होटल निर्माण के लिए किया खेल: एएसआई की फर्जी एनओसी से सिकंदरा में बना दिया Hotel, अब खुली पोल
Agra News In Hindi सिकंदरा में अकबर के मकबरे के विनियमित क्षेत्र में एएसआई की फर्जी एनओसी से होटल निर्माण का मामला सामने आया है। एएसआई ने चार साल में कई बार एडीए को पत्र भेजकर एनओसी की प्रति मांगी लेकिन एडीए ने प्रति उपलब्ध नहीं कराई। इस मामले की जांच अभी भी जारी है। होटल निर्माण में फर्जी एनओसी का खेल अब चर्चा में है।
जागरण संवाददाता, आगरा। अकबर के मकबरे में स्थित कांच महल के विनियमित क्षेत्र में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) से होटल निर्माण का मामला सामने आया है। एएसआई द्वारा चार वर्ष में कई बार एडीए को पत्र भेजकर एनओसी की प्रति मांगी गई, लेकिन एडीए ने प्रति उपलब्ध नहीं कराई।
आयुक्त कार्यालय से भी कोई जानकारी एएसआई को नहीं दी गई। एएसआई किसी निर्माण के लिए एनओसी जारी नहीं करता है। मंडलायुक्त कार्यालय से ही एनओसी दी जाती है। अवैध निर्माण से जुड़े मामले में एडीए ने भी कोई कार्रवाई नहीं कर उसे फाइलों में दबा दिया।
अकबर के मकबरे के सामने बने होटल क्लासिक गोल्ड का नक्शा पास करने को एडीए की पत्रावली में उपलब्ध एएसआई की फर्जी एनओसी की शिकायत सिकंदरा के रवि सोलंकी ने सितंबर, 2020 में एएसआई से की थी। एएसआई ने दिसंबर, 2020 में तत्कालीन उप अधीक्षण पुरातत्वविद विनय कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की। यह माना गया कि अवैध होटल क्लासिक गोल्ड को एडीए के ध्वस्तीकरण से बचाने को एएसआई के नाम से फर्जी एनओसी एडीए की पत्रावली में जमा की गई।
एनओसी की प्रति एडीए से मांगी थी
तत्कालीन अधीक्षण पुरात्वविद वसंत स्वर्णकार ने छह जनवरी, 2021 को एडीए उपाध्यक्ष को पत्र भेजा था। उन्होंने एएसआई के नाम से जारी फर्जी एनओसी की प्रति उपलब्ध नहीं होने से जांच प्रभावित होने का हवाला देकर एनओसी की प्रति एडीए से मांगी थी।
- 22 फरवरी, 2021 को तत्कालीन उप अधीक्षण पुरातत्वविद विनय कुमार ने मंडलायुक्त को पत्र लिखा और एडीए को जांच के लिए एनओसी की प्रति उपलब्ध कराने को निर्देश देने का आग्रह किया।
- 13 अप्रैल, 2021 को तत्कालीन अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत स्वर्णकार ने एक बार फिर एडीए उपाध्यक्ष को पत्र भेजा।
- तीन नवंबर, 2022 को अधीक्षण पुरातत्वविद डा. राजकुमार पटेल ने अपर आयुक्त (प्रशासन) को एडीए के इंजीनियरों द्वारा होटल पर कार्रवाई नहीं करने के मामले में पत्र लिखा। इतनी कागजी प्रक्रिया के बाद भी एडीए ने हाेटल पर कोई कार्रवाई नहीं की। उसके असहयोग के चलते फर्जी एनओसी की जांच भी एएसआई नहीं कर सका।
समिति ने जांच में यह पाया
उप अधीक्षण पुरातत्वविद विनय गुप्ता की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने 18 मार्च, 2021 को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया कि अकबर का मकबरा स्थित कांच महल से होटल क्लासिक गोल्ड की दूरी करीब 170 मीटर और पंप हाउस से लगभग 97 मीटर है। रिकॉर्ड की जांच में होटल क्लासिक गोल्ड के नाम से कोई नोटिस नहीं मिला और न एफआइआर मिली।संरक्षण सहायक ने बताया कि उन्हें मार्च, 2016 में सिकंदरा में तैनाती मिली थी, लेकिन होटल उससे पूर्व ही बन चुका था। एडीए ने कई बार पत्र भेजे जाने के बावजूद एनओसी की प्रति उपलब्ध नहीं कराई। शिकायतकर्ता ने लोधी का मकबरा से होटल की दूरी का जिक्र किया है, लेकिन लोधी का मकबरा संरक्षित स्मारक नहीं है।
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रवि सोलंकी को एएसआइ के केंद्रीय जनसूचना अधिकारी ने सूचना का अधिकार (आरटीआइ) में नौ जनवरी, 2020 को बताया कि होटल क्लासिक गोल्ड को एनओसी जारी नहीं की गई है। अवैध निर्माण के मामलों में कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन को अवगत कराया जाता है। 12 मई, 2023 को बताया कि एडीए से प्रश्नगत एनओसी अभी तक कार्यालय में प्राप्त नहीं होने से जांच लंबित है। आयुक्त कार्यालय से प्रश्नगत एनओसी कार्यालय को नहीं मिली है। छह नवंबर को बताया कि एडीए से प्रश्नगत एनओसी इस कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है। ये भी पढ़ेंः मेरठ में मसाज पार्लर में चल रहा था देह व्यापार, नौ महिलाएं व सात पुरुष पकड़े; बैंक अधिकारी की बनाई थी अश्लील वीडियो ये भी पढ़ेंः UP News: जींस-शर्ट पहनकर शहर की सड़कों पर निकले SP ट्रैफिक मनोज यादव, ट्रिपल राइडिंग करने वालों की आई शामतमामला पुराना है। एएसआइ एक्ट में 2010 में हुए संशोधन के बाद से विभाग किसी को निर्माण या मरम्मत की अनुमति नहीं देता है। आगरा में सक्षम अधिकारी मंडलायुक्त हैं। -डा. राजकुमार पटेल, अधीक्षण पुरातत्वविद