Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

UP के इन शिक्षण संस्थानों ने देश को दी हैं कई महान हस्तियां, पढ़िए इनके बारे में

UP Government Educational Institute उत्तर प्रदेश देश में ये राज्य बहुत बड़ा स्थान रखता है। यूपी से कई महान हस्तियों ने देश की सेवा की है। राजनीति फिल्म इंडस्ट्री सभी में यहां के लोगों ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। यहां से भारत के पूर्व राष्ट्रपति पूर्व प्रधानमंत्री और राष्टीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर आसीन रहने वालों ने शिक्षा ग्रहण की है।

By Abhishek SaxenaEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Wed, 03 May 2023 04:04 PM (IST)
Hero Image
यूपी के इन शिक्षण संस्थानों में पढ़े हैं कई महान लोग।

आगरा, डिजिटल टीम। उत्तर प्रदेश, इस राज्य का नाम आते ही दिमाग में गूंजता है अयोध्या, काशी, मथुरा-वृंदावन और ऐसे कुछ नाम जिन्होंने देश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दिया। यूपी ने कई लोकप्रिय नेता दिए हैं। बात चाहे अटल बिहारी वाजपेयी की हो या फिर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की। उत्तर प्रदेश के कई ऐसे शिक्षण संस्थान हैं जहां से पढ़कर इन हस्तियों ने भारत को ऊंचाइयों तक पहुंचाया। इस लेख के जरिए आपको बताते हैं इन शिक्षण संस्थानों के बारे में...

लखनऊ

मुस्कुराइए आप लखनऊ में हैं, ये लफ्ज तहजीब के साथ मान-सम्मान भी देता है। लखनबी अंदाज और नवाबों का शहर कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश के दिल लखनऊ की बात निराली है। इतिहास के कई पन्ने इस शहर में हैं। बात हिंदी की हो या उर्दू की, लखनऊ का नाम सबसे पहले आता है। पढ़िए यहां के प्रमुख शिक्षण संस्थानों के बारे में...

लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ,

यूपी का राज्य विश्वविद्यालय लखनऊ विवि, वर्ष 1869 में इसकी स्थापना हुई। लखनऊ विश्वविद्यालय भारत में उच्च शिक्षा के सबसे पुराने संस्थानों में से एक है। विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर बादशाहबाग, और दूसरा परिसर जानकीपुरम में स्थित है।

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ,

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना 1905 में हुई। ये एक मेडिकल स्कूल, अस्पताल और चिकित्सा विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग), एनएमसी (राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग) द्वारा अनुमादित है। केजीएमयू लखनऊ की पहचान देशभर में है।

वाराणसी...

जितनी प्राचीन और पवित्र है काशी नगरी, स्वतंत्रता संग्राम में उतना ही गौरवशाली इतिहास है यहां के कालेजों का। काशी में आकर मोक्ष मिलता है। यहां के सबसे पुराने शिक्षण संस्थान में पढ़कर आए थे भारत के उप राष्ट्रपति डा. कृष्णकांत उपराष्ट्रपति। पढ़िए इनके बारे में...

काशी हिंदू विश्वविद्यालय

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में का केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। इसे बीएचयू भी कहा जाता है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना महामना मदन मोहन मालवीय जी द्वारा सन् 1916 में की थी। इस विश्वविद्यालय ने इस देश को डा. कृष्णकांत जैसा उपराष्ट्रपति दिया। 

कानपुर...

यूपी का औद्योगिक शहर कानपुर आज चमड़े के काम के लिए जाना जाता है। लेकिन यहां के शिक्षण संस्थान ऐसे हैं जिन्होंने देश को प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक दिए हैं। कानपुर से पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने डीएवी से पढ़ाई की। पढ़िए यहां के कुछ प्रमुख शिक्षण संस्थानों के बारे में...

