Agra News: ताजमहल के मुख्य मकबरे में छत से कैसे रिसा था पानी? एएसआइ की जांच में सामने आई सच्चाई
Water Dripped Taj Mahal आगरा के ताजमहल में शाहजहां और मुमताज की कब्रों वाले मुख्य मकबरे में 12 सितंबर को छत से पानी टपकने की घटना हुई थी। एएसआई की लिडार तकनीक से जांच में पाया गया कि कलश की लोहे की छड़ में जंग लगने और ब्रिटिश काल में किए गए संरक्षण कार्य की खामियों के कारण यह रिसाव हुआ।
जागरण संवाददाता, आगरा। ताजमहल के मुख्य मकबरे में स्थित शाहजहां व मुमताज की कब्रों वाले कक्ष में छत से रिसा पानी टपका था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा लिडार तकनीक से कराई गई जांच में एकत्र डाटा के विश्लेषण से यह जानकारी सामने आई है। कलश (पिनेकल ) में लगी लोहे की छड़ में जंग लगने से फूले चूने के मसाले से भी पानी अंदर गया था। एएसआइ मुख्य मकबरे की छत और गुंबद पर शीघ्र काम कराएगा, जिससे कि भविष्य में पानी दोबारा नहीं रिसे।
आगरा में सितंबर में रिकार्ड वर्षा हुई थी। 12 सितंबर को ताजमहल के मुख्य मकबरे में स्थित शाहजहां व मुमजाज की कब्रों वाले कक्ष में पानी टपका था। एएसआइ के विशेषज्ञों ने प्रारंभिक जांच में कलश में लगी लोहे की छड़ में जंग लगने से फूलने पर मसाला हटने पर पानी टपकने और गुंबद के पत्थरों पर ऊपर से हो रही टीप (प्वाइंटिंग) के खराब होने से भी पानी रिसने की आशंका जताई थी।
दो जगह से पानी का रिसाव हुआ...
एएसआइ ने इसकी जांच लिडार तकनीक से करते हुए डाटा एकत्र किया था। प्रारंभिक तौर पर गुंबद के पत्थरों के ऊपर टीप कर दी गई थी। लिडार तकनीक से एकत्र डाटा के विश्लेषण से यह जानकारी सामने आई है कि दो जगह से पानी का रिसाव हुआ। मुख्य मकबरे की छत से रिसा पानी अंदर टपका था। छत पर स्थित एक गेट के पास सतह अधिक चिकनी नहीं है।यहां ब्रिटिश काल में संरक्षण कार्य कराया गया था। यहां से पानी रिसकर अंदर टपका था। कलश की छड़ के पास लगा मसाला हटने से रिसा पानी नीचे तक नहीं गया था। एएसआइ अब मुख्य मकबरे की छत और गुंबद पर संरक्षण कार्य करेगा। अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. राजकुमार पटेल ने बताया कि ताजमहल में मुख्य मकबरे की छत के संरक्षण को टेंडर किया जा रहा है। कलश और गुंबद के संरक्षण का काम दूसरे चरण में किया जाएगा।
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लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लिडार) तकनीक, सुदूर संवेदी तकनीक है। इसमें प्रकाश का उपयोग पल्स लेजर के रूप में किया जाता है। इसमें जीपीएस व स्कैनर का उपयोग करते हैं। इस तकनीक के उपयोग से मैक्सिको में प्राचीन माया सभ्यता से संबंधित स्थल के बारे में जानकारी सामने आई थी।कब क्या हुआ था
- आगरा में 10 से 12 सितंबर तक 55 घंटे तक वर्षा हुई थी। रिमझिम फुहारें पड़नें से पानी अंदर तक गया।
- 12 सितंबर को ताजमहल में मुख्य मकबरे में शाहजहां व मुमताज की कब्रों वाले कक्ष में पानी टपका था।
- 13 सितंबर को एएसआइ के अधिकारियों द्वारा ताजमहल में मुख्य मकबरे की छत व गुंबद की जांच की।
- 20 सितंबर को पुन: जांच की गई। इसमें लिडार तकनीक का उपयोग कर डाटा एकत्र किया गया।