Hanuman Janmotsav 2022: बजरंग बली की पूजा को पूर्ण करता है सुंदर कांड का पाठ लेकिन क्या आप जानते हैं सुंदर कांड नाम का अर्थ
Hanuman Janmotsav 2022सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं। उसके आसपास भी नकारात्मक शक्ति भटक नहीं सकती। भक्त का आत्मविश्वास कम हो जाए या जीवन में कोई काम ना बन रहा हो तो सुंदरकांड का पाठ करने से सभी काम बनने लगते हैं।
आगरा,जागरण संवाददाता। चैत्र पूर्णिमा के दिन राम भक्त हनुमान का जन्म हुआ था। वास्तव में हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार हैं, जिन्होंने त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम की भक्ति और सेवा के लिए जन्म लिया। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जय जोशी के अनुसार हनुमान जयंती पर सुंदर कांड का पाठ अवश्य ही करना चाहिए। संकट हरने वाले, मंगल कारक हनुमान की लीलाओं का जिसमें बखान किया गया है वो सुंदर कांड है। पूरी रामायण में सिर्फ यही एक अध्याय ऐसा है जिसमें श्री राम की नहीं बल्कि हनुमान की विजय, पराक्रम का बखान है।
क्यों कहते हैं सुंदर कांड
हनुमानजी, सीताजी की खोज में लंका गए थे और लंका त्रिकुटाचल पर्वत पर बसी हुई थी। त्रिकुटाचल पर्वत यानी यहां तीन पर्वत थे पहला सुबैल पर्वत, जहां के मैदान में युद्ध हुआ था। दूूसरा नील पर्वत, जहां राक्षसों के महल बसे हुए थे। और तीसरे पर्वत का नाम था सुंदर पर्वत, जहां अशोक वाटिका थी। इसी वाटिका में हनुमानजी और सीताजी की भेंट हुई थी। इस कांड की यही सबसे प्रमुख घटना थी, इसलिए इसका नाम सुंदरकांड रखा गया।
आंतरिक शक्ति मिलती है सुंदर कांड के पाठ से
सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं। उसके आसपास भी नकारात्मक शक्ति भटक नहीं सकती। यह भी माना जाता है कि जब भक्त का आत्मविश्वास कम हो जाए या जीवन में कोई काम ना बन रहा हो, तो सुंदरकांड का पाठ करने से सभी काम अपने आप ही बनने लगते हैं।
धार्मिक लाभ
हनुमानजी की पूजा सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली मानी गई है। बजरंगबली बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं। शास्त्रों में इनकी कृपा पाने के कई उपाय बताए गए हैं। इन्हीं उपायों में से एक उपाय सुंदरकांड का पाठ करना है। सुंदरकांड के पाठ से हनुमानजी के साथ ही श्रीराम की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है।