कानपुर का डीएवी कालेज

देश को कई विभूतियां देने वाले दयानंद एंग्लो वैदिक कालेज (डीएवी) के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद छात्र रहे हैं। उन्होंने वर्ष 1967 में इसी कालेज से बी.कॉम किया था। इससे पूर्व इस कॉलेज से वर्ष 1946 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एमए की परीक्षा पास की थी। 103 साल पूरे कर चुके इस कालेज में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और उनके पिता दोनों ही एक साथ छात्र रहे।

आइआइटी कानपुर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT),

कानपुर का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना 1959 में हुई थी। एनआर नारायण मूर्ति, इंफोसिस के संस्थापक और अध्यक्ष एमेरिटस। के. विजय राघवन, पद्म श्री, राष्ट्रीय जैविक विज्ञान केंद्र के निदेशक हैं। वहीं ललित जालान, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के सीईओ व्हार्टन में निदेशक, सम्मान और डीन सूची में हैं।

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू)

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय आसपास के जिलों के छात्रों के लिए शिक्षा का बड़ा केंद्र है। वर्ष 1966 में प्रदेश सरकार ने कानपुर विश्वविद्यालय की स्थापना अधिनियम के माध्यम से की थी। विश्वविद्यालय की एल्युमिनाइ एसोसिएशन के सचिव डा. सिधांशु राय के अनुसार विवि से संबद्ध डीएवी कालेज से ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और साहित्यकार गोपाल दास नीरज ने भी शिक्षा ली थी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एलएसए) अजित डोभाल, एडमिरल विष्णु भागवत, फिल्म निर्देशक डेविड धवन, क्रिकेटर मोहम्मद कैफ आदि ने शिक्षा ग्रहण की है।

आगरा...

दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल आगरा को पूरे विश्व में अपनी पहचान दिला चुका है। यहां के शिक्षण संस्थान से पढ़कर कई हस्तियां देश का नाम ऊंचा कर चुकी हैं।

सेंट जोंस कालेज, आगरा,

आगरा के सेंट जोंस कालेज की स्थापना 1850 में हुई थी। सेंट जोंस कालेज के प्रथम प्राचार्य आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के बिशप वैल्पी फ्रेंच थे। यहां सन 1891 में एलएलबी की कक्षाएं शुरू हुईं थीं, वर्ष 1893 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक पाठ्यक्रम की मान्यता मिली थी। इस कालेज के पूर्व छात्रों में पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डा. शंकर दयाल शर्मा भी हैं। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के भूतपूर्व कुलपति प्रो. अशोक मित्तल भी इसी कालेज के छात्र रहे।

आगरा कालेज, आगरा

आगरा कालेज, आगरा की नींव नवंबर 1823 में रखी गई थी। कॉलेज का परिसर 67 बीघे में फैला है। पहले मिडिल क्लास फिर हाईस्कूल, इंटरमीडिएट बना और अब उच्च शिक्षा की पढ़ाई हो रही है। कालेज में संविधान सभा के सदस्य पंडित हृदयनाथ कुंजरू, शिक्षाविद् तेज बहादुर सप्रू, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, फिजी में देश के पूर्व उच्चायुक्त कैप्टन भगवान सिंह, लोक सेवा समिति के पूर्व चेयरमैन भगवान शंकर रावत, कवि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय सिंह, रामजीलाल सुमन, आरएसएस के डा. कृष्ण गोपाल छात्र रहे हैं।

अलीगढ़...

अलीगढ़ एक पुराना शहर है, यहां का अलीगढ़ मुस्लिम विवि देश ही नहीं बल्कि विदेश में अपनी पहचान बना चुका है। आठ जनवरी 1877 में सर सैयद अहमद खां ने मोहम्मडन एंग्लो (एमएओ) कॉलेज के की नींव रखी थी। यही कॉलेज 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बना, जो आज देश-दुनिया में छाया है। एएमयू देश की टॉप फाइव यूनिवर्सिटी में भी शामिल है।