Taj Mahal Damage Due To Rain : कुछ देर का तूफान ताज को दे गया कई जख्म
Taj Mahal Damage Due To Rain शनिवार सुबह सर्वेक्षण को पहुंचे अधिकारियों ने लिया नुकसान का जायजा। शुक्रवार को अंधेरे के कारण नहीं हो सका था सही आंकलन।
By Tanu GuptaEdited By: Updated: Sat, 30 May 2020 12:23 PM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। शुक्रवार शाम आई आंधी ने दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल को क्षति पहुंचाई है। शनिवार सुबह तूफान से घायल हुए ताज की तस्वीर साफ हुई। ताजमहल में पाड़ गिरने से मुख्य मकबरे की सफेद संगमरमर की आठ और चमेली फर्श पर रेड सैंड स्टोन की तीन जालियां टूटी हैं। पश्चिमी गेट पर दरवाजे की चूल फंसाने वाला पत्थर का खांचा टूटा है। पूर्वी व पश्चिमी गेट पर पर्यटकों की सुविधा को बने शेड की फॉल सीलिंग उखड़ गई है। पेड़ों की कई डाल टूट गयी हैं और छोटे पेड़ जड़ से उखड़ गए हैं।
शुक्रवार शाम तूफान ने तबाही मचा दी। करीब 50 मिनट तक आंधी, ओले और बारिश ने जमकर कहर बरपाया। 124 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चली हवा ने तमाम पेड़ों को जड़ से उखाड़ दिया। बिजली के खंभे और साइनेज धराशाई हो गए। बिजली आपूर्ति ठप होने से देर रात तक अधिकांश क्षेत्र अंधेरे में डूबे रहे। ताजमहल में यमुना की ओर पाड़ गिरने से मुख्य मकबरे व चमेली फर्श की रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गई है।
स्मारक में अन्य नुकसान की भी सूचना है। सदर क्षेत्र में मकान ढहने से एक बालिका और फतेहाबाद में दो लोगों की मौत हो गई, करीब डेढ़ दर्जन लोगों के घायल होने की भी सूचना है। विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पशु-पक्षियों की भी जान गई है। आगरा-बयाना रेल ट्रैक पर दो स्थानों पर पेड़ गिरने से श्रमिक स्पेशल ट्रेन को स्टेशन पर रोकना पड़ा।
शुक्रवार शाम करीब सात बजे आगरा में तेज आंधी आई। इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। आंधी में ताजमहल में यमुना किनारा की तरफ मुख्य मकबरे (व्हाइट प्लेटफार्म) पर बंधी लोहे के पाइपों की पाड़ (स्केफोल्डिंग) गिर पड़ी। पाड़ जिस हिस्से में गिरी उस हिस्से की व्हाइट प्लेटफार्म पर लगी संगमरमर की रेलिंग और उसके ठीक नीचे चमेली फर्श पर लगी रेड सैंड स्टोन की जालीदार रेलिंग टूट गई। चमेली फर्श पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा पर्यटकों को यमुना किनारा की तरफ जाने से रोकने को सुरक्षा की दृष्टि से लगाई गई वुडन रेलिंग भी पाड़ गिरने से टूट गई है।
रात में अंधेरे की वजह से विभागीय अफसर स्मारक को पहुंचे नुकसान का जायजा नहीं ले सके, लेकिन इससे उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। स्मारक को और क्या नुकसान हुआ है, उसकी जानकारी सुबह ही हो सकेगी।
मार्च में बांधी गई थी पाड़ एएसआइ की रसायन शाखा ने पाड़ को मार्च में बांधा था। 17 मार्च से ताज समेत देशभर के स्मारक एएसआइ द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए एहतियातन बंद कर दिए गए थे। एएसआइ की रसायन शाखा ने स्मारक की पर्यटकों के लिए की गई बंदी को ताजमहल के गुंबद पर मडपैक को उचित माना था। उसने 19 मार्च से ताज में मुख्य मकबरे पर यमुना किनारा की तरफ पाड़ बांधना शुरू कराया था। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और 23 मार्च से आगरा में लॉक डाउन से पाड़ बांधने का काम रुक गया था।
पश्चिमी गेट पर भी मची तबाही ताज के पश्चिमी गेट पर भी आंधी ने तबाही मचाई है। यहां पश्चिमी गेट पर लगा विशाल दरवाजा ऊपरी खांचे का पत्थर टूटने से झूल गया। सीआइएसएफ के जवानों द्वारा उसे खड़ा किया गया। पश्चिमी गेट के बाहर सती उन्निसा के मकबरे के बाहर पर्यटकों की सुरक्षा जांच को लगाए गए डीएफएमडी अस्त-व्यस्त हाे गए। शेड की फॉल सीलिंग गिर पड़ी है।
'ताजमहल में यमुना किनारा की तरफ बंधी पाड़ गिरी है। अंधेरे की वजह से नुकसान की पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है। सुबह इसका आकलन कराया जाएगा। फतेहपुर सीकरी, एत्माद्दौला में कोई नुकसान नहीं हुआ है। अन्य स्मारकों की जानकारी की जा रही है।'-वसंत कुमार स्वर्णकार, अधीक्षण पुरातत्वविद, एएसआइ आगरा सर्किल
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