फर्जी आयकर अधिकारी की कहानी, हर बार बदलते थे आइडी ताकि शक न हो, ब्लैकमनी वाले व्यापारियों के घर मारते थे छापा
Agra Crime News दिनकर मिश्रा ने सोमवार को फर्जी आइडी उन्हें आगरा में उपलब्ध कराई थीं। पहचान पत्र पर फोटो धुंधली रखते थे। जिससे कि चेहरा स्पष्ट नहीं हो। इस तरह के कारोबारियों के घर छापा मारने पहुंचते थे जिनके पास काला धन हो और वे शिकायत न कर सकें।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Wed, 07 Jun 2023 07:03 AM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा में सैंया पुलिस ने मंगलवार की रात चेकिंग के दौरान फर्जी आयकर अधिकारियों की टीम को गिरफ्तार किया। गिरोह फिल्म स्पेशल 26 की तरह प्रतिष्ठानों और घरों पर छापा मारकर ठगी करते थे। ऐसे व्यापारियों को निशाना बनाता था, जहां उसे काला धन मिलने की उम्मीद होती थी। आरोपितों से पुलिस को असिस्टेंट कमिश्नर और क्राइम सर्विलांस एंड इंटेलीजेंस काउंसिल के फर्जी पहचान पत्र, मोबाइल, डेबिट कार्ड और आठ मोबाइल मिले हैं। गिरोह के सदस्य नोएडा और दिल्ली के रहने वाले हैं।
फर्जी टीम के आगरा से जाने की मिली थी सूचना
पुलिस के अनुसार मंगलवार की रात को फर्जी आयकर अधिकारियों की टीम के सैंया से होकर जाने की सूचना मिली थी। पुलिस ने चेकिंग के दौरान टीम के सात सदस्यों को कार समेत दबोच लिया। पूछताछ में आरोपितोंं ने बताया कि टीम उन्होंने फिल्म स्पेशल 26 देखने के बाद बनाई थी। वह उन्हीं व्यापारियों के घरों और प्रतिष्ठानों पर छापा मारते थे, जहां से काला धन मिलने की उम्मीद होती थी। जिससे कि वह कहीं शिकायत नहीं करने नहीं जाएं। इससे उन्हें अच्छी कमाई होती थी।
असिस्टेंट कमिश्नर की फर्जी आइडी दिलाता था युवक
गिरोह ने बताया कि असिस्टेंट कमिश्नर की फर्जी आइडी उन्हें गंजडुंडवारा कासगंज निवासी दिनकर मिश्रा उपलब्ध कराता था। वह हर छापे पर अपनी आइडी बदल देते थे। जिससे किसी को शक न हो। इस खेल में उसके साथ जाकिर नगर दिल्ली निवासी इमरान भी शामिल है। इंस्पेक्टर सैंया समरेश सिंह ने बताया कि टीम ने कितने व्यापारियों के यहां छापा मारकर ठगी की, इसकी जानकारी की जा रही है। उनके साथियों को भी गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है।इमरान करता था व्यापारी की रेकी
आयकर अधिकारियों की फर्जी टीम इमरान की रेकी के बाद छापा मारती थी। आरोपितों ने बताया कि व्यापारी की छानबीन और उसके आय के स्रोतों का पता लगाने का जिम्मा इमरान का था। वह दो से तीन सप्ताह में व्यापारी की कमाई का पूरी जानकारी जुटाता था। टीम को पूरा विवरण बताता, जिसके बाद आयकर अधिकारी बनकर टीम वहां छापा मारती थी। इसमें आने वाला सारा खर्चा इमरान और दिनकर उठाते थे।
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