Death Penalty In Qatar: आगरा के पूर्व नौसेना अधिकारी को मिली कतर में मौत की सजा, पिता ने साधी चुप्पी
Death Penalty In Qatar कतर की सेना से जुड़ी कंपनी में काम कर रहे जिन आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई गई है उनमें से एक कमांडर आगरा के हैं। संजीव गुप्ता गांधी नगर के रहने वाले हैं। बेटे को सजा होने की खबर मिलने के बाद से संजीव के माता-पिता विचलित हैं। फोन पर पिता ने इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे।
By Yashpal SinghEdited By: Swati SinghUpdated: Sat, 28 Oct 2023 11:19 AM (IST)
जागरण संवाददाता, आगरा। कतर की सेना से जुड़ी कंपनी में काम कर रहे जिन आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई गई है, उनमें से एक कमांडर संजीव गुप्ता गांधी नगर के रहने वाले हैं। उनके पैतृक मकान पर ताला पड़ा हुआ है। माता-पिता दूसरे बेटे के साथ रह रहे हैं। बेटे को सजा होने की खबर मिलने के बाद से वे विचलित हैं।
दैनिक जागरण ने उनसे फोन पर संपर्क किया, लेकिन उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। कतर की स्थानीय अदालत ने आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई है। इनमें गांधी नगर के रहने वाले संजीव गुप्ता भारतीय नौसेना में नौकरी कर चुके हैं। वर्तमान में वे कतर की कंपनी अल दहरा में काम कर रहे थे।
संजीव गुप्ता के पिता की गांधी नगर में कोठी है। इस कोठी के तीन हिस्से हो चुके हैं। इनमें से एक हिस्सा काफी समय से बंद है। इसमें दीवारों में दरार हैं और घर गंदा पड़ा है। दूसरे और तीसरे हिस्से से भी ताला लगा है। पड़ोस में रहने वाले लोग भी इनके बारे में अधिक नहीं जानते।
20-25 साल पहले खरीदी थी कोठी
आसपास के लोगों ने बताया, संजीव गुप्ता के पिता आरपी गुप्ता ने गांधी नगर में यह कोठी करीब 20-25 वर्ष पहले खरीदी थी। आरपी गुप्ता इंजीनियर थे और गुप्ता एसोसिएट्स नाम से उनकी फर्म थी। दो माह पहले आरपी गुप्ता अपने बेटे के बच्चों के साथ घर में रहे थे। इसके बाद चले गए। फिलहाल वे दयालबाग क्षेत्र के सरला बाग में अपने दूसरे बेटे के साथ रह रहे हैं। संजीव को अधिक लोग नहीं जानते। उनकी शिक्षा आगरा से हुई है।
बेटे का नाम सुनकर दुखी हुए पिता
दैनिक जागरण ने आरपी गुप्ता से फोन पर संपर्क किया। उन्होंने काल रिसीव की। परिचय देते हुए उनसे बेटे की सजा के मामले में जानकारी मांगी, लेकिन उन्होंने फोन परिवार के अन्य सदस्य को दे दिया। उन्होंने बताया कि संजीव उनके परिवार के सदस्य हैं। अभी वे बहुत परेशान हैं। बात करने की स्थिति में नहीं हैं। इसलिए इस संबंध में कुछ भी नहीं बता पाएंगे। उन्होंने मिलने से भी इनकार किया है।यह भी पढ़ें: Qatar News: आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को मृत्युदंड से ऐसे बचा सकती है सरकार, एडवोकेट की जुबानी जानें क्या है विकल्प
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