Agra: फतेहपुर सीकरी स्मारक में पत्थर के खंभे में फंसा दी गई थी लकड़ी की रेलिंग, पर्यटक की मौत से कटघरे में ASI
फतेहपुर सीकरी स्मारक में फ्रांसीसी पर्यटक की मौत से एएसआई की व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। उधर एएसआइ का दावा है कि स्मारक में अधिक खतरे वाले स्थलों पर कर्मचारी तैनात रहते हैं रेलिंग से दूर रहने का बोर्ड लगा है। लेकिन गुरुवार को जब पर्यटक रेलिंग का सहारा लेकर फोटोग्राफी कर रहे थे तो उन्हें टोकने वाला कोई नहीं था।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 22 Sep 2023 02:13 PM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। फतेहपुर सीकरी स्मारक में फ्रांसीसी पर्यटक के साथ हुए हादसे के पीछे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) कठघरे में आ गया है। स्मारक में तुर्की सुल्ताना का महल भूमि सात फीट ऊंचा है। यहां फोटोग्राफी करते समय पर्यटक गिर न जाएं, इसके लिए लकड़ी की रेलिंग लगाई गई। ये रेलिंग पत्थर के खंभों में फंसा दी गई। हालांकि, रेलिंग से दूर रहने की सूचना का बोर्ड भी लगाया गया लेकिन, एएसआइ इस पर निरंतर निगरानी नहीं रख पाया और विदेशी पर्यटक रेलिंग गिरने से नीचे आ गिरी। उसकी मौत हो गई।
16 लाख रुपये की लागच से लगवाई गई थी लकड़ी की रेलिंग
एएसआइ ने वर्ष 2021 में तुर्की सुल्ताना के महल, अनूप तालाब और दीवान-ए-खास में लगभग 16 लाख रुपये की लागत से लकड़ी की रेलिंग लगवाई थी। एएसआइ के नियमानुसार स्मारक के स्वरूप में किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। स्मारकों में फर्श पर पत्थर के ब्लाक में लकड़ी की रेलिंग को फंसाकर रख दिया जाता है। फतेहपुर सीकरी में भी यही व्यवस्था की गई थी। पत्थरों के खंभों और रेलिंग के मध्य चूल (लकड़ी के पतले टुकड़े) लगाकर उसे फंसा दिया गया था।
पर्यटकों के दबाव में गिर गई रेलिंग
एएसआइ का दावा है कि स्मारक में अधिक खतरे वाले स्थलों पर कर्मचारी तैनात रहते हैं, रेलिंग से दूर रहने का बोर्ड लगा है। लेकिन, गुरुवार को जब पर्यटक रेलिंग का सहारा लेकर फोटोग्राफी कर रहे थे तो उन्हें टोकने वाला कोई नहीं था। पर्यटकों के दबाव में रेलिंग गिर गई। फ्रांसीसी पर्यटक की मौत के बाद अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. राजकुमार पटेल ने फतेहपुर सीकरी जाकर जांच की। बताया कि तुर्की सुल्ताना के महल के बरामदे में रेलिंग का पत्थर अपनी जगह मिला। रेलिंग टूटी नहीं है। उसे फंसाने के लिए किनारे पर लगाई गई चूल भी सही स्थिति में नीचे पड़ी मिलीं। फोटोग्राफी के दौरान अधिक दबाव पड़ने से रेलिंग अपनी जगह से निकली है। हादसे के बारे में दिल्ली मुख्यालय को अवगत कराया गया है।क्यूआरटी को नहीं लगाने दिया हाथ
पर्यटकों के गिरकर चोटिल होने के बाद फतेहपुर सीकरी में सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रही एसओएस की क्विक रिस्पोंस टीम (क्यूआरटी) तुर्की सुल्ताना के महल पहुंची थी। क्यूआरटी को चोटिल महिला पर्यटक से दूर रहने को कह दिया गया। इसके चलते महिला पर्यटक को प्राथमिक उपचार तक नहीं दिया जा सका। चोटिल पर्यटक के लिए एएसआइ के कर्मचारी पहले व्हीलचेयर लाए, मगर काम नहीं बनने पर बाद में स्ट्रेचर लाया गया। इसी से उसे एंबुलेंस तक पहुंचाया गया।
प्री हास्पिटल केयर से ही बचाई जा सकती है जान
हादसे के बाद घायल को मौके पर ही प्री हास्पिटल केयर मिलनी चाहिए। यह केयर आम व्यक्ति भी दे सकता है, एंबुलेंस का स्टाफ भी दे सकता है। इसमें देखा जाता है कि मरीज को सांस लेने में तो कोई रुकावट नहीं आ रही है। सीपीआर दिया जाता है, जिससे धड़कनें चलती रहे और जल्द से जल्द नजदीक के अस्पताल तक पहुंचाया जाता है।यह भी पढ़ें, Agra News: तड़पती रही फतेहपुर सीकरी में रेलिंग टूटने से गिरी फ्रांसीसी महिला, बीत गया गोल्डन आवर
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