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मां ने ही करा दी बेटे-बहू की हत्या, मामा ने मारी गोलियां- पुलिस से बोली- मुझे डर था कि मेरी बहू और बेटा...

चार कारतूस के खोखे और कैला देवी मंदिर का प्रसाद रखा था। एक खोखा कार के बाहर पड़ा मिला। यह कार विकास के गांव ईंटकी धौलपुर निवासी मामा रामबरन की थी। पिता जितेंद्र सिंह ने करौली पुलिस को बताया था विकास और दीक्षा की 10 माह पहले ही शादी हुई थी। सीसीटीवी फुटेज में दंपती के साथ मंदिर में मामा के गांव का व्यक्ति चमन खान भी नजर आया।

By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sat, 02 Nov 2024 12:16 AM (IST)
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पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
जागरण संवाददाता, आगरा। दीपों के पर्व पर जब दीप झिलमिल हो रहे थे, तब एक मां ने अपने ही घर का दीपक-ज्योति बुझाकर अंधकार कर लिया। अपने बेटे और बहू की गोली मारकर हत्या करा दी। मारने वाला कोई और नहीं लड़के का सगा मामा है, जिसके साथ उसका चालक भी शामिल था।

हत्यारोपित मां का आरोप है कि बहू-बेटे का चाल-चलन ठीक नहीं था। उसे डर था कि बेटे-बहू के राज खुलेंगे तो, उनका सामाजिक बहिष्कार हो जाएगा। करौली (राजस्थान) में थाना मासलपुर के गांव भोजपुर में 30 अक्टूबर को अछनेरा के विकास सिसौदिया और उनकी पत्नी दीक्षा की सेंट्रो कार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

10 महीने पहले ही हुई थी शादी

कार में चार कारतूस के खोखे और कैला देवी मंदिर का प्रसाद रखा था। जबकि एक खोखा कार के बाहर पड़ा मिला। यह कार विकास के गांव ईंटकी धौलपुर निवासी मामा रामबरन की थी। पिता जितेंद्र सिंह ने करौली पुलिस को बताया था, विकास और दीक्षा की 10 माह पहले ही शादी हुई थी। सीसीटीवी फुटेज में दंपती के साथ मंदिर में मामा के गांव का व्यक्ति चमन खान भी नजर आया। वह चार दिन से विकास को कार चलाना सिखा रहा था।

दंपती को वही करौली लेकर गया था। पुलिस ने चमन से पूछताछ की तो, पता चला कि उसने ही रामबरन के साथ मिलकर विकास और दीक्षा की हत्या की थी। उसने कार चलाना सिखाने की कह चालक सीट पर विकास को बैठाया और दीक्षा को पिछली सीट पर भेज दिया। रास्ते में कार रुकवाई, वहां रामबरन आ गया और उसने भांजे और बहू की गोलियां मार हत्या कर दी।

पुलिस से बोली- इस वजह से करानी पड़ी हत्या 

एसपी करौली ब्रजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि विकास का मामा रामबरन पहले तो स्वयं को निर्दोष बताता रहा। पुलिस ने जब उसे सीसीटीवी फुटेज होने की बात कही तो उसने स्वीकार कर लिया कि भांजे विकास और बहू दीक्षा को उसने ही गोलियां मारी थीं। उसकी बहन ललिता ने उसे ऐसा करने को कहा था। पुलिस ने ललिता को भी पकड़ लिया है। पुलिस के अनुसार ललिता का कहना था कि वह बेटे-बहू के चाल-चलन से आहत थी। इसके चलते उनकी हत्या करानी पड़ी। हत्याकांड में मां और मामा का हाथ होने की बात सुन ग्रामीण भी हैरान हैं। करौली पुलिस ने तीनों आरोपितों को गुरुवार को जेल भेज दिया।

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