त्योहारी सीजन में उड़ान भरने को तैयार बाजार, जानिए क्या हैं उम्मीदें Agra News
व्यापारियों को मंदी की घटा छंटने के आसार दिवाली को देखते हुए दिए जाने लगे आर्डर।
आगरा, जागरण संवाददाता। दुश्वारियों का रोड़ा अटकने के बावजूद ताजनगरी का बाजार त्योहारी सीजन में उड़ान भरने को तैयार है। मंदी की मार से बेहाल 30 से 60 फीसद कारोबार की गिरावट के बावजूद कारोबारी दम बांधे हैं। सरकारी रियायतों पर उन्हें भरोसा है। उनका मानना है कि ग्राहक भी सरकारी रियायत को बखूबी समझेंगे। ग्राहक के साथ उन्हें भी दिवाली, दशहरा, नवरात्र में शुभ मुहूर्त का इंतजार है। फिलहाल दुकानदार उम्मीद के सहारे आर्डर दे रहे है।
ये है बाजार का हाल
देश में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है। आगरा भी इससे अछूता नहीं है। बाजार में सन्नाटा सा है। कारोबारियों के मुताबिक सराफा बाजार में 50 से 60 फीसद, रेडीमेड गारमेंट में 30 से 40 प्रतिशत, आटो मोबाइल उद्योग में 30 फीसद की गिरावट आई है। इसी तरह हैंडीक्राफ्ट में 50 फीसद, पेंठा में 30 फीसद, ट्रांसपोर्ट कारोबार में 30 से 40 फीसद, जूता कारोबार में 20 से 30 फीसद, स्टील बाजार में 20 से 40 फीसद कारोबार कम हुआ है। पर्यटन नगरी होने के बाद भी होटल व रेस्टोरेंट में 30 से 60 फीसद, पर्यटन में 20 से 40 फीसद, जिंस के बाजार में भी 20 से 60 फीसद तक गिरावट आई है।
सरकारी रियायतों से बढ़ीं उम्मीदें
केंद्र सरकार ने बैंकों को तरलता बढ़ाने के लिए 70 हजार करोड़ रुपये दिए हैं। बैंक अब पांच लाख रुपये तक ऋण दे सकेंगे। आरबीआइ ने भी एक लाख करोड़ से ज्यादा की धनराशि देने को कहा है। ऋण सस्ते होंगे, रेपो रेट से ब्याज लिंक होंगे तो लोगों में खरीदारी की ताकत बढ़ेगी। सरकारी रियायतों के बीच वाहन खरीदना फायदे का सौदा होने से ग्राहक जरूर निकलेंगे।
डिमांड बढ़ाने से दूर होगी मंदी
आगरा व्यापार मंडल अध्यक्ष टीएन अग्रवाल, युवा व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष विनय कामरा, मोतीगंज व्यापारी समिति के अध्यक्ष रमनलाल गोयल, अनाज गल्ला मंडी समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल, इमिटेशन ज्वैलरी के अध्यक्ष रीतेश राठौड़, आगरा फुटवियर मैन्यूफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्ट चैंबर (एफमैक) के अध्यक्ष पूरन डावर, काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट के रीजनल चेयरमैन नजीर अहमद, अपर्णा शू इकाई के प्रबंध निदेशक बंटी ठाकुर, आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन के अध्यक्ष गागनदास रामानी, आगरा सराफ एसोसिएशन के अध्यक्ष नितेश अग्रवाल, श्री सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष मुरारी लाल फतेहपुरिया आदि का मानना है कि आगरा इस समय दो प्रकार की मंदी से प्रभावित है। एक चक्रीय प्रभाव और दूसरी संरचनात्मक मंदी। चक्रीय प्रभाव में ग्लोबल स्तर पर मंदी