Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Hathras Stampede Case: एसआईटी जांच के बाद कार्रवाई को कैसा मानते हैं हादसे में मरने वालों के स्वजन? कहा- बाबा पर...

Hathras Stampede Case Agra News अनुयाइयों ने पूछा- अधिकारियों पर हो गई कार्रवाई साकार विश्व हरि उर्फ (सूरजपाल भाेलेबाबा) पर शिकंजा कसने में सरकार को संकोच क्यों हो रहा है। हाथरस में सत्संग में मची भगदड़ में आगरा की कई महिलाओं की जान गई थी। उनके परिवारवालों ने कथित बाबा को आड़े हाथों लिया है। अनुयायियों के प्रति कोई संवेदना व्यक्त नहीं करने पर आक्रोश है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 10 Jul 2024 09:16 AM (IST)
Hero Image
Agra News: एक सत्संग के दौरान नारायण साकार विश्व हरि व उनकी पत्नीl फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, आगरा। सत्संग के बाद मची भगदड़ की एसआईटी जांच रिपोर्ट पर सरकार की कार्रवाई को पीड़ितों के स्वजन अधूरी मान रहे हैं। उनका कहना है कि निलंबित किए गए छह अधिकारियों के अलावा कई अन्य विभागों के अधिकारियों की लापरवाही के चलते हादसा हुआ है।

घायलों के इलाज तक के लिए घटना वाले दिन परेशान होना पड़ा। इतनी भीड़ एकत्रित हो और इंतजामों में लापरवाही से इतना बड़ा हादसा हो जाए तो क्या इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी तय नहीं होनी चाहिए?

पीड़ित परिवारों के स्वजन साकार विश्व हरि पर भी कार्रवाई चाहते हैं। उनका कहना है कि अनुयायियों का जरा भी ख्याल होता तो सूरजपाल गायब न होते। हर पल साथ रहने का वादा करते थे मगर किसी का हाल पूछने नहीं आए।

चरण रज ले जाने की बात कही थी

समापन पर चरण रज ले जाने की बात कही थी। वे जानते थे कि उनके व भीड़ के निकलने को एक ही गेट है। उनका काफिला निकला तो उनके साथ मौजूद सेवदारों ने भी धक्का-मुक्की की। साकार विश्व हरि ने उनको रोका तक नहीं। यह भी हादसे की बड़ी वजह है। फिर साकार विश्व हरि पर कार्रवाई में संकोच क्यों है।

हाथरस में सत्संग में मची भगदड़ वाले स्थान पर लोग रुक कर जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर क्या हुआ होगा?

121 लोग गंवा चुके हैं अपनी जान

दो जुलाई को हुए हादसे में 121 लोगों की जान चली गईं थी। कई लोग घायल हुए। इनके स्वजन बेहाल हैं। इस मामले की चार जांच में से दो पूरी हो चुकी है। एसडीएम ने घटना वाले दिन ही अपनी रिपोर्ट दे दी थी। इसके बाद एसआइटी जांच भी सरकार को दे दी गई। इन दोनों रिपोर्टों में साकार विश्व हरि को जिम्मेदार नहीं माना गया है। पुलिस की जांच चल रही है, लेकिन अधिकारी अभी साकार विश्व हरि को जांच के दायरे से बाहर बता रहे हैं।

ये भी पढ़ेंः Hathras News: SIT रिपोर्ट के बाद आखिर क्यों निलंबित किए ये जिम्मेदार? सामने आई बड़ी वजह, बाबा भी बयान देने नहीं आए

गायब है सूरजपाल

न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव कह चुके हैं कि अभी जांच शुरू हुई है, जिसकी जरूरत होगी, उसे बयान देने के लिए बुलाया जाएगा। हादसे के बाद से ही साकार विश्व हरि गायब हैं। छह जुलाई को उनका एक वीडियो प्रसारित हुआ। उसमें उपद्रवकारी बख्शे नहीं जाएंगे कहते हुए सरकार पर तो भरोसा जताया पर उपद्रवी कौन है यह स्पष्ट नहीं किया। वह कहां हैं, यह बताने की बजाय उनके वकील डा. एपी सिंह जांच में सहयोग की बात कह रहे हैं। साकार विश्व हरि को निर्दोष बता रहे हैं। अनुयायी साकार विश्व हरि की राह देख रहे हैं।

ये भी पढ़ेंः Anant Radhika Wedding: ठाकुर बांकेबिहारी व टटिया स्थान को मिला अंबानी के बेटे की शादी का आमंत्रण, कार्ड में ये है खास

क्या कहते हैं स्वजन

सत्संग की अव्यवस्था ने मुझसे पत्नी बैजंती और बच्चों से उनकी मां को छीन लिया। हम पत्नी-पत्नी दोनों बेटी की शादी की तैयारी कर रहे थे। दोनों एक साथ मिलकर काम करके गृहस्थी को चला रहे थे। हमारा परिवार अब कभी इस तरह के आयोजन में शामिल नहीं होगा। जगदीश चंद, जगदीशपुरा, आगरा

मेरी पत्नी मीरा करीब 12 वर्ष से साकार विश्वहरि से जुड़ी थीं। सत्संग में हुए हादसे में उसकी मृत्यु हो गई। एक सप्ताह बीत गया, हमारा घर उजड़ गया, पर हमारा हाल लेने कोई नहीं आया। अब हमारी साकार विश्वहरि में कोई आस्था नहीं है। पत्नी की मौत के बाद आस्था भी उन्हीं के साथ चली गई। रामवीर सिंह, उस्मानपुर, खंदौली, आगरा

15 साल पहले अपनी पत्नी के साथ सूरज पाल सिंह (नारायण साकार विश्व हरि) से जुड़ा था। मैं और मेरा परिवार 15 वर्ष से उन्हें भगवान मानता था। भगदड़ में मेरी पत्नी की मृत्यु हो गई, लेकिन उन्होंने कोई मदद नहीं की। कोई सेवादार ने भी शोक व्यक्त करने नहीं आया। हमारा परिवार बिखर गया है। अब सत्संग से कोई सरोकार नहीं। मुरारी लाल, धनौली, आगरा

मेरी मां संगीता की भगदड़ में जान चली गई। वे 10 वर्ष से साकार विश्वहरि को भगवान की तरह पूजती थी। साकार विश्व हरि की ओर से कोई उन्हें सांत्वना देने तक घर नहीं पहुंचा। सत्संग हादसे ने 10 साल की आस्था को चकनाचूर कर दिया है। अब परिवार से कोई भी सत्संग में नहीं जाएगा।दूसरों को भी न जाने की सलाह देंगे। ध्रुव, नगला भगत, धनौली, आगरा