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Indian Railway News: ट्रेन पकड़ नहीं पा रही रफ्तार, चेन पुलिंग बिगाड़ रही आगरा में इन ट्रेनाें की गति का गणित

Indian Railway News दो माह में 650 हुईं चेन पुलिंग की घटनाएं। किसी भी ट्रेन रुकने पर दस से 17 मिनट तक का पड़ता है असर। आधा दर्जन ट्रेन हैं जिनमें हर दिन पांच से दस बार चेन पुलिंग होती है। सबसे अधिक चेन पुलिंग कोसीकलां से पलवल के बीच।

By amit dixitEdited By: Prateek GuptaUpdated: Tue, 11 Oct 2022 10:11 AM (IST)
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Indian Railway News: आगरा रेल मंडल में कोसी से पलवल के बीच सबसे ज्यादा चेन पुलिंग होती है।

आगरा, अमित दीक्षित। ट्रेन पुलिंग की घटनाओं पर रेल मंत्रालय सख्त है। आगरा रेल मंडल में चेन पुलिंग की घटनाओं ने ट्रेनों की रफ्तार बिगाड़ दी है। ट्रेनों की समयबद्धता में तेजी से कमी आई है। एक बार चेन पुलिंग से ट्रेन को दोबारा रफ्तार पकड़ने में दस से 17 मिनट तक लगते हैं जबकि चेन पुलिंग करने वालों को आरपीएफ पकड़ने में नाकाम है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दो माह में 650 घटनाएं हुई हैं। आधा दर्जन ट्रेन ऐसी हैं जिसमें हर दिन पांच से दस बार चेन पुलिंग होती है।

इस वजह से हो रही चेन पुलिंग

आगरा से दिल्ली रेल खंड में सबसे अधिक चेन पुलिंग कोसीकलां से पलवल के बीच होती हैं। इस क्षेत्र में सबसे अधिक दूधिए चढ़ते हैं। अधिकांश के पास टिकट भी नहीं होता है। वहीं आगरा कैंट रेलवे स्टेशन, आगरा फोर्ट और मथुरा जंक्शन स्टेशन के आसपास चेन पुलिंग होती है। यहां पर सामान उतारा जाता है।

इसलिए दी गई चेन

प्रत्येक कोच में तीन से चार जगहों पर चेन दी गई है। चेन का प्रयोग आपातकाल में करने की छूट है लेकिन अक्सर यात्री अपनी सुविधा के लिए इसका प्रयोग कर रहे हैं। नियमानुसार यह गलत है।

इन ट्रेनों में सबसे अधिक चेन पुलिंग

हबीबगंज- निजामुद्दीन एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, एपी एक्सप्रेस, ऊधमपुर साप्ताहिक एक्सप्रेस, कोटा-पटना एक्सप्रेस, केरला एक्सप्रेस।

यह होता है नुकसान

चेन पुलिंग से ट्रेनों के ब्रेक शू जल्द घिस जाते हैं। इससे इन्हें बदलना पड़ता है। कई बार तेज गति से दौड़ रही ट्रेन में चेन खींचने पर यह पहिये में चपक जाते हैं। रेलवे को इस साल चेन पुलिंग से लाखों रुपये का नुकसान होता है। 

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