खुसरो मांगें आजादी: दुनिया में बजा इल्म का डंका लेकिन अपने ही घर में बेगाने, जानिये क्यों
कासगंज के पटियाली में न लग पाई अभी तक प्रतिमा। 2015 में तत्कालीन डीेएम की पहल पर आई थी यहां।
आगरा, शरद कान्त मिश्र। कभी विरह के गीत लिखे कभी छंद लिखे खुशहाली के, दिल्ली में जो द$फ्न हुए वो, खुसरो थे पटियाली के...। मगर वक्त का तकाजा कहें या फिर सियासत। जिनके इल्म का डंका हर तरफ बजा। वो अपने ही घर में बेगाने हो गए। तीन वर्ष से उनकी प्रतिमा सरकारी मालखाने में कैद है। इस इंतजार में शायद कोई आवाज उठे। अपनों को सुध आए और इस प्रतिमा को उस स्थान पर जगह मिल सके, जहां के लिए इसे तराशा गया था।
हजरत अबुल हसन यमीनुद्दीन अमीर खुसरो का जन्म एटा (वर्तमान में कासगंज) जिले के पटियाली गांव (वर्तमान में तहसील) में 1253 ई. हुआ। यहां उनके नाम से चिल्ड्रन पार्क के साथ में एक पुस्तकालय है। 2015 में तत्कालीन डीेएम मासूम अली सरवर की पहल पर पुस्तकालय में प्रतिमा लगाने की तैयारी हुई। गंगा सागर सेवा समिति सिढ़पुरा अध्यक्ष श्याम सुंदर गुप्ता ने तीन फुट की प्रतिमा जयपुