Indian Railway: आगरा रेल मंडल के आइसोलेशन कोच नहीं आएंगे पटरी पर.... ये है कारण
Indian Railway पिछले साल मई माह में कोरोना संक्रमण को देखते हुए आगरा मंडल में 28 आइसोलेशन कोच तैयार किए गए थे। लंबे समय तक ये कोच कैंट स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर छह पर खड़े रहे। कई माह तक इनकी आवश्यकता नहीं पड़ी।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में कोरोना के नए मामलों में लगातार कमी आई है। एसएन मेडिकल कालेज में अब कोरोना का कोई मरीज नहीं है। कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रित होने के बाद रेलवे के आइसोलेशन कोच का दोबारा यात्री कोच बनाने की बात चल रही है। मगर, आगरा रेल मंडल के आइसोलेशन कोच दोबारा ट्रैक पर नहीं आएंगे। रेलवे के अनुसार आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किए गए कोच पहले ही ट्रैक पर दौड़ने के लिए आउटडेटेड हो चुके हैं।
पिछले साल मई माह में कोरोना संक्रमण को देखते हुए आगरा मंडल में 28 आइसोलेशन कोच तैयार किए गए थे। लंबे समय तक ये कोच कैंट स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर छह पर खड़े रहे। कई माह तक इनकी आवश्यकता नहीं पड़ी और ट्रेनों का संचालन शुरू होने के बाद रेलवे प्रशासन ने इन कोचों को यार्ड में खड़ा करवा दिया। अब ये कोच यार्ड में धूल फांक रहे हैं। यात्री काेच को आइसोलेशन कोच में बदलने के लिए रेलवे ने करीब 56 लाख रुपये खर्च किए। अब रेलवे द्वारा लगातार नई ट्रेनें संचालित की जा रही हैं। इसके अलावा रेलवे बोर्ड पैसेंजर ट्रेनों को शुरू करने की तैयारी में है। ऐसे में यात्री कोचों की आवश्यकता पडे़गी। इसको देखते हुए रेलवे आइसोलेशन कोचों को फिर से यात्री कोच में बदलने की तैयारी में है। रेलवे बोर्ड द्वारा जल्द ही इसको लेकर निर्णय लिया जा सकता है। मगर, आगरा मंडल के 28 कोच में से शायद ही कोई कोच पटरी पर आएगा। आगरा रेल मंडल के पीआरओ एसके श्रीवास्तव ने बताया कि जिन कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदला गया उसमें से अधिकांश आइसीएफ कोच हैं। ये कोच चलन से बाहर हो गए हैं। अब ट्रेनों में एलएचबी लगाए जा रहे हैं। इसके बाद जो रेलवे बोर्ड का आदेश होगा, उसके अनुसार काम किया जाएगा।