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Karwa Chauth 2024: संकट आने पर जीवनदायिनी बनी पत्नी, पति को अपनी एक किडनी देकर बचाई जान

Karwa Chauth 2024 करवाचौथ का व्रत आज सुहागिन महिलाएं रख रही हैं। एक पत्नी ने अपने को किडनी देकर उन्हें नया जीवन दिया। 2021 से हाई ब्लड प्रेशर के कारण पति की दोनों किडनी फेल हो गई थीं। परिवार में अन्य सदस्यों के अस्वस्थ होने पर पत्नी ने दान करने का फैसला किया। एक निजी अस्पताल ने ट्रांसप्लांट को सफल बनाया। आज वो भी अपना करवाचौथ मना रही हैं।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 20 Oct 2024 07:41 AM (IST)
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Karwa Chauth 2024: अपनी पत्नी गरिमा के साथ राजेश कुमार। सौजन्य: स्वयं द्वारा

जागरण संवाददाता, आगरा। पत्नी सिर्फ पुरुष के जीवन की पूरक नहीं होती बल्कि जीवन पर संकट आने पर जीवनदायिनी भी बन जाती है। ऐसी ही एक मिसाल शास्त्रीपुरम निवासी गरिमा ने पेश की है।

पति की दोनों किडनियां खराब हो जाने के कारण गरिमा ने अपनी एक किडनी देकर पति राजेश को एक नया जीवन दिया है। दोनों के ब्लड ग्रुप अलग थे, फिर भी उन्होंने बिना डरे अपने पति को किडनी देने का फैसला किया। जेपी अस्पताल की नेफ्रलाजी टीम ने इस ट्रांसप्लांट को सफल बनाया।

शास्त्रीपुरम के बी ब्लॉक में रहने वाले राजेश कुमार विकास भवन स्थित पशुपालन विभाग में सहायक लेखागार के पद पर कार्यरत हैं। 25 फरवरी 2019 को इनकी शादी गरिमा सिंह से हुई थी। दो संतान चार साल का बेटे समर्थ और पांच साल बेटे लविक से परिवार पूरा हो गया। खुशहाल जीवन में समस्या 2021 से शुरू हुई। राजेश को हाई ब्लड प्रेशर होने से इसका दुष्प्रभाव किडनी पर पड़ा। समय पर बिमारी का पता नहीं चलने से दोनों किडनी फेल हो गईं।

डॉक्टरों ने बताया ट्रांसप्लांट का उपाय

आगरा के साथ दिल्ली, गुजरात, राजस्थान समेत कई जगह ट्रीटमेंट कराने के बाद भी आराम नहीं मिला। पति-पत्नी का ब्लड ग्रुप एक ना होने के कारण डाक्टर किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सहमति नहीं दे रहे थे। तब तब 2023 में नोएडा स्थित जेपी अस्पताल में डायलिसिस शुरू हुई। यहां डा. विजय कुमार ने अपनी टीम के टीम के साथ दिसंबर 2023 में पत्नी गरिमा पति को किडनी ट्रांसप्लांट कर उनके जीवन की रक्षा की।

परिवार में नहीं था कोई डोनर

राजेश ने बताया पिता के देहांत के बाद परिवार माता जी को ब्लड प्रेशर की समस्या हाे गई। छोटे भाई को भी पेट पथरी की समस्या थी। ऐसे में दोनों बच्चों के भविष्य की चिंता करते हुए पत्नी ने ही ट्रांसप्लांट करने का निर्णय लिया। आज दोनों स्वस्थ हैं।

होती थी थकावट

आफिस से घर लौटने पर पैरों में अधिक टूटन होती थी। जांच कराई तो खून की कमी और हाईब्लड प्रेशर की समस्या के साथ किडनी फेल की रिपोर्ट मिली। यह सुनकर सभी के पैरों तले जमीन खिसक गई, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। समस्या से लड़कर आज उसमें जीत हासिल की।

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ऐसे करेंगे करवाचौथ का पूजन

करवाचौथ की पूजा विधि में पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है। विवाहित महिलाएं भोर होने से पूर्व उठकर सरगी ग्रहण करती हैं, जो उनकी सास द्वारा दी जाएगी। इसमें फल, मिठाई और सूखे मेवे होते हैं। इसके बाद उनका निर्जल व्रत प्रारंभ हो जाएगा और विवाहित महिलाएं दिनभर निर्जल व्रत रखकर शाम को सुहागिन की तरह सोलह शृंगार कर लाल या गुलाबी रंग के नए वस्त्र (साड़ी या लहंगा) धारण करेंगी।

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शाम को सजे हुए करवों (मिट्टी का बर्तन) में जल भरकर और उसके ऊपर मिठाई या चावल रखकर गणेश जी, माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करेंगी। शाम को करवाचौथ कथा सुनने का विशेष महत्व होता है, जो विवाहित महिलाएं सामूहिक रूप से सुनती हैं। इसके बाद चंद्र दर्शन होने के बाद करवा से चंद्रमा को जल अर्पित करेंगी। इस प्रक्रिया को अर्घ्य देना कहते हैं। इसके बाद महिलाएं अपने पति के हाथ से पानी पीकर और मिठाई खाकर व्रत का पारण करेंगी। 

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