जलेसर दरगाह प्रकरण: वक्फ ने माना कमेटी ने किया 10.5 करोड़ का गबन, पढ़िए क्या है मामला
शनिदेव एवं बड़े मियां दरगाह कमेटी द्वारा बेची गई सरकारी जमीन पर मकान बनाने वाले आठ लोगों ने कमेटी के खिलाफ शिकायती पत्र प्रशासन को सौंपे। इन पत्रों में कहा गया है कि कमेटी वालों ने छल फरेब से सरकारी संपत्ति का उनके नाम बैनामा कर दिया।
आगरा, जागरण टीम। यूपी के एटा जनपद की जलेसर में बड़े मियां दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों के विरुद्ध दर्ज हुई 99 करोड़ रुपये के गबन की एफआइआर में शासन ने साढ़े दस करोड़ रुपये का गबन माना है। मामले की जांच शासन ने अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग विभाग से कराई थी।
यह जांच रिपोर्ट विभाग को मिलने के बाद अब अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने पुलिस को मामले में न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। गबन व कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा सरकारी जमीन बेचने के सभी मामलों की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है।
99 करोड़ रुपये के गबन का था आरोप
12 अप्रैल को जलेसर देहात ग्राम पंचायत के प्रधान शैलेंद्र राजपूत ने दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अकबर अली सहित नौ पदाधिकारियों के विरुद्ध 99 करोड़ रुपये के गबन की एफआइआर जलेसर कोतवाली में दर्ज कराई थी। मामला जब अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के पास पहुंचा तो त्रिस्तरीय जांच समिति गठित कर दी गई।
समिति के सदस्य एटा आए और उन्होंने मामले की जांच की। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट पिछले महीने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के उप सचिव शकील अहमद सिद्दीकी को सौंपी।
चढ़ावे की धनराशि का है मामला
समिति ने यह माना कि आरोपितों द्वारा अनियमित रूप से प्रबंध समिति रजिस्टर्ड कराई थी और दो वर्ष यानी कि 2017 और 2018 में चढ़ावे की धनराशि 1 करोड़ 8 लाख रुपये आई। वर्ष 2000 से लेकर 2017 के मध्य 9.5 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जिसका कमेटी के पदाधिकारियों ने गबन किया।
उप सचिव ने जिलाधिकारी एटा को 16 अगस्त 2022 को भेजे गए पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि दरगाह कमेटी के विरुद्ध गबन का जो मुकदमा दर्ज है, उसमें अतिशीघ्र विवेचना करवाकर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया जाए तथा 15 दिन में रिपोर्ट शासन को भेजी जाए।
क्राइम ब्रांच कर रही है मामले की जांच
उधर मामले की विवेचना जलेसर कोतवाली से हटाकर क्राइम ब्रांच को भेज दी गई थी। इस संबंध में सीओ जलेसर से भी कहा गया कि वे मामले की पूरी रिपोर्ट दें। एडीएम प्रशासन आलोक कुमार ने बताया कि मामले में चार्जशीट दाखिल करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का पत्र भी प्रशासन को मिला है।
एक भी आरोपित गिरफ्तार नहीं
करोड़ों के गबन का एक भी आरोपित पांच महीने में भी गिरफ्तार नहीं हो पाया। न ही किसी आरोपित ने अभी तक अदालत में समर्पण किया है। पूर्व दरगाह कमेटी के पदाधिकारी आए दिन नया पैंतरा चल रहे हैं। वहीं सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड दरगाह की जगह को अपनी भूमि बताकर नई प्रबंध समिति गठित करने की तैयारी में है, जबकि ग्राम पंचायत वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर रही है।
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