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बात सेहत की; हार्ट अटैक के कुल मरीजों में 50% युवा, 25 प्रतिशत की ही बच रही जान, CSI की वर्कशॉप में हैरान करने वाले केस

कार्डियोलाजिकल सोसाइटी आफ इंडिया यूपी चैप्टर के राष्ट्रीय अधिवेशन में युवाओं में हार्ट अटैक पर जताई चिंता। तंबाकू पूरी नींद न लेना तनाव के साथ फास्ट फूड के अत्यधिक सेवन से बढ़ी समस्या। महिलाओं में मीनोपाज 45 वर्ष के बाद ह्रदय रोग की समस्या बढ़ी है। कार्यशाला में आटिफिशियल इंटेलीजेंसी की मदद से हार्ट अटैक का पहले से पता लगाने सहित अन्य इलाज की तकनीकी पर चर्चा की गई।

By Ajay Dubey Edited By: Abhishek Saxena Published: Sun, 18 Feb 2024 01:33 PM (IST)Updated: Sun, 18 Feb 2024 01:33 PM (IST)
काेविड स्पाइक प्रोटीन से बढ़ा हार्ट अटैक का खतरा।

जागरण संवाददाता, आगरा। हार्ट अटैक (Heart Attack) के मरीजों में 50 प्रतिशत युवा हैं। मरीज अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, हार्ट अटैक पड़ने के बाद 25 प्रतिशत मरीजों की ही जान बच पा रही है। इसे रोका नहीं गया तो हालात भयावह हो सकते हैं।

होटल जेपी पैलेस में शनिवार से शुरू हुए कार्डियोलाजिकल सोसाइटी आफ इंडिया, (Cardiological Society of India) यूपी चैप्टर के दो दिवसीय कार्यशाला में में युवाओं में हार्ट अटैक की बढ़ती समस्या पर चिंता जताई गई।

मुख्य अतिथि पद्म भूषण डा . रामाकांत पांडा (मुंबई ) ने बताया कि 30 वर्ष पहले भारत में हार्ट अटैक के मरीज बहुत कम थे लेकिन अब युवाओं में ह्रदय रोग की समस्या अमेरिका से भी ज्यादा है। जिन मरीजों की बाईपास हार्ट सर्जरी की जा रही है भारत में उनकी उम्र 50 से 55 वर्ष है अमेरिका में 60 से 65 वर्ष के मरीजों की सबसे ज्यादा बाईपास सर्जरी हो रही है।

हार्ट अटैक से बच सकते हैं और कोई खर्चा भी नहीं आएगा डा . रामाकांत पांडा

पद्म भूषण डा . रामाकांत पांडा ने बताया कि हार्ट अटैक से बचने के लिए युवाओं को चार काम करने हैं। व्यायाम करें, व्यायाम करने से तनाव भी कम होता है। 30 मिनट से एक घंटा योगा करें, इसके साथ ही अपने काम को समय पर कर लें, तनाव मुक्त रहने के प्रयास करें। घर का बना हुआ वह भी प्राकृतिक खाद्य पदार्थ का सेवन करें। फास्ट फूड्र, अधिक चिकनाई और नमक वाले खाने का सेवन ना करें। तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन ना करें।

काेविड स्पाइक प्रोटीन से बढ़ा हार्ट अटैक का खतरा डा . डा विवेक गुप्ता

इंद्रप्रस्थ अपोलो हास्पिटल, दिल्ली के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डा . डा विवेक गुप्ता ने बताया कि कोरोना के बाद युवाओं में हार्ट अटैक की समस्या बढ़ी है। इसका एक बड़ा कारण कोविड स्पाइन प्रोटीन के कारण खून का थक्का जमने की आशंका बढ़ गई है। खून की नलिकाओं में कालेस्ट्राल 70 प्रतिशत तक जमा हो जाता है तो एंजाइना की समस्या हो सकती है, इसमें दर्द होता है। इसलिए कालेस्ट्रोल का स्तर कम करने की दवा लेनी चाहिए।

टाइप बी पर्सेनेलिटी से पीड़ित युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा अधिक डा . शरद चंद्रा

आयोजन सचिव केजीएमयू, लखनऊ के डा. शरद चंद्रा ने बताया कि ऐसे युवा जिनके सोने का कोई समय नहीं हैं, आठ घंटे की नींद नहीं ले रहे हैं। तंबाकू और शराब का सेवन करते हैं। तनाव भरी जिंदगी है उन्हें हार्ट अटैक का खतरा अधिक रहता है। हार्ट अटैक के मरीजों में 10 प्रतिशत की उम्र 30 से कम है।

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समय से अस्पताल पहुंचने पर बच सकती है जान डा. वीनेश जैन

आयोजन अध्यक्ष डा. वीनेश जैन ने बताया कि अचानक से पड़ने वाले हार्ट अटैक के मामलों में 50 प्रतिशत मरीज अस्पताल तक ही नहीं पहुंच पाते हैं। समय से अस्पताल पहुंचने पर मरीजों की जान बचाई जा सकती है। इसके लिए लाेगों को जागरूक होने की जरूरत है, घबराहट, बैचेनी, सीने में दर्द, कंधे और जबड़े में दर्द है तो सतर्क हो जाएं।

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ये रहे मौजूद

आयोजन अध्यक्ष डा . वीनेश जैन, सचिव डा . हिमांशु यादव, डा . अतुल कुलश्रेष्ठ, एसएन मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डा. मृदुल चतुर्वेदी, डा . सीआर रावत, डा . डीपी अग्रवाल आदि मौजूद रहे।


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