे थे, प्रिंटर, सफेद स्याही की पेन, हरे-सफेद रंग की सैलो टेप और अन्य सामान बरामद किया गया।

गिरफ्तार किए गए युवकों ने अपने नाम कमल प्रताप निवासी जगजीवन नगर, सैलई रामगढ़, रामवीर निवासी राजा का ताल टूंडला और कुलवेंद्र उर्फ कुल्लू उर्फ विकास सिकेरा मटसेना बताया। नकली नोट इस तरह बनाए जाते थे कि कम पढ़े-लिखे लोग असली और नकली नोट में फर्क नहीं कर पाते। आरोपित हर महीने करीब 50 हजार रुपये के नकली नोट बाजार में खपाते थे। वार्ता के समय एसपी सिटी सर्वेश कुमार मिश्रा, सीओ सिटी अभिषेक कुमार श्रीवास्तव और इंस्पेक्टर रामगढ़ हरवेंद्र कुमार मिश्रा उपस्थित थे।

कमल प्रताप छापता था नकली नोट, बाकी दो खपाते थे नोट

एसएसपी ने बताया कि मास्टर माइंड कमल प्रताप नोट छापता था, जबकि रामवीर और कुलवेंद्र फर्जी नोट ऐसे लोगों के बीच खपाते थे जो कम पढ़े-लिखे होते थे। ठेल, ढकेल, शराब का ठेका और फुटकर विक्रताओं की दुकानों पर वे नोट चलाते थे। कमाई का हिस्सा तीनों आपस में बांट लेते थे।

आगरा में पकड़ा गया था कमल

एसएसपी ने बताया कि कमल प्रताप फरवरी में आगरा के हरीपर्वत थाना क्षेत्र में नकली नोट छापते गिरफ्तार किया गया था। मई में जेल से बाहर आते ही उसने पुन: काम शुरू कर दिया।


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