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Agra: बालिकाओं संग रहने वाली लड़का या लड़की नहीं ये तो...14 वर्ष बाद पता चली ऐसी सच्चाई कि असमंजस में किशाेरी गृह का स्टॉफ

किशोरी के ट्रांसजेंडर होने का 14 वर्ष बाद चला पता। कानपुर किशोरी गृह से जनवरी 2024 में गौतमबुद्ध नगर भेजी गई थी आगरा की किशोरी। हाव-भाव से शक होने पर मेडिकल बोर्ड से जांच कराने पर निकली मेल ट्रांसजेंडर। किशाेरी स्वजन के साथ रह रही थी। लेकिन मां से उसका स्वभाव मेल नहीं खाया तो वो घर छोड़ कर चली गयी थी।

By Ali Abbas Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 21 May 2024 08:42 AM (IST)
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Agra News: किशोरी के ट्रांसजेंडर होने का 14 वर्ष बाद चला पता
जागरण संवाददाता, आगरा। बालिकाओं के बीच 14 वर्ष तक रह रही किशोरी मेडिकल जांच में मेल ट्रांसजेंडर निकली। मामला बाल कल्याण समिति के सामने पहुंचा तो वह भी असमंजस में पड़ गई। उसके सामने यह अपनी तरह का अनोखा मामला है। उसके बेहतर भविष्य को लेकर समिति विचार कर रही है।

शहर के रहने वाले परिवार में करीब 14 वर्ष पहले किशोरी का जन्म हुआ। दुनिया में आने के बाद एक दिन बाद ही अपने आर्थिक हालात के चलते मां उसे आश्रय गृह के पालने में छोड़ गई थी। मगर, बच्चे के प्रति उनका प्रेम आश्रय गृह तक ले आता था। वह किसी न किसी बहाने वहां आते थे। बच्ची से मिलने का प्रयास करते थे। इधर, आश्रय गृह ने बच्ची का प्रवेश कान्वेंट स्कूल में करा दिया था। वह पढ़ने में मेधावी थी।

तीन साल पहले बच्ची के परिवार की जानकारी मिली

करीब तीन वर्ष पहले आश्रय गृह वालों को पता चल गया कि बच्ची शाहगंज के रहने वाले परिवार की है। नियमानुसार बालिका को उन्होंने स्वजन के सुपुर्द कर दिया। अनुशासन में रहने वाली बालिका घरों में काम करने वाली मां के साथ तालमेल नहीं बैठा सकी। उसने मां के साथ रहने से मना कर दिया, आश्रय गृह में रहने की इच्छा जताई, लेकिन नियमों के अनुसार उसे वहां नहीं रखा जा सकता था।

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स्वजन के साथ रहने से मना कर दिया

किशोरी घर छोड़कर चली गई। पुलिस द्वारा जुलाई 2023 में बरामद करने पर किशोरी ने स्वजन के साथ रहने मना कर दिया। पुलिस ने बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। समिति ने बालिका को कानपुर किशोरी गृह भेजने के आदेश दिया।

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कानपुर किशोरी गृ़ह से इस वर्ष किशोरी को गौतम बुद्ध नगर किशोरी गृह भेजा गया था। वहां पर उसके हाव-भाव से स्टॉफ को शक हुआ। उसने किशोरी का मेडिकल बोर्ड से चिकित्सीय परीक्षण कराया। चिकित्सकों के बोर्ड ने किशोरी के मेल जेंडर होने की जानकारी दी। किशोरी को बालिकाओं के साथ रखा जाए या बालकों के साथ, इसे लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। किशोरी अभी तक बालिकाओं के बीच रही है। मामले को आगरा बाल कल्याण समिति से अवगत कराया गया। बाल कल्याण समिति के सदस्य बेताल निमेष ने बताया कि किशोरी के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए समिति निर्णय लेगी।

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