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MiG-29 crash: 2000 घंटे से अधिक लड़ाकू विमान उड़ा चुके हैं पायलट मनीष मिश्रा, टीम ने 900 मीटर में फैला मलबा उठाया

Mig 29 Crash In Agra Update News मिग-29 विमान क्रैश होने की जांच तेजी से चल रही है।सोमवार देर रात आगरा में नई दिल्ली प्रयागराज और लखनऊ से विशेषज्ञ पहुंचे। बघा गांव कागारौल में विशेषज्ञों की टीम ने रात में मलबा की जांच की। लड़ाकू विमान का मलबा 900 मीटर तक फैला हुआ है। मलबा को एकत्रित करने के लिए 40 से अधिक जवानों को लगाया गया है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 06 Nov 2024 07:54 AM (IST)
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भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान मिग 29 की जांच करते वायुसेना के जांच अधिकारी।
जागरण संवाददाता, आगरा। भारतीय वायुसेना के पायलट विंग कमांडर मनीष मिश्रा दो हजार घंटे से अधिक लड़ाकू विमान उड़ा चुके हैं। मनीष को सैन्य अस्पताल में रखा गया है। दो से तीन दिनों तक रहेंगे और विभिन्न मेडिकल जांच होगी। विशेष जांच के लिए मनीष को आगरा वायुसेना स्टेशन गाड़ी से ले जाया गया।

मनीष ने आठ अक्टूबर 2023 को प्रयागराज स्थित संगम क्षेत्र में हुए एयर शो में सूर्य किरण विमान से उड़ान भरी थी। पायलट मनीष मिश्रा मूलरूप से बदायूं के हैं। 20 दिसंबर 2008 को फ्लाइंग अफसर बने। मनीष को मिग विमान उड़ाने का अच्छा खासा अनुभव है। वह बेहतरीन पायलट हैं।

मनीष ने सूझबूझ का दिया परिचय

सोमवार को जिस तरीके से 304 मीटर की ऊंचाई से मनीष इजेक्शन सीट से विमान से अलग हुए। अगर मनीष अधिक ऊंचाई से विमान को छोड़ देते तो विमान बघा गांव पर गिर सकता था। इससे सैकड़ों लोगों की जान जा सकती थी लेकिन मनीष ने खेत और नाले के मध्य का स्थल चुना। खासकर खेत पूरी तरह से खाली था। आसपास कोई भी पेड़ भी नहीं था। मनीष 20 दिसंबर 2014 को स्क्वाड्रन लीडर और 2021 में विंग कमांडर बने। मनीष दो हजार घंटे से अधिक लड़ाकू विमान उड़ा चुके हैं।

पायलट मनीष।

सूर्य किरन विमान उड़ा चुके हैं मनीष

आठ अक्टूबर 2023 को प्रयागराज में भारतीय वायुसेना का 91वां स्थापना दिवस मनाया गया था। इसमें सूर्य किरण विमान शामिल हुआ था। यह लाल रंग का था। विंग कमांडर मनीष भी एयर शो का हिस्सा रहे। वहीं मिग-29 विमान क्रैश होने के बाद मनीष को निगरानी में रखा गया है। सैन्य अस्पताल में मनीष को भर्ती किया गया है। मंगलवार सुबह दस बजे के बाद कुछ देर के लिए वायुसेना स्टेशन ले जाया गया। जांच टीम ने मनीष से विमान संबंधित कई सवाल पूछे।

नई दिल्ली, प्रयागराज और लखनऊ से आई वायुसेना के विशेषज्ञों की टीम

मंगलवार को विशेषज्ञों की टीम ने पांच घंटे तक 70 ग्रामीणों से बात की। विमान का मलबा दो से तीन दिनों में उठाया जाएगा। वहीं विमान के ब्लैक बाक्स की जांच आगरा या फिर ग्वालियर में होगी। इससे दुर्घटना के कारणों का सही पता चल सकेगा। भारतीय वायुसेना की टीम बघा गांव में दुर्घटनास्थल के पास सोमवार रात में तंबू लगा दिए थे। मंगलवार सुबह नई दिल्ली, प्रयागराज और लखनऊ से आए विशेषज्ञों की टीम ने जांच शुरू कर दी। विशेषज्ञों ने दुर्घटनास्थल के आसपास पहुंचे ग्रामीणों से बात की। उनके पास जो भी वीडियो या फिर फोटोग्राफ थे। वह भी अपने पास लिए। विशेषज्ञों की टीम ने पूछा कि आखिर किस तरीके से घटना हुई।