आती है। यानि एक समय बाजार में तेजी दिखती है तो कुछ समय बाद मंदी आती है और फिर बाजार में उत्साह दिखता है। इसके पीछे पेट्रो पदार्थ के दामों में उतार-चढ़ाव, डॉलर के मुकाबले रुपये का गिरना, ट्रेड वार, दूसरे देशों के व्यापार एवं अन्य नीतियों में बदलाव आदि कारण होते हैं। जबकि संरचनात्मक मंदी में देश बैंकिंग व्यवस्था, सरकार की ओर से नए कानून बनाना या बदलाव जैसे कारण प्रमुख हैं। पिछले वर्षो में रियल एस्टेट क्षेत्र में गिरावट, जीएसटी, नोटबंदी, बैंकों का लगातार एनपीए बढऩा, निवेश के क्षेत्र में रुचि न लेना आदि मंदी का प्रमुख कारण रहे। आगरा में नए निवेश के क्षेत्र में 40 से 70 फीसद की कमी आई है, लेकिन त्योहारी सीजन में बाजार के मंदी से उबरने की उम्मीद है।
जनता के साथ व्यापारी को भी लाने होंगे बदलाव
आगरा कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग की प्रोफेसर डॉ. दीपा रावत का कहना है कि देश में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है। इससे उबरने के लिए न केवल सरकार बल्कि व्यापारी वर्ग से लेकर जनता को भी बदलाव लाने होंगे। देखने वाली बात यह है कि आजकल त्योहारों पर बाजारों में तो सन्नाटा नजर आता है, लेकिन ई-कॉमर्स के क्षेत्र में कहीं भी मंदी नजर नहीं आती है। आगरा में ऑटो मोबाइल उद्योग हो या ओर कोई अन्य उसमेें मंदी की कोई एक वजह नहीं है। शुरुआत उत्पादकों से करें तो 2018 में एक अप्रैल को बीएस-फोर वाहन आए। दो साल में ही सरकार ने बीएस-सिक्स की रूपरेखा बना डाली। नीति आयोग के निर्धारण के मुताबिक 2023 तक इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर एवं 2025 तक 150 सीसी के दो पहिया वाहनों को पूर्णतया बाजार के हवाले करने की तैयारी शुरू हो गई। वाहन कंपनियां नित नए फरमान के अनुपालन में सेटअप बदलीं हैं तो दबाव वितरकों पर आ टिका है। मंदी की मार से वाहन न बिकने के बावजूद माल मंगाने की मजबूरी। बैंक ने 40 दिनों में सीसीएल (कैश क्रेडिट लिमिट) की राशि रोटेट न होने से फंड रोक दिए, जो बड़ी समस्या है। गोदाम में भरने के बावजूद माल मंगाने से गो-डाउन, सुरक्षा पर खर्च लागत बढ़ गई। ऐसे में तीन स्तरों पर मुश्किल से कारोबार प्रभावित है।
नींद ले रहे हैं व्यापारी
नमक की मंडी, शाहगंज व एमजी रोड पर ज्वैलर्स कारोबार में मंदी को लेकर तरह-तरह के मैसेज वायरल हो रहे हैं। एक मैसेज में सराफ को सोते हुए दिखाया गया है। कहा गया है बिक्री तो है नहीं, नींद ही रह गई है। आगरा सराफ एसोसियेशन के अध्यक्ष नितेश अग्रवाल ने बताया कि बाजार में कारोबार न होने के कारण सैकड़ों कारीगर पलायन कर गए हैं। त्योहार को लेकर व्यापारी तैयारी तो कर रहे हैं लेकिन डरे हुए हैं कि माल बिकेगा कि नहीं।
प्रमुख तिथियां
पितृ पक्ष (कनागत)-14 सितंबर से
नवरात्र-29 सितंबर से
दशहरा-8 अक्टूबर
धनतेरस-25 अक्टूबर
दीपावली-27 अक्टूबर
देवउठान एकादशी-8 नवंबर
मलमास-15 दिसंबर से