Depression in Child: दीजिए ध्यान, मम्मी-पापा के झगड़े, बच्चों में बन रहे डिप्रेशन की वजह
मां-बाप के झगड़े में छूटी पढाई डिप्रेशन की शिकार हो गई मेधावी बेटी। बच्चों को अवसाद से उबारने के लिए मनोचिकित्सक की शरण में अभिभावक। अब बच्चे दे रहे हैं चाइल्ड लाइन सर्वे पर कॉल कर मम्मी पापा के बीच झगड़े की सूचना।
By Prateek GuptaEdited By: Updated: Wed, 11 Aug 2021 10:04 AM (IST)
आगरा, अली अब्बास। मम्मी-पापा के झगड़े से बेटी की पढाई छूट गई। दसवीं में 75 फीसद अंक हासिल करके ऊंची उड़ान भरने का सपना देखने वाली 16 साल की बेटी बारहवीं की परीक्षा की तैयारी नहीं कर सकी। दो साल पहले उसने फेल होने के डर से परीक्षा नहीं दी। जिससे गहरे अवसाद में चली गई। उसके व्यवहार में बदलाव आ गया। माता-पिता पर भी हमलावर हाे जाती है। अपनी पढाई छूटने और सपने टूटने का जिम्मेदार उन्हें ठहराती है।
माता-पिता को अपनी गलती का अहसास हुआ, उसे मनोचिकित्सक को दिखाया। काउंसिलिंग कराई, लेकिन बेटी को निराशा के गर्त से उबर पाएगी या नहीं, इसे लेकर वह आश्वस्त नहीं है। चाइल्ड लाइन समन्वय ऋतु वर्मा के अनुसार करीब एक महीने से चाइल्ड लाइन किशोरी की काउंसिलिंग कर रही है। उसे अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। ये किसी एक बेटी या बेटे की समस्या नहीं है। अधिकांश उन परिवारों की कहानी है, जहां पति-पत्नी का आपसी झगड़ा उन्हें प्रभावित कर रहा है। उनके सपनों के परवाज भरने में बाधा बन रहा है।
कहां कितने मामले
435: इस वर्ष जनवरी से जुलाई तक आशा ज्योति केंद्र में पति-पत्नी के मामले काउंसिलिंग को पहुंचे। जिसमें 80 मामलों में बच्चों ने माता-पिता के झगड़े के चलते तनाव की कही।564: वर्ष 2020 में चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर बच्चों की काॅल आईं। जिसमें 123 बच्चों ने माता-पिता के बीच आए दिन विवाद की शिकायत की।
236: इस वर्ष जनवरी से जुलाई के दौरान चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर बच्चों ने काॅल किया। जिसमें 26 बच्चों ने माता-पिता के झगड़ों से परेशान होने की कहा।
450: पति-पत्नी के विवाद के मामले डेढ़ साल के दौरान पुलिस परिवार परामर्श केंद्र पहुंचे।जिसमें 150 मामलों में दंपतियों के नाबालिग बच्चे प्रभावित हो रहे हैं।1145: वर्ष 2021 में पति-पत्नी के विवाद के मामले महिला थाने आए। जिसमें 272 मामलों में बच्चे प्रभावित थे।1312: वर्ष 2020 में दंपतियों के विवाद के मामले महिला थाने पर आए। जिसमें 400 से ज्यादा मामलों में बच्चे प्रभावित थे।
1037: वर्ष 2019 में दंपतियों के मामले महिला थाने पर आए, जिसमें 310 मामलों में बच्चे प्रभावित थे।
काउंसिलिंग में सामने आए दंपतियों में झगड़े के प्रमुख कारणआर्थिक: कोरोना काल में महामारी के चलते लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। घर का खर्च, बच्चों की स्कूल की फीस आदि की समस्या से परिवारों में रार बढ़ी।नशा: आर्थिक तंगी के बावजूद पति द्वारा शराब या अन्य नशा करके घर जाना। विराेध करने पर पत्नी और बच्चों से मारपीट करना।
अवैध संबंध: पति या पत्नी के किसी और से संबंध होने का शक करना। मोबाइल: पति-पत्नी के बीच होने वाली रार में मोबाइल भी प्रमुख कारण है। हस्तक्षेप नापसंद: अधिकांश पत्नियों को ससुराल में हस्तक्षेप पसंद नहीं है। अपने तरीके से रहना और जीना चाहती हैं। इसे लेकर ही रार शुरू होती है, जो विवाद का रूप लेकर थाने तक पहुंचती है।
काउंसिलिंग में सामने आई बच्चों की व्यथा -दंपतियों के बीच रार में प्रभावित होने वाले उनके बच्चों की उम्र छह महीने से लेकर 18 साल तक है।-घर में मम्मी-पापा के झगड़े से उन्हें अच्छा वातावरण नहीं मिल रहा है। उनमें मनमुटाव से उनका स्नेह कम हुआ है।-आए दिन होने वाले झगड़ों से वह तनाव का शिकार हो रहे हैं। जिससे वह अपना ज्यादातर समय मोबाइल पर बिताने को मजबूर हैं।
-मम्मी-पापा के झगड़े के चलते उनकी पढाई प्रभावित हो रही है। कोरोना के चलते वह पहले से ही स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। मम्मी-पापा के झगड़े के चलते अब उनकी आनलाइन पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।-कई-कई दिन हो जाते हैं मम्मी-पापा उन्हें अपने पास बैठाकर प्यार से बात नहीं करते।परिवार परामर्श केंद्र में काउंसिलिंग के दौरान देखने में आया है कि पति-पत्नी के झगड़े से उनके बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। कई बार दंपती बच्चों के भविष्य का हवाला देने पर सुलह को राजी हो जाते हैं।कमर सुल्ताना, प्रभारी पुलिस परिवार परामर्श केंद्र
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