Agra Fire News: बीड़ी से लगी कबाड़ गोदाम में आग, राख हुई बुजुर्ग की जीवनभर की कमाई, धमाके के बीच चौकीदार की दहाड़ें सुन पसीजे लोग
Agra Fire News In Hindi पुलिस टीम और फायर ब्रिगेड ने रेस्क्यू आपरेशन चलाया और आग पर काबू पाया। कोई जनहानि नहीं हुई है। दमकल की चार गाड़ियों ने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया है। गोदाम मालिक का कहना है कि आग लगने के कारण करीब दो लाख से अधिक का माल जलकर राख हो गया है।
जागरण संवाददाता, आगरा। आगरा के ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में सुबह अचानक कबाड़ के गोदाम से आग की ऊंची लपटें उठने लगी और ताबड़तोड़ धमाके होने शुरू हो गए। आवाज सुनकर आसपास के लोग दहशत में आ गए। सूचना पर आई फायर ब्रिगेड के जवानों ने देश घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
बीड़ी पीकर फेंकने से लगी आग
स्थानीय लोगों द्वारा बताया जा रहा है कि किसी व्यक्ति द्वारा बीड़ी पीकर फेंकने से आग लगी है। आग लगने से वहां झोपड़ी बनाकर रहने वाली बुजुर्ग महिला की जीवन भर की पूंजी जलकर खाक हो गई और वो दहाड़े मार कर रोते हुए राख में से अपना सामान ढूंढते नजर आई। महिला के आंसू देखकर स्थानीय लोगों ने मिलकर महिला की मदद करने का आश्वासन दिया है।
आग पर काबू पाने के लिए चलाया अभियान
एसीपी मयंक तिवारी ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर सेक्टर चार में इंद्र कुमार जैन किराए की जगह पर कबाड़ का गोदाम बनाए हुए थे। सुबह नौ बजे गोदाम में अज्ञात कारणों से आग लग गई। गोदाम संचालक द्वारा अनुमति और अन्य कानूनी दस्तावेज दिखाने को कहा गया है। इसके आधार पर आगे कार्रवाई की जायेगी।
आग के बाद राख के ढेर से जीवन का सामान तलाशती बुजुर्ग महिला
अवैध गोदाम से हो सकता था बड़ा हादसा
इंद्र कुमार जैन द्वारा खुली जगह पर कबाड़ का गोदाम बनाया गया था। इससे सटा हुआ एक गोदाम वसीम नामक व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा है। आसपास कई दुकानें और गोदाम हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग लगने के बाद गोदाम में रखे कबाड़ के सामान में तेज धमाके होने लगे थे। अगर धमाकों से जलता हुआ कबाड़ आसपास कहीं गिरता तो बड़ा हादसा हो सकता था।
गोदाम स्वामी इंद्र कुमार जैन ने बताया कि गोदाम में कोई विस्फोटक नहीं था पर पुराने पेंट के डिब्बे और टायरों में आग लगने के बाद धमाके हुए थे।
गरीब की जीवन भर की पूंजी गई
गोदाम के बाहर ही 65 वर्षीय प्रेमवती बीते 30 वर्षों से बाबूलाल के सात झोपड़ी बनाकर रहती थी और चौकीदारी करके जीवन यापन करती थी। आग लगने से उसकी झोपड़ी पूरी तरह जल गई। उसके पलंग, बर्तन, चांदी के कुछ गहने और कमाई से बचाकर रखे दस हजार रुपए आग में जल गए।
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हादसे के बाद प्रेमवती और बाबूलाल दहाडें मारकर रोने लगे। आग कम होते ही वो राख में से अपना सामान ढूंढ़ने लगे। दमकलकर्मियों ने भी मदद का काफी प्रयास किया पर कुछ बर्तन छोड़कर कोई भी सामान नहीं बचा मिला। स्थानीय लोग महिला के आंसू देख विचलित हो गए। आसपास के दुकानदारों ने आपसी सहयोग से महिला की झोपड़ी और सामान की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया।