Indian Air Force Day 2022: कमांडोज ने सर्जिकल स्ट्राइक पढ़ा यहां पाठ, आगरा PTS में MS Dhoni भी लगा चुके छलांग
Indian Air Force Day 2022 आगरा एयरफोर्स स्टेशन में है पैराट्रूपर्स ट्रेनिंग स्कूल। हर साल 43 से 45 हजार होती हैं छलांग। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धाैनी ने वर्ष 2015 में आगरा आकर लिया था विमान से छलांग लगाने का प्रशिक्षण।
आगरा, जागरण संवाददाता। Indian Air Force Day 2022: सर्जिकल स्ट्राइक याद है ना। किस तरीके से पड़ोसी मुल्क की सीमा में घुसकर भारतीय वायु सेना ने अदम्य साहस का परिचय दिया था। उरी हमले में बलिदान हुए जवानों का बदला लिया लेकिन क्या आप जानते हैं जिन कमांडोज ने सर्जिकल स्ट्राइक में भाग लिया। उन्हें इसका पाठ आगरा एयरफोर्स स्टेशन (Agra Air Force Station) स्थित पैराट्रूपर्स ट्रेनिंग स्कूल (PTS) में पढ़ाया गया था। यह पाठ इतना आसान नहीं है। इसे सीखने में कठिन मेहनत की जरूरत होती है। जरा सी गलती पूरे प्लान के लिए खतरा बन सकती है। पीटीएस में गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती है। तभी तो आगरा के पास मलपुरा ड्रापिंग जोन में हर साल 43 से 45 हजार छलांग होती हैं।
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छोटी कूद और बड़े संकल्प से होती है शुरुआत
पीटीएस में बेसिक कोर्स की शुरुआत छोटी कूद से होती है। यह कोर्स दो सप्ताह का होता है। धीरे-धीरे कूद की ऊंचाई को बढ़ाया जाता है। विमान से कूदने के दौरान हवा में किस तरीके से खुद को रखना है इसकी सीख दी जाती है। इसकी लगातार प्रैक्टिस कराई जाती है। पांच से 11 दिनों में यह कार्य पूरा हो जाता है। इसके बाद छलांग लगाना सिखाया जाता है। मलपुरा ड्रापिंग जोन में दिन में चार छलांग और रात में एक छलांग होती है।
महेंद्र सिंह धाैनी (MS Dhoni) भी लगा चुके यहां छलांग
भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के कप्तान रहे महेंद्र सिंह धाैनी भी आगरा आकर विमान से छलांग लगा चुके हैं। उन्हें एयरफोर्स ने उन्हें मानद उपाधि प्रदान की थी। इसी के चलते 2015−16 में एमएस धाैनी आगरा आए और यहां पीटीएस में पांच जंप उन्होंने की। इनमें से चार जंप दिन में व एक जंप रात में की थी। इस ट्रेनिंग के बाद एयरफोर्स ने उन्हें पैरा ट्रूपर का भी तमगा दिया है।
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आसमान से दुश्मनों पर निगाह
आगरा एयरफोर्स स्टेशन में इजरायल निर्मित एयरबार्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (अवाक्स) है। यह एएन-32 विमान में लगा हुआ है। आसमान से इसकी मदद से 450 से 500 किमी की दूरी पर निगाह रखी जा सकती है।