ग्रामीणाें ने दी जानकारी

ग्रामीणों के अनुसार सोमवार शाम 4.20 बजे एक विमान तेजी से जमीन की तरफ आ रहा था। 150 मीटर की ऊंचाई पर रहे विमान ने कई बार गोल-गोल भी घूमा। विमान में आग लगी हुई थी। तेज आवाज आ रही थी। ग्रामीण भगवती देवी और रीना ने बताया कि वह खेत में घास काट रही थीं। तेज आवाज सुनी और एक विमान को जलते हुए देखा। यह देखकर वह डर गई और फिर बेहोश हो गईं।

काकपिट तीन सौ मीटर दूर पड़ा था

ग्रामीण सत्यवीर सिंह ने बताया कि विमान का शीशा 400 मीटर की दूरी पर मिला है। काकपिट के पास का कुछ हिस्सा 300 मीटर की दूरी पर पड़ा हुआ था। ग्रामीण सूरज कुमार ने बताया कि बघा गांव के पास बहा गांव है। बघा गांव के पास से होकर विमान गुजरा है। विशेषज्ञों की टीम ने एक के बाद 70 ग्रामीणों के बयान लिए। कई ग्रामीणों से फोटो और वीडियो भी लिए। विशेषज्ञों की टीम दो दिन और रहेगी। दुर्घटनास्थल पर पड़े मलबे को टीम ने अच्छी तरीके से देखा। इसके फोटो भी खींचे। विमान में कितनी मिसाइल और बम थे। इसकी भी जांच की जा रही है।

ब्लैक बॉक्स भी मिला

ब्लैक बॉक्स 80 मीटर की दूरी पर सोमवार रात मिल गया था। इसकी जांच आगरा या फिर ग्वालियर एयरबेस में होगी। सेवानिवृत्त अधिकारी वीआरएस सिंह के अनुसार ब्लैक बॉक्स में पहला फ्लाइट डाटा रिकार्डर होता है। इसमें उड़ान से संबंधित सभी तकनीकी जानकारी गति, ऊंचाई, दिशा, फ्यूल लेवल होता है। दूसरा काकपिट वाइस रिकार्डर होता है। इसमें पायलट ने भी बात करता है। दिशा निर्देश मिलते हैं। उन सभी की रिकॉर्डिंग होती है। इसकी जांच एक माह में पूरी होगी। इससे दुर्घटना के कारणों का सही पता चल सकेगा।

ग्रामीणों से वापस लिया गया शीशा और सीट 

सोमवार रात कई ग्रामीण काकपिट के ऊपर का शीशा और इजेक्शन सीट के अलावा विमान के अन्य कल पुर्जे लेकर चले गए। जांच टीम ने ग्रामीणों से बात की। ग्रामीणों ने जिन-जिन लोगों के नाम बताए। उन सभी के यहां टीम पहुंची और विमान के पुर्जे की वापसी के लिए कहा गया। कार्रवाई के डर से ग्रामीणों ने पुर्जे वापस कर दिए।

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मुश्किल से बुझ सकी आग 

लड़ाकू विमान के भूमि पर गिरने के बाद तेज आग भड़क गई। खासकर विमान में भरा हुआ फ्यूल बाहर निकल आया। इससे आग के पास किसी की भी जाने की हिम्मत नहीं हुई। सोमवार रात में दो दमकल वाहन पहुंचे। बड़ी मुश्किल से रात दो बजे के आसपास आग को बुझाया जा सका। 

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