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Agra News: ये कैसी व्यवस्था! हादसे से उजड़ा घर, पथरा गईं परिवारवालों की आंखें, 18 घंटे बाद हुआ शव का पोस्टमार्टम

मुर्दों को भी करनी पड़ती है प्रतीक्षा। दुर्घटना में घायल खंदौली के रहने वाले जितेंद्र का 18 घंटे बाद हुआ पोस्टमार्टम। नवंबर 2021 में उत्तर प्रदेश शासन ने सूर्यास्त के बाद अस्पतालों में पोस्टमार्टम कराने की व्यवस्था के आदेश दिए थे। कहा गया था जिन अस्पतालों में व्यवस्थाएं हैं वहां रात में पोस्टमार्टम शुरू कर दिया जाए। उक्त व्यवस्था का उद्देश्य मृतकों के स्वजन को राहत देना था।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Thu, 09 Nov 2023 08:00 AM (IST)
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मृतक जितेंद्र का फाइल फोटो और पोस्टमार्टम गृह पर उसके स्वजन। जागरण
जागरण संवाददाता, आगरा। भइया जवान बेटे की मृत्यु से रात से घर में कोहराम मचा हुआ है। मंगलवार रात शव को मोर्चरी में रखवा दिया था। पूरी रात आंखों में काटी, सुबह आठ बजे थाने पहुंचकर 10 बजे तक पंचनामा की प्रक्रिया पूरी करा ली। अब डाक्टर की प्रतीक्षा है।

परिवार के लोग भूखे-प्यासे और रात से रो रहे हैं। सारी रिश्तेदार घर पर जुटे हैं। अंतिम संस्कार के लिए शव के पहुंचने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कब डाक्टर आएंगे और कब पोस्टमार्टम के बाद शव को यहां से ले जाएंगे।

सड़क हादसे में जितेंद्र की मौत

खंदौली के गांव पिरौठा के रहने वाले सड़क दुर्घटना में मंगलवार की रात 10 बजे मृत 22 वर्षीय किसान जितेंद्र सिंह के स्वजन का दर्द छलक उठता है। दोपहर डेढ़ बजे तक डाक्टर नहीं आए थे। शाम छह बजे जितद्र के शव का पोस्टमार्टम होने पर स्वजन अंतिम संस्कार के लिए लेकर गांव लेकर गए। रात आठ बजे जितेंद्र का अंतिम संस्कार किया जा सका।

यह अकेले जितेंद्र के स्वजन का दर्द नहीं है, अपनों को खोने के बाद उनके शवों पोस्टमार्टम के पोस्टमार्टम की प्रकिया से गुजरने वाले अधिकांश परिवारों की पीड़ा है। 

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नहीं आया बदलाव

सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम के आदेश के दो साल के बाद भी व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आया। एसएन मेडिकल कालेज परिसर स्थित मोर्चरी पर पोस्टमार्टम की प्रकिया सामान्यत: दोपहर दो बजे आरंभ होती है। विशेष मामलों में ही शव का पोस्टमार्टम जल्दी किया जाता है। सवाल उठता है कि जब विशेष मामलों और लोगों के लिए सूर्यास्त के बाद भी पोस्टमार्टम की कराने व्यवस्था है तो सामान्य लोगों को इससे क्याें वंचित किया जा रहा है।

पुलिस आयुक्त और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को लिखा पत्र

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) आगरा के पूर्व सचिव डा. संजय चतुर्वेदी कहते हैं मरने वाले सामान्य व्यक्ति के पोस्टमार्टम की प्रकिया 18 से से 24 घंटे में पूरी होती है। उनके स्वजन के लिए प्रतीक्षा के यह घंटे बेहद पीड़ा भरे होते हैं। पोस्टमार्टम की प्रकिया में तेजी लाकर स्वजन को राहत प्रदान की जा सकती है। स्वजन को पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने में भी दो दिन लग जाते हैं।

डा. संजय चतुर्वेदी ने बताया कि उन्होंने पोस्टमार्टम प्रक्रिया में तेजी लाने समेत कई सुझाव पुलिस आयुक्त और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखा है।

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वर्ष 2012 में बनाई व्यवस्था नहीं हो सकी लागू

मार्च 2012 में तत्कालीन डीआइजी असीम अरुण ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए व्यवस्था बनाई थी। इसके तहत एमएम गेट की इमरजेंसी पुलिस चौकी पर अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए थे। मोर्चरी की चाबी थाने की जगह चौकी पर रखने की व्यवस्था की गई।

संबंधित थाने पर सूचना देकर पंचनामा भरने से लेकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट स्वजन को चौकी पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई थी। उनके स्थानांतरण के बाद सब कुछ पुराने ढर्रे पर आ गया। 

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