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Agra News: सड़क निर्माण में 50 करोड़ का भ्रष्टाचार, बिहार के इंजीनियर आरके सिंह ने आगरा में किया बड़ा 'खेल'

Corruption In Road Construction Agra News शासन के आदेश हैं कि नई सड़कों के बनने के कुछ दिनों के बाद निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए। नमूना लेकर लोक निर्माण विभाग की लैब में भेजा जाना चाहिए या फिर निजी लैब से इसकी जांच कराई जा सकती है। विगत आठ साल में हरीपर्वत जोन का एक भी सड़क का नमूना फेल नहीं हुआ है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 08 Jul 2024 08:57 AM (IST)
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Agra News: भ्रष्टचार में फंसे आरके सिंह। सांकेतिक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।
जागरण संवाददाता, आगरा। स्मार्ट सिटी के पूर्व नोडल अधिकारी आरके सिंह ने सड़कों के निर्माण में 50 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया है। यह भ्रष्टाचार नगर निगम में 14वें और 15वें वित्त आयोग में मिली धनराशि में किया गया है। सड़कों की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। नई सड़कों की निर्माण सामग्री के नमूने नहीं लिए गए।

हरीपर्वत जोन की कई सड़कें बनने के कुछ माह के बाद ही धंस गईं या फिर उनमें गड्ढे हो गए। घटिया गुणवत्ता की जो भी शिकायतें हुईं। जोनस्तर से उन सभी की ठीक से जांच नहीं हुई।

बिलासपुर, पटना (बिहार) के इंजीनियर आरके सिंह आठ साल से नगर निगम में तैनात हैं। वह आगरा स्मार्ट सिटी के पहले नोडल अधिकारी रहे। आरके सिंह सबसे अधिक हरीपर्वत जोन में तैनात रहे। ताजगंज जोन का चार्ज रहा। नगर निगम को 14वें और 15वें वित्त आयोग से 700 करोड़ रुपये की धनराशि मिली है। 200 करोड़ रुपये से अधिक से सड़कों का निर्माण किया गया है।

ग्वालियर रोड निवासी अशोक कुशवाहा का कहना है कि चहेते ठेकेदारों को टेंडर देने के लिए नियम और शर्तों में बदलाव किया गया। इसकी जानकारी निगम के उच्च अधिकारियों को नहीं दी गई। कई ऐसी शर्त जोड़ दी गईं जो चहेते ठेकेदार के पास ही थीं। इससे टेंडर आसानी से मिल गया।

टेंडर में 20 से 25 प्रतिशत का कमीशन लिया गया। एक बार कार्य शुरू होने के बाद आरके सिंह अधिकांश सड़कों की जांच करने नहीं गए। जूनियर इंजीनियर या फिर सहायक इंजीनियर को भेजा गया। हर फाइल में हस्ताक्षर किए गए। सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता की ठीक से निगरानी न होने के चलते यह जल्द खराब होने लगीं। सबसे अधिक सड़कें हरीपर्वत जोन की धंसी या फिर गड्ढे हुए हैं। इसे लेकर शिकायतें भी हुईं, इन्हें दबा दिया गया।

अधिशासी अभियंता की ओर से नहीं मिली प्रतिक्रिया

अधिशासी अभियंता आरके सिंह का पक्ष जानने को उन्हें फोन किया गया, लेकिन काल रिसीव नहीं हुई। इसके बाद उन्हें टेक्स्ट और वाट्सएप मैसेज किया, लेकिन प्रतिक्रिया नहीं मिली।

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एक भी नमूना नहीं हुआ फेल

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नगर निगम के अधिशासी अभियंता आरके सिंह के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू हो गई है। शिकायतकर्ता से सभी दस्तावेज मांगे गए हैं। जल्द ही बयान के लिए भी बुलाया जाएगा। राजेश कुमार, अपर आयुक्त प्रशासन

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