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Agra News: फतेहपुर सीकरी वाद में उपस्थित हुए पद्मश्री केके मोहम्मद, छह दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

Agra News फतेहपुर सीकरी या विजयपुर सीकरी विवाद में पद्मश्री केके मोहम्मद पर फतेहपुर सीकरी के इतिहास को विकृत करने का आरोप है। बुधवार को अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन)-1 के न्यायालय में सुनवाई हुई। इस केस में वादी आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह हैं। अजय प्रताप सिंह ने बताया कि फतेहपुर सीकरी का मूल नाम विजयपुर सीकरी है जिसे बाबर ने बदला था।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 06 Nov 2024 02:52 PM (IST)
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Agra News: फतेहपुर सीकरी में है चिश्ती की दरगाह।
जागरण संवाददाता, आगरा। Agra News: फतेहपुर सीकरी या विजयपुर सीकरी वाद में बुधवार को अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन)-1 के न्यायालय में सुनवाई हुई। प्रतिवादी पद्मश्री केके मोहम्मद की ओर से अधिवक्ता विवेक कुमार ने वकालतनामा लगाया। उन पर फतेहपुर सीकरी के इतिहास को विकृत करने का आरोप वाद में लगाया गया है।

वादी आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि केके मोहम्मद ने अपने कार्यकाल में अकबर के इबादतखाना नाम के स्मारक का निर्माण फतेहपुर सीकरी में किया था। इस तथ्य की जानकारी उन्हें डा. डीवी शर्मा की पुस्तक आर्कियोलॉजी ऑफ फतेहपुर सीकरी से हुई।

अजय सिंह ने बताया, कि डा. डीवी शर्मा, केके मोहम्मद से पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के आगरा सर्किल के अधीक्षण पुरातत्त्वविद रहे हैं। शर्मा ने अपने कार्यकाल में फतेहपुर सीकरी के वीर छबीली टीले के उत्खनन में 1000 ईस्वी के हिन्दू सभ्यता के प्रमाण खोजे थे, जिस कारण राजनीतिक दबाव के चलते आगरा सर्किल से उनका स्थानांतरण करवा दिया गया। इससे फतेहपुर सीकरी का सत्य सभी के सामने आने से रह गया। अजय प्रताप सिंह ने बताया कि फतेहपुर सीकरी का मूल नाम विजयपुर सीकरी है, जिसे बाबर ने बदला था। फतेहपुर सीकरी को सिकरवार राजाओं द्वारा बसाया गया था। अगली सुनवाई छह दिसम्बर को होगी 

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सांथा के मामले में उपस्थित हुआ एएसआई

अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन)-2 के न्यायालय में सांथा पुरातात्विक स्थल के संरक्षण को दायर वाद में बुधवार को सुनवाई हुई। अजय प्रताप सिंह बनाम ग्राम प्रधान सांथा वाद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) उपस्थित हुआ। वाद में अगली सुनवाई 27 नवम्बर को होगी।

मामले में 27 नवम्बर को होगी सुनवाई

वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि एएसआई की तरफ से अधिवक्ता विवेक कुमार ने वकालतनामा प्रस्तुत किया। अजय प्रताप सिंह ने बताया कि फतेहपुर सीकरी के ग्राम सांथा में श्मशान के निर्माण के समय खोदाई में 8वीं-9वीं सदी की मूर्तियां निकली थीं। इस जगह प्राचीन सभ्यता के प्रमाण भूमि में दबे हैं, जिनका संरक्षण देश हित में आवश्यक है। इसका उत्खनन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण करेगा तो सत्य सभी के सामने आएगा। न्यायालय ने सुनवाई की अगली तिथि 27 नवम्बर नियत की।

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