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वृंदावन Goods Train हादसे की रिपोर्ट आई सामने, ट्रैक के प्वाइंट से लेकर मालगाड़ी के पहियों में मिली खामी

Mathura News 18 सितंबर की रात 8.16 बजे वृंदावन स्टेशन रोड के पास बेपटरी हुए थे 26 वैगन। इस हादसे के बाद हजारों यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी थी। वहीं रेलवे को तीन करोड़ का नुकसान हुआ था। मालगाड़ी के वैगनों में कोयला लदा था। उस समय मालगाड़ी की स्पीड 60 किलोमीटर प्रति घंटा थी। हादसे के बाद 42 ट्रेन रद हुई थीं।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 15 Oct 2024 07:56 AM (IST)
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वृंदावन में मालगाड़ी डिरेल होने का फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, आगरा। वृंदावन स्टेशन रोड के पास 18 सितंबर की रात 8.16 बजे बेपटरी हुई एक मालगाड़ी की जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। ट्रैक के प्वाइंट से लेकर मालगाड़ी के पहियों में खामी मिली है। एक के बाद एक 26 वैगन पटरी से उतर गए।

वैगन नंबर दो और तीन पटरी से क्यों नहीं उतरे, इसकी अलग से जांच की जा रही है। इस घटना से हजारों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। रेलवे को तीन करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।

18 सितम्बर को हुआ था हादसा

नई दिल्ली-आगरा रेल खंड में 18 सितंबर की शाम साढ़े छह बजे कैंट स्टेशन से एक मालगाड़ी नई दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। 56 वैगन की मालगाड़ी में दो करोड़ रुपये का कोयला लदा हुआ था। ट्रेन की गति 60 किमी प्रति घंटा थी। उप स्टेशन अधीक्षक ने वैगन नंबर तीन से और चार के पहियों से चिंगारी उठती हुई देखी थी। ट्रेन को रोकने के लिए ओवर हेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) की बिजली आपूर्ति को बंद कर दिया गया था। इससे 42 ट्रेनों को रद और 56 ट्रेनों को डायवर्ट कर दिया गया था।

कमेटी ने दी रिपोर्ट

मालगाड़ी के बेपटरी होने की जांच के लिए कमेटी गठित की गई। जांच में पाया गया कि इंजन, दूसरे और तीसरे नंबर का वैगन पटरी से नहीं उतरे थे। कुल 26 वैगन बेपटरी हुए। ट्रैक के प्वाइंट में गैप अधिक हो गया था। यह गैप अचानक नहीं हुआ होगा। गैप अधिक होने में लंबा समय लगा होगा। जांच में पाया गया कि पहियों से चिंगारी निकल रही थी। ऐसे में हाट एक्सल से इन्कार नहीं किया जा सकता है। पहियों में खामी भी एक मुख्य वजह रही। खामी कितने पहियों में हुई, इसकी अभी जांच की जा रही है।

मालगाड़ी में लदा था कोयला

ओएचई को समय पर कट करने से बिजली आपूर्ति बंद हो गई। अगर इंजन चालू रहता तो सभी वैगन पटरी से उतर सकते थे। प्रत्येक वैगन में 60 टन कोयला लदा हुआ था। टीम यह पता लगा रही है कि मानकों के अनुसार जितना वैगन में कोयला लदा होना चाहिए। उससे कहीं अधिक तो नहीं था। इसके लिए लोडिंग से संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं।

26 किमी लंबी है तीसरी रेल लाइन, सबसे अधिक चलेंगी मालगाड़ियां

नई दिल्ली-आगरा रेल खंड स्थित कीठम से भांडई तक 26 किमी लंबी तीसरी रेल लाइन होगी। इसमें सबसे अधिक मालगाड़ियां चलेंगी। तहसील सदर और किरावली के दो दर्जन गांवों की 150 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। प्रोजेक्ट की लागत 490.84 करोड़ रुपये है। रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा तीसरी रेल लाइन बिछाई जा रही है।

किसानों को मिला मुआवजा

राजा की मंडी रेलवे स्टेशन का चौड़ीकरण नहीं हो सकता है। इसी के चलते तीसरी रेल लाइन को कीठम से भांडई के मध्य जोड़ा जा रहा है। किसानों को कुल भूमि का चार गुना मुआवजा मिला है। आरवीएनएल के एक अधिकारी ने बताया कि 17 बड़े और 20 छोटे पुल बनेंगे। यह कार्य डेढ़ साल में पूरा होगा। तीसरी रेल लाइन में सबसे अधिक मालगाड़ियां चलेंगी। जरूरत के हिसाब से यात्री ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। 90 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। किसान कई जगहों पर रास्तों की मांग कर रहे हैं।

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हर दिन 300 से अधिक ट्रेनों का संचालन

नई दिल्ली-आगरा-झांसी रेल खंड में हर दिन 300 से अधिक ट्रेनों का संचालन होता है। अगर मालगाड़ियों को जोड़ लिया जाए तो यह संख्या 650 को पार कर जाएगी। 

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