Lok Sabha Election: अकबर की राजधानी रही सीकरी में कैसा है चुनावी समीकरण, 2019 में 'बुलंद' जीत, अब टक्कर जोरदार, पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट
फतेहपुरसीकरी सीट पर इस बार भाजपा से वर्तमान सांसद राजकुमार चाहर हैं। वहीं सपा−कांग्रेस गठबंधन से पूर्व फौजी रामनाथ सिकरवार बसपा ने यहां राम निवास शर्मा को टिकट दिया है। लेकिन इस बार सबका गणित बिगाड़ने मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में स्थानीय भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे ने पर्चा भर दिया है। जिस कारण यहां कांटे का मुकाबला बन गया है।
डा. राहुल सिंघई, आगरा। बुलंद दरवाजा। दुनिया के सबसे ऊंचे दरवाजे का आमतौर पर नाम सुनने के बाद अहसास होता है कि किसी बहुत संपन्न क्षेत्र में ऐसा दरवाजा बना होगा। यह सच भी है। सीकरी ऐसा क्षेत्र है, जहां जैन धर्म की संपन्न विरासत रही है। तीन दशक पहले भारतीय पुरातत्व विभाग ने यहां खुदाई की तो ऐसे बोलते हुए साक्ष्य सामने भी आए।
मुगलकाल में अकबर ने इस क्षेत्र को राजधानी बनाया, पर पानी की समस्या इतनी गंभीर थी कि वह यहां टिक न सका। अब जब लोकसभा चुनाव है तो यहां खारे पानी की आवाज बुलंद होकर चुनावी ताप को बढ़ा रही है। फतेहपुर सीकरी के परिदृश्य पर डा. राहुल सिंघई की रिपोर्ट...
पिछले दो चुनाव विकास के वादे पर लड़े गए
मन कूं का चाहिए... बस राम-राम दुआ सलाम, वो भी न मिली तो...?’ मोरी गांव में खोका चलाने वाले बुजुर्ग की बात सुनिए तो थोड़ा अहसास होता है कि कहीं न कहीं कुछ नाराजगी है। फतेहपुर सीकरी में पिछले दो चुनाव विकास के वादे पर लड़े गए। हिंदुत्व की लहर रही। अबकी बार स्थिति बदल चुकी है। जातिगत समीकरण मजबूत हो रहे हैं। ठाकुर और ब्राह्मण मतदाताओं के सुर बताते हैं कि टक्कर जोरदार है।गंगाजल का सपना दिखाया था, मिल रहा खारा पानी
सीकरी कस्बे के बस स्टैंड मिले खानवां राजस्थान की सीमा से सटे गांव डाबर के मतदाता कहते हैं- ‘गंगाजल का सपना दिखाया था। पूरे क्षेत्र में खारा पानी है, लेकिन हमारे यहां तो पानी ही नहीं है।’ खेमों में बंटे मतदाता यहां हाथी वाले और बेटे के लिए भाजपा से बगावत करने वाले माननीय की चर्चा भी करते हैं।
पहली सांसद थीं सीमा उपाध्याय
सीकरी में 2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजकुमार चाहर की बड़ी जीत ने उनका कद बुलंद दरवाजे की तरह ऊंचा कर दिया। वह 4.95 लाख वोटों से जीते थे। इससे पहले 2009 में यहां हुए पहले चुनाव में जाटव और मुस्लिम मतों के साथ ब्राह्मण मतदाताओं के समीकरण से बसपा की सीमा उपाध्याय सांसद बनी थीं। कांग्रेस के राजबब्बर बहुत कम वोटों से हारे थे। अबकी बार भाजपा से राजकुमार ही फिर मैदान में हैं। बसपा ने पहले चुनाव के समीकरणों को देखते हुए ब्राह्मण प्रत्याशी राम निवास शर्मा को मैदान में उतारा है, लेकिन बदले हालातों में कड़ी टक्कर के आसार नजर आते हैं।आइएनडीआइए से कांग्रेस ने रामनाथ सिकरवार फौजी को मैदान में उतारा है। वहीं, भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे और पूर्व में आगरा व मथुरा सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़कर सम्मानजनक वोट पाने वाले रामेश्वर चौधरी ने निर्दलीय मैदान में उतरकर मुकाबला रोचक बना दिया है।
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