Agra: 'बिना मुहुर्त राम मंदिर के शिलान्यास से मिली चुनावों में हार', बीजेपी की पराजय पर शंकराचार्य का बड़ा बयान
Agra News In Hindi शंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानंद सरस्वती दो दिवसीय प्रवास में रविवार को आगरा में आए। उन्होंने शंका समाधान में कही यह बात। इस्कान को लेकर बोले स्वयं हिंदू नहीं लेकिन अनुयायी बने हिंदू। भाजपा की हार पर उन्होंने कहा कि जहां प्रभु श्रीराम थे वहां बंटाधार हो गया। इसके पीछे शुभ मुहुर्त का न होना बहुत बड़ा कारण है।
जागरण संवाददाता, आगरा। लोकसभा चुनाव में अयोध्या, चित्रकूट और नासिक में हुई भाजपा की हार पर चल रहे तंज के बीच रविवार को गोवर्धन पुरी पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गगुरु शंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानंद सरस्वती ने भी बयान जारी किया।
दो दिवसीय प्रवास के दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर में श्रीरामलला की स्थापना बिना मूहुर्त के हुई, इस सिद्ध बात का हमने विरोध किया। पूजन में सनातन परंपरा का ध्यान नहीं रखा। परिणाम लोकसभा चुनावों में अयोध्या, चित्रकूट और नासिक से मिला, जहां स्वयं प्रभु श्रीराम रहे थे, वहीं भाजपा का बंटाधार हो गया।
पूर्व सांसद के यहां धर्मसभा
शास्त्रीपुरम पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय के आवास पर चल रही धर्मसभा में रविवार को शंकराचार्य श्रद्धालुओं की शंकाओं का समाधान कर रहे थे। एक श्रद्धालु के इस्कान संस्था को मानने और गुरु दीक्षा लेने पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि पहले अंग्रेज व्यापारी बनकर आए और शासक बन गए। अब चोला बदलकर धर्म की आड़ में देश में घुसे हैं।ये भी पढ़ेंः वृंदावन के गेस्टहाउस में चल रहा था ऐसा काम, पुलिस की छापामार कार्रवाई से मच गई भगदड़, आगरा से आते थे लोग
शंकराचार्य ने कहा, कि चिंता यह है कि वह खुद को हिंदू नहीं कहते, लेकिन हिंदुओं के बीच स्थापित हो चुके हैं। विडंबना है कि हिंदू भी उन्हें पूरी मान्यता देने के साथ उन्हें गुरु रूप में पूज रहे हैं। वह स्वयं को हिंदू नहीं बताते, लेकिन हिंदू उनके अनुयायी बन गए हैं, उनकी पूजा पद्धति का अनुसरण करते हैं, उनके गुरु से दीक्षा लेते हैं।
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