UP News: आगरा कलक्ट्रेट में होमगार्डों के हाथाें में 'नया हथियार', चलाने के लिए नहीं डराने के लिए कर रहे इस्तेमाल
Agra News In Hindi Today आगरा में बंदरों की संख्या काफी बढ़ चुकी है। एसएन मेडिकल कॉलेज परिसर हो या फिर आगरा का जिला मुख्यालय यहां बंदर आतंक मचाते रहते हैं। कलक्ट्रेट में अधिकारियों की गाड़ियों पर उत्पात मचाने वाले बंदरों से बचाव के लिए होमगार्डों ने गुलेल का सहारा लिया है। ये गुलेल डराने के लिए होमगार्ड इस्तेमाल कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, आगरा। कलक्ट्रेट परिसर में बंदरों का आतंक किसी से छिपा नहीं है। मोटरसाइकिल में रखा कोई सामान बचना मुश्किल रहता है और जरा सी अनदेखी होते ही कार्यालयों के जरूरी कागजात बंदर फाड़ जाते हैं। बंदरों के उत्पात से परेशान होकर अब यहां तैनात होमगार्ड गुलेल लेकर ड्यूटी कर रहे हैं।
तीमारदारों के साथ लूट तक कर चुके बंदर
कलक्ट्रेट में बंदरों द्वारा कारों की छत पर उछल कूद, बाइकों की सीट और बैग फाड़ने की घटनाएं आम हो गई हैं। पुलिसकर्मियों के सरकारी दस्तावेज फाड़ने से लेकर तीमारदारों के बैग और रुपये तक बंदर लूट चुके हैं। बंदरों से बचाव के लिए पूर्व एसएसपी अमित पाठक के समय में लंगूर की तैनाती की गई थी। लेकिन पशु प्रेमी संस्थाओं के हस्तक्षेप के चलते लंगूरों को हटाना पड़ा था। अभी कुछ समय पूर्व यहां लंगूरों के कट आउट लगाए गए थे पर बदरों ने डरने की बजाय कट आउट ही फाड़ डाले हैं।
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नहीं हैं गुलेल रखने का कोई आदेश
कलक्ट्रेट में होमगार्डों को गुलेल रखने के लिए कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। नाम न बताने की शर्त पर एक होमगार्ड ने बताया कि बंदर द्वारा किसी अधिकारी या कर्मचारी की गाड़ी का नुकसान होने पर उन्हें डांट पड़ जाती है। डंडे दिखाने पर कई बार बंदर हमलावर हो जाते हैं। ऐसे में गुलेल दिखाते ही बंदर भाग जाते हैं। बंदरों पर गुलेल का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
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