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Agra News: एसिड अटैक में 20 साल बाद एफआइआर, 14 वर्ष की आयु में सिरफिरे ने तेजाब से झुलसाए सपने

Agra News आगरा में एत्माद्दौला के अग्रसेनपुरम निवासी रुकैया पर 14 वर्ष की उम्र में बहन के देवर ने फेंका था तेजाब। परिवार के दबाव में नहीं लिखाया था अभियोग पीड़िता ने एडीजी जोन को बताई थी दर्द भरी कहानी।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Mon, 09 Jan 2023 09:15 AM (IST)
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Agra News: तेजाबी हमले की सवाईवर ने 20 वर्ष बाद दर्ज कराया आरोपित पर अभियोग
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा में एत्माद्दौला के पीलाखार स्थित अग्रसेनपुरम की रहने वाली 34 वर्षीय रुकैया ने 20 वर्ष बाद आरोपित के खिलाफ अभियोग दर्ज कराया है। एसिड अटैक सर्वाइवर रुकैया पर 14 वर्ष की उम्र में दिल दहलाने वाली घटना हुई थी। बड़ी बहन के देवर ने उन पर तेजाब फेंक दिया। जिससे उनका चेहरा और शरीर बुरी तरह से झुलस गया। जान तो बच गई, लेकिन चेहरा खराब हो गया। उस समय बड़ी बहन का घर बिगड़ने के डर से स्वजन के दबाव में अभियोग दर्ज नहीं कराया।

पिछले दिनों एडीजी जोन राजीव कृष्ण से मिलीं। उन्हें अपनी दर्द भरी कहानी सुनाई, उन्होंने आश्वासन दिया। मामला पुलिस आयुक्त डा. प्रीतिंदर सिंह के संज्ञान में आने पर उन्होंने आरोपित के खिलाफ अभियोग दर्ज करने के आदेश किए।

आगरा के शीरोज हैंग आउट कैफे में करती हैं काम

रुकैया वर्तमान में फतेहाबाद रोड स्थित शीरोज हैंग आउट कैफे में काम करती हैं। अभियोग दर्ज नहीं होने के चलते उन्हें कोई सरकारी मदद नहीं मिली। तेजाबी हमले के बाद स्वजन की प्राथमिकता उनका उपचार कराना थी। अभियोग दर्ज कराने पर स्वजन को बड़ी बेटी का घर बिगड़ने का डर था। कुछ वर्ष बाद भाई ने उन्हे न्याय दिलाने के लिए अभियोग दर्ज कराने का प्रयास किया। पुलिस ने कई वर्ष पुराना मामला होने का हवाला देते हुए कार्रवाई नहीं की।

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एडीजी राजीव कृष्ण ने की थी मुलाकात

पिछले दिनों एडीजी राजीव कृष्ण से एसिड अटैक सर्वाइवर मिली थीं। इसी दौरान रुकैया ने उनके सामने अपनी दर्द भरी कहानी सुनाई। चौदह वर्ष की उम्र में तेजाबी हमले से उबरने और खुद को स्थापित करने में आई दिक्कतों के बारे में बताया। एडीजी ने रुकैया को आश्वासन दिया कि उनकी बात सुनी जाएगी। रुकैया का मामला पुलिस आयुक्त के संज्ञान में आने पर उन्होंने एत्माद्दौला थाने को अभियोग दर्ज करने के आदेश किए।

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सिरफिरे ने तेजाब ने झुलसा दिए सपने

सिरफिरे देवर ने तेजाब से 14 वर्ष की उम्र में रुकैया के सपनों को झुलसाने का प्रयास किया। मगर,रुकैया ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने पुलिस काे बताया कि वह सितंबर 2002 में बहन इशरत जहां की ससुराल मसानी का नगला, तुर्कमान गेट कोतवाली अलीगढ़ गई थीं।वहां पर सात सितंबर की रात करीब आठ बजे बहन के देवर आरिफ ने उन पर तेजाब फेंक दिया। तेजाब की जलन से वह चींख रही थीं। उन्हें दिखाई देना बंद हो गया था। स्वजन उन्हें अस्पताल लेकर गए। कई वर्ष उनका इलाज चल रहा था। वह जीवन के जीने के लिए संघर्ष कर रही थीं। वर्ष 2014 में उन्हें शीरोज हैंग आउट कैफे के बारे में पता चला। यहां आने के बाद उन्हें जीने की राह मिली। 

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