महंगाई की मार : गैस ने बिगाड़ दिया जायका और रसोई का बजट
जेब हो रही ढीली आम लोगों की मुसीबतें बढ़ीं ग्राहक पंचायत व सेवा आगरा इकाई ने दी आन्दोलन की चेतावनी
आगरा, जागरण संवाददाता। दिनों दिन बढ़ती महंगाई ने लोगों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत ने कामकाजी वर्ग की बेचैनी बढ़ा दी है, तो रसोई के बाद अब प्राकृतिक गैस के दाम में बढ़ोत्तरी की वजह से महिलाओं के किचन का बजट बिगाड़ दिया है। आगरा जैसे शहर के लिए मुश्किल और भी ज्यादा है। ताज संरक्षित क्षेत्र होने के कारण यहां के लोग मान्य ईंधन ही प्रयोग कर सकते हैं। ग्रीन इनर्जी के रूप में उनके पास प्राकृतिक गैस ही एकमात्र विकल्प है। एक बड़ा असर नागरिक परिवहन पर पड़ रहा है। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत व सेवा आगरा इकाई ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आन्दोलन की चेतावनी दी है।
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के जिला अध्यक्ष मुरारी लाल गोयल का कहना है कि पहले रसोई गैस की कीमतें तो बढ़ती थीं, लेकिन बैंक अकाउंट में थोड़ी-बहुत सब्सिडी वापस आने से लोगों को कुछ राहत थी। लेकिन पिछले साल से सब्सिडी भी बैंक अकाउंट में वापस नहीं आ रही है और साथ ही रसोई गैस के दाम भी लगातार बढ़ रहे है। प्राकृतिक गैस का भी यही हाल है।
उपाध्यक्ष वी के अग्रवाल का कहना है कि पेट्रोल के भाव ने भी कामकाजी लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। महंगाई बढ़ने से लोगों की जेब ढीली हो रही है। शीघ्र इस मामले को लेकर वह आगरा सेवा इकाई के साथ आन्दोलन करेंगे।
सेवा आगरा की महिला इकाई की जिला अध्यक्ष सुमन गोयल, उपाध्यक्ष ओमवती गुप्ता, अमिता गुप्ता, शिवानी रस्तोगी, मिथिलेश अग्रवाल, मधु सबनानी व दीपा शीतलानी का कहना है कि सरकार को डीजल, गैस आदि के दाम सोच समझ कर बढ़ाने चाहिए। क्योंकि इसकी बढ़ोत्तरी से अंतिम उपयोगकर्ता ही प्रभावित होता है। आटो संचालक हों या फिर कैब संचालक, मामूली बढ़ोत्तरी होने पर भी अच्छा खासा इजाफा कर देते हैं।