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एटा दरगाह मामला: सौ बैनामे और सोता रहा प्रशासन, पांच एकड़ जमीन पर बसा दी पूरी बस्ती, अब बुलडोजर चलाने की तैयारी

जलेसर की दरगाह में जब से 99 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया है। कोई न कोई नया प्रकरण सामने आ रहा है। एक स्थान पर खोदाई के दौरान हनुमान और शनिदेव की मूर्ति निकलीं। इसके बाद यहां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने छानबीन की।

By Abhishek SaxenaEdited By: Updated: Fri, 22 Apr 2022 01:21 PM (IST)
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भूमि में बने अवैध मकानों पर चल सकता है बुलडोजर

आगरा, जागरण टीम। एटा में जलेसर स्थित बड़े मियां की पूर्व दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों को भू माफिया सूची में दर्ज किया जा सकता है। इसके लिए प्रशासन ने कमेटी के पदाधिकारियों का फीडबैक शासन को भेजा है।

पांच एकड़ भूमि ऐसी मिली है जिस पर कमेटी के पदाधिकारियों का अवैध कब्जा है और इसमें से 100 से भी अधिक बैनामा कर दिए गए। प्रशासन बुलडोजर चलाने की भी तैयारी कर रहा है। यही वजह है कि अवैध कब्जा धारकों को भू माफिया घोषित कराने की तैयारी है।

अवैध रूप से बसा दी बस्ती

जलेसर कस्बा के मुहल्ला सादात में सरकारी भूमि पर कब्जा करके दरगाह कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अकबर अली और उसके अन्य पदाधिकारियों ने प्लाटिंग करके जमीन बेच दी, जिस पर मकान बना लिए गए और अवैध रूप से पूरी बस्ती बसा दी। प्रशासन का कहना है कि यह जगह अवैध कब्जा धारकों से मुक्त कराई जाएगी। राजस्व टीम ने इस जगह को लेकर जांच की थी, जिसमें अवैध कब्जे पाए हैं।

एसडीएम जलेसर अलंकार अग्निहोत्री ने बताया कि मुहल्ला सादात में जिस जगह पर अवैध कब्जे किए गए हैं वह पांच एकड़ भूमि है जोकि नगर पालिका की संपत्ति है, लेकिन दबंगई से आरोपित कब्जे करते चले गए, इसे मुक्त कराया जाएगा। शासन को मामले की जांच रिपोर्ट भेज दी गई है।

अपना पक्ष रखने नहीं आ रहे पदाधिकारी

दरगाह कमेटी द्वारा किए गए 99 करोड़ के गबन को लेकर जो एफआइआर दर्ज हुई है उसमें धारा 420 लगी है। जलेसर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शंभूनाथ ने बताया कि नियमानुसार जो आरोप लगे हैं पहले उसकी जांच होती है और जिसके खिलाफ एफआइआर दर्ज है उसे जांच में सहयोग करना चाहिए। सीधी गिरफ्तारी का प्रावधान जांच में दोषी पाए जाने पर ही होता है। दरगाह कमेटी के पदाधिकारी अपना पक्ष रखने के लिए सामने नहीं आ रहे, वे भागे हुए हैं।

जलेसर स्थित बड़े मियां की दरगाह की भूमि वक्फ बोर्ड की है या नहीं इस बारे में जानकारी नहीं है, अभिलेख देखकर ही पता चल सकेगा। अभिलेख देखकर ही पता चल पाएगा कि बोर्ड ने सर्टिफिकेट किस परिस्थिति में जारी किया है। जलेसर स्थित दरगाह मामले में क्या विवाद है इस बारे में जानकारी नहीं मिली है। इस बारे में पता किया जा रहा है।- जफर अहमद फारुखी, चेयरमैन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, उत्तर प्रदेश

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