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Hathras Case: दो जुलाई को हुआ हादसा और अब चार दिन बाद सामने आया सूरजपाल का बड़ा बयान, कही ये बात

Hathras News हाथरस हादसे में 121 मौतों के बाद पुलिस और प्रशासन ने मुख्य आयोजक को गिरफ्तार कर लिया है। इस प्रकरण में अब तक कुल सात गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। वहीं सब तलाश कर रहे थे कि सूरजपाल भाेले बाबा कहां है। अब एक वीडियो में उसका बयान सामने आया है। जिसमें कहा है कि मृतकों के परिजन और घायलों की कमेटी मदद करेगी।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 06 Jul 2024 08:42 AM (IST)
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सूरजपाल 'भाेले बाबा' और उसकी पत्नी का फाइल फोटो।
जागरण संवाददाता, हाथरस। सिकंदराराऊ के गांव फुलरई में सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की जान जाने की घटना के चार दिन बाद सूरजपाल (नारायण साकार विश्व हरि) का पहला वीडियो प्रसारित हुआ है।

इसमें उन्होंने सरकार पर भरोसा जताते हुए कहा है कि विश्वास है कि उपद्रवकारी बख्शे नहीं जाएंगे। वे कहां हैं, इस संबंध में वीडियो में कोई जानकारी नहीं है। उनके अधिवक्ता डा. एपी सिंह भी यह बताने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि साकार हरि जांच में सहयोग करेंगे।

सत्संग में शामिल हुए थे दो लाख लोग

हादसा दो जुलाई को हुआ था। जीटी रोड 91 के लगते 150 बीघा खेत में सत्संग का आयोजन किया गया था, जिसमें करीब दो लाख लोग शामिल हुए। जबकि अनुमति 80 हजार लोगों के लिए ली थी। सत्संग समाप्त होने पर भीड़ एक साथ निकली तभी साकार हरि का काफिला भी निकला। इसके लिए भीड़ को एक हिस्से से रोका गया। धक्का मुक्की की गई। इस दौरान चरण रज लेने और उनके दर्शन की होड़ मची।

बताते हैं कि चरण रज के लिए साकार हरि ने अपने प्रवचन में कहा था। इसके लिए उताबले लोगों को रोकना मुश्किल हो गया। भीड़ को सेवादार धकेल रहे थे तभी भगदड़ मच गई। लोग गिरते चले गए और उनके ऊपर से भीड़ गुजरती गई। सड़क किनारे दलदल और खेतों में पानी भरा था। एक खेत में गड्ढे में भी लोग गिरे। इस भगदड़ में अनेक लोग घायल हुए। साकार हरि यहां रुके नहीं और लौटकर भी नहीं आए, अस्पतालों में पहुंचे। मृतकों के स्वजनों तक से नहीं मिलने गए।

अनुयायियों में आक्रोश नजर आया, तब सामने आए

चार दिन तक कुछ अनुयायियों का इसी को लेकर आक्रोश नजर आया। हादसे के दूसरे दिन तो सत्संग स्थल के बाहर गेट पर सरकार हरि के फोटो सहित लगे बोर्ड पर लोगों ने ईंट और चप्पल फेंके। बोर्ड उखाड़ दिया था। हादसे के बाद शनिवार को साकार हरि का पहला वीडियो प्रसारित हुआ है। यह एक न्यूज एजेंसी को दिए गए बयान का है।

दो मिनट पांच सेकंड के इस वीडियो में उन्होंने कहा है कि दो जुलाई की घटना के बाद हम बहुत ही व्यथित हैं। प्रभु हमें व संगत को इस दुख की घड़ी से उबरने की शक्ति दें। सभी शासन व प्रशासन पर भरोसा बनाए रखें। हमें विश्वास है कि जो भी उपद्रवकारी हैं, वे बख्शे नहीं जाएंगे।

सूरजपाल ने कहा है, कि हमने अपने वकील डा. एपी सिंह के माध्यम से कमेटी के महापुरुषों से ये प्रार्थना की है कि दिवंगत आत्माओं के परिजनों एवं इलाजरत घायलों के साथ जीवन पर्यंत तन-मन धन से बने रहें, जिसको सभी ने माना भी है। सभी इस जिम्मेदारी को निभा भी रहे हैं। सभी महामंत का सहारा न छोड़ें। वर्तमान समय में वही माध्यम है, सभी को सदमति और सदबुद्धि प्राप्त होने की इच्छा रखते हैं। नारायण साकार हरि की संपूर्ण ब्रह्माण्ड में सदा सदा के लिए जयजयकार हो।

कौन हैंं साकार हरि

नारायण साकार विश्व हरि का असली नाम सूरजपाल सिंह है। वे जिला कासगंज के पटियाली के बहादुर नगर के रहने वाले हैं। पिता किसान थे। एसपी सिंह बचपन में पिता के साथ खेती करते थे। जवान होने पर पुलिस में नौकरी पा ली। यूपी के 12 थानों के अलावा एलआईयू में भी रहे।

अलीगढ़ जिले के अतरौली में सिपाही पद पर तैनात रहे। पदोन्नत होकर एसआई बने। नौकरी के दौरान भी एसपी सिंह प्रवचन देते रहते थे। इस बात की चर्चा काफी होने लगी तो 18 वर्ष नौकरी करने के बाद सेवानिवृत्ति ले ली। इसके बाद प्रवचन-सत्संग शुरू कर दिए। भगवा की वजह सफेद सूट और सफेद जूते में दिखाई देते हैं। आसपास के जिलों में गांव-गांव जाकर प्रवचन दिए और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती चली गई।

सभी जाति-वर्ग के लोग इनसे जुड़े तो इन्होंने नाम बदलना उचित समझा। नारायण साकार विश्व हरि नाम रखा। श्रद्धालु इन्हें भोले बाबा नाम से भी पुकारने लगे। इनके अनुयायी उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में है। 

बाबा के बड़े-बड़े भक्त

भोले बाबा दावा करते हैं कि नौकरी छोड़ने के बाद भगवान से साक्षात्कार हुआ। उनके भक्तों में आईएएस और आईपीएस अफसर भा शामिल हैं। कई दिग्गज नेता उनके सत्संग में शामिल हो चुके हैं। बताते हैं कि वे किसी भक्त से दान दक्षिणा नहीं लेते। भक्त उन्हें सेवा के रूप में आर्थिक व अन्य रूप से सहयोग करते हैं। यूट्यूब में हजारों सब्सक्राइबर हैं। फेसबुक पर पेज भी हैं।

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