देश के लिए बलिदान हुए आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता; छुट्टी पर घर आने की तैयारी में थे, अब तिरंगे में आएगा पार्थिव शरीर
दीपावली पर वीडियाे काल पर स्वजन से की थी आखिरी बार बात। छह महीने पहले गर्मियों की छुट्टियों में घर आए थे शुभम। जम्मू कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से भीषण मुठभेड़ में सेना के दाे कैप्टन समेत चार सैन्यकर्मी बलिदान हो गए। बलिदान होने वालों में आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता भी शामिल हैं। वह जिला शासकीय अधिवक्ता (क्रिमिनल) बसंत गुप्ता के सुपुत्र थे।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Thu, 23 Nov 2023 12:20 PM (IST)
जागरण संवाददाता, आगरा। कैप्टन शुभम गुप्ता को सेना की वर्दी पहनने का बचपन से जुनून रहा। देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा रहा। परिवार के लोग भी उनके इस जुनून को जानते थे। सेना की वर्दी पहनने का सपना पूरा करने में उनका साथ दिया।
डीजीसी के दो सुपुत्रों में बड़े हैं शुभम गुप्ता
आगरा में ताजगंज के बसई चौकी स्थित प्रतीक एंक्लेव में रहने वाले जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) फौजदारी बसंत गुप्ता के दो सुपुत्राें में 26 वर्षीय शुभम गुप्ता बड़े हैं। उनसे छोटे ऋृषभ गुप्ता हैं। शुभम की स्कूली शिक्षा सेंट जार्जेज कालेज से हुई। बारहवीं के बाद वह सेना भर्ती की परीक्षा में शामिल हुए। वर्ष 2017 में बतौर लेफ्टीनेंट पास आउट करने के बाद उनकी तैनाती जम्मू में हुई।
दिवाली पर की थी स्वजन से वीडियो काल
परिवार के करीबी लोगों ने बताया शुभम छह महीने पहले छुट्टी लेकर घर आए थे। परिवार के लोगों से उनकी आखिरी बार दीपावली पर बात हुई थी। वीडियो काल पर उन्होंने माता-पिता और छोटे भाई समेत परिवार के सभी लोगों से बात की। अगली छुट्टियों पर घर आने का वादा किया। उस समय स्वजन को नहीं मालूम था कि कैप्टन शुभम से उनकी अंतिम बार बात हो रही है। परिवार को शुभम गुप्ता के बलिदान की सूचना शाम करीब पांच बजे उनकी यूनिट के द्वारा मिली।ये भी पढ़ेंः राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ में आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता बलिदान; बचपन से थी सेना की वर्दी पहनने की तमन्ना, 9 पैरा के जाबांज थे
स्वजन ने मां पुष्पा गुप्ता को बेटे के बलिदान की सूचना कुछ देर बाद दी। बलिदानी के घर जा सकते हैं मुख्यमंत्री गुरुवार को मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ आगरा आएंगे। यहां से वह मथुरा के लिए जाएंगे।
आज शाम तक आ सकता है पार्थिव शरीर
कैप्टन शुभम गुप्ता का पार्थिव शरीर गुरुवार शाम तक आ सकता है। उनके रिश्तेदारों ने बताया कि इसके लिए स्वजन जम्मू की कैप्टन की यूनिट के संपर्क में हैं। जिसने भी सुना दौड़ा चला आया कैप्टन शुभम गुप्ता के बलिदान की खबर को जिसने भी सुना वह प्रतीक एन्क्लूेव की ओर दौड़ा चला आया। देर रात तक लोगों उनके आवास पर तांता लगा रहा। बलिदानी की कालोनी के बाहर सैकड़ों वाहन खड़े हो गए। व्यवस्थाओं काे सुचारू रखने के लिए पुलिस तैनात करनी पड़ी।
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