Agra Triple Murder Case: बचपन के झगड़ों का गवाह आंगन, अपनों के खून से हुआ लहूलुहान, पिता और दो भाइयों की मौत
Agra Triple Murder Case Inside Story बंटवारा बराबर का न किया तो अच्छा नहीं होगा एलान कर चुके थे हत्यारोपित। तीन लोगों की हत्या के बाद दहशत के चलते दरवाजे पर नहीं पहुंचे ग्रामीण। गढी कालिया फतेहपुर सीकरी से सांसद राजकुमार चाहर का पैतृक गांव है। बेरी चाहर का मजरा है। गांव में 150 से अधिक मकान हैं। इसकी आबादी 500 से अधिक है।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Wed, 26 Jul 2023 08:23 AM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। बंटवारा बराबर का न किया तो अच्छा नहीं होगा, हत्यारोपित तीन दिन पहले ही अपने कई परिचितों से यह कह चुके थे। ग्रामीणों को लगा कि पारिवारिक विवाद है, आपस में बैठकर सुलझ जाएगा। गांव में हत्यारोपित भानू प्रताप सिंह और हरवीर सिंह की दबंग की छवि है। मंगलवार को तिहरे हत्याकांड के बाद दहशत के चलते ग्रामीण उनके दरवाजे पर नहीं पहुंचे। उन्हें डर था कि हत्यारोपित उनसे रंजिश न मान जाएं। मौके पर पहुंची पुलिस के बुलाने के बाद ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे।
पुलिस को करीबी लोगों ने दी जानकारी
परिवार के करीबी लोगों ने पुलिस को बताया कि हत्यारोपित भानू प्रताप सिंह, हरवीर सिंह और जय प्रकाश पिता द्वारा किए गए बंटवारे से अप्रसन्न थे। वह रिश्तेदारों में भी कह चुके थे कि पिता ने उनके साथ अच्छा नहीं किया है। सभी भाइयों को बराबर हिस्सा मिलना चाहिए था। जबकि राजेंद्र सिंह उनकी पत्नी सिया बड़े बेटे सोम प्रकाश और छोटे हेम प्रकाश द्वारा की जाने वाली सेवा से प्रसन्न थे। वह दोनों बेटों को ज्यादा मानते थे।
पंचायत के बहाने बुलाया
गांव में चर्चा है कि जय प्रकाश, भानू प्रताप सिंह हरवीर और पिता और दोनों भाइयों को पंचायत के बहाने गांव में बुलाया था। वह पहले से ही हत्या की पहले से तैयारी करके बैठे थे।इसीलिए उन्होंने हमले में कुल्हाड़ी और तलवार का प्रयाेग किया। कमरे में संघर्ष के निशान नहीं थे। फर्श पर खून बिखरा हुआ था। परिस्थितियां बता रही थीं कि राजेंद्र और दोनों बेटों को संभलने का मौका नहीं मिला।पुलिस का कहना है कि हत्यारोपितों की गिरफ्तारी के बाद ही सारी चीजें सामने आ सकेंगी।खून की होली देख कमरे में कैद हो गई थी आरती
पति और दोनों देवरों के सिर पर खून सवार देख आरती भी दहशत में आ गई थी। उसे डर था कि पति और देवरों को रोकने पर कहीं वह उसकी भी हत्या न कर दें। उसने खुद को कमरे में बंद कर अंदर से कुंडी लगा ली। चीखों की आवाजें उसके कानों तक जा रही थीं, लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह कमरे से बाहर कदम रखे। चीखें आना शांत होने के बाद उसने 112 नंबर पर सूचना दी। पुलिस घर पर पहुंची तो अंदर कमरे में तीन लोग लहूलुहान पड़े थे। घर में कोई दिखाई नहीं दे रहा था।
पुलिस की आवाज सुनकर खाेला कमरा
पुलिस वालों की आवाज सुनकर आरती ने कमरा खोला, वह सामने बने कमरे की ओर गई, शवों को देखते ही बेहोश हो गई। पुलिसकर्मियों ने गांव की महिलाओं को बुलाकर उसे कमरे में पहुंचाया।पानी डालकर वह उसे होश में लेकर आईं। आरती का पुलिस से कहना था कि डर के चलते उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया था।बचपन के झगड़ों का गवाह आंगन, अपनों के खून से हुआ लहूलुहान
पांचों भाइयों के बचपन में झगड़े और सुलह का आंगन कभी गवाह रहा था। मंगलवार को वह अपनों के ही खून से लहूलुहान था। राजेंद्र का मकान गांव से थोड़ा बाहर पड़ता है। घर काफी बड़ा होने के चलते उसके अंदर होने वाली गतिविधियों की बाहर के लोगों को पता नहीं चलता। यही कारण था कि खूनी खेल के शिकार हुए सोम प्रकाश, हेम प्रकाश और उनके पिता राजेंद्र सिंह की चीखें भी घर से बाहर तक नहीं आ सकीं। पुलिस की गाड़ियां पहुंचने पर लोगाें को तिहरे हत्याकांड का पता चला।
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गढी कालिया में तिहरे हत्याकांड की जानकारी होने पर पुलिस आयुक्त डा. प्रीतिंदर सिंह, अपर पुलिस आयुक्त केशव चौधरी समेत अन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए। ग्रामीणाें द्वारा बवाल की आशंका पर खेरागढ़ और सैंया सर्किल समेत सात थानों की पुलिस मौके पर बुला ली गई।अपनों के खून से हाथ रंगने की प्रमुख घटनाएं
- 3 जुलाई: खंदौली में झूठी शान के लिए भाई ने बहन की गोली मारकर हत्या कर दी।
- 29 जून: फतेहपुर सीकरी में ससुर ने बहू का सिर कुल्हाड़ी से काटकर अलग कर दिया।
- 10 जनवरी: जगदीशपुरा में पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर पति की हत्या की।
- 9 जून: सिकंदरा में ककरैठा के जंगल में जूता कारोबारी अंजली बजाज की हत्या की साजिश में उनकी बेटी का हाथ निकला।
- 6 जूृन: सीआरपीएफ के सेवानिवृत्त जवान ने पत्नी के सिर में सात गोलियां मारकर हत्या कर दी।
- 4 जनवरी: डौकी में संपत्ति के विवाद में सौतेले भाई की हत्या।
- 26 नवंबर: शाहगंज के रूई की मंडी बाजार में संपत्ति के लिए भाई ने बहन की गोली मारकर हत्या कर दी।