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एसआईटी की जांच में सामने आए हाथरस भगदड़ के चौंकाने वाले तथ्य, मंच से किया गया था चरण रज लेने का एनाउंसमेंट

हाथरस में सत्संग के भगदड़ हादसे की एसआईटी जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। दो सदस्यीय जांच टीम हाथरस के डीएम-एसपी सहित अब तक सौ से अधिक लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। इसमें सेवादार घायल और अनुयायियों के साथ ही आसपास के ग्रामीण भी शामिल हैं। यह भी तथ्य सामने आया कि मंच से चरणरज लेने को अनाउंसमेंट किया गया जिसके बाद भगदड़ मची।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Sun, 07 Jul 2024 06:00 AM (IST)
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गलत रास्ते का चयन करने के कारण हुआ हादसा।

जागरण संवाददाता, आगरा। सत्संग समारोह में आयोजकों ने गलत रास्ते का चयन किया था। प्रवचन समाप्त होने के बाद सूरजपाल सिंह (नारायण साकार विश्व हरि) का काफिला जब निकाला गया तो अनुयायी जीटी रोड पर उनके पास पहुंच गए। वहां चरणरज लेने वालों से सेवादारों ने धक्का-मुक्की कर दी। इस वजह से भगदड़ मची और 121 लोगों की जान चली गई। 

सूरजपाल से पहले ही पहुंच गए अनुयायी

एटा-अलीगढ़ रोड पर आयोजन स्थल पर सड़क के एक ओर मंच बनाया था। मंच से जीटी रोड तक के लिए सूरजपाल के निकलने का जो रास्ता बनाया गया, वह बाएं हाथ से अलीगढ़ की तरफ मिलाया गया था। 

यहां से एटा जाने के लिए सूरजपाल को मंच के सामने का पूरा रास्ता तय करना पड़ रहा था। यही वजह रही कि जीटी रोड पर जब सूरजपाल की गाड़ी पहुंची तो उससे पहले ही सैकड़ों अनुयायी आ गए। वहां चरणरज लेने वालों के साथ धक्का-मुक्की से लोग सड़क के दूसरी ओर दलदल में जा गिरे। 

अब तक सौ से अधिक लोगों के बयान दर्ज

आगरा जोन की एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय टीम हाथरस के डीएम-एसपी सहित अब तक सौ से अधिक लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। इसमें सेवादार, घायल और अनुयायियों के साथ ही आसपास के ग्रामीण भी शामिल हैं।

जागरण टीम ने जांच में पाया कि सूरजपाल को मंच से दाईं ओर से निकाला जाता, तो भीड़ सामने नहीं आ पाती। विशेषज्ञ भी यही मान रहे हैं। वहीं दाईं ओर के रास्ते से तीन तरफ भीड़ ही भीड़ थी। 

यही नहीं जब सूरजपाल का काफिला मंच से निकला तभी मंच से चरणरज लेने को अनाउंसमेंट किया गया। इससे पंडाल से भीड़ और तेजी से दौड़ने लगी। 

इन बिंदुओं पर एसआईटी कर सकती है जांच

एसआईटी अपनी जांच में यह भी शामिल कर सकती है कि 

  • दुर्घटना के बाद जिम्मेदार विभागों का रवैया कैसा रहा? 
  • कितने पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी? 
  • उन्होंने दुर्घटना के बाद क्या किया? 
  • स्वास्थ्य विभाग के इंतजाम कैसे थे? 
  • दुर्घटना के बाद उपचार कैसा मिला और पोस्टमार्टम हाउस में व्यवस्थाएं कैसी थीं? 

इन सभी बिंदुओं पर भी कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने जानकारी दी। मामले में विभिन्न स्तरों की जांच से जुड़े अधिकारी अराजक तत्वों की साजिश के एंगिल से भी जांच कर रहे हैं। एडीजी का कहना है कि जांच अभी चल रही है। इसमें विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है।

जांच के लिए ये भी हैं महत्वपूर्ण बिंदु

  • स्वास्थ्य विभाग द्वारा मौके पर कितनी एंबुलेंस भेजी थीं?
  • अस्पतालों में क्या इंतजाम किए गए थे? 
  • किन चिकित्सकों और स्टाफ की ड्यूटी थी? 
  • घायलों को कितने समय बाद उपचार मिला? 
  • एलआईयू ने अपनी रिपोर्ट क्या दी थी? 
  • थाने को हादसे की सूचना कितने बजे मिली? 
  • मौके पर सबसे पहले कौन पुलिसकर्मी पहुंचे थे? 
  • पुलिसकर्मियों ने अधिकारियों को कितने बजे सूचना दी? 
  • अधिकारी कितने बजे मौके पर पहुंचे?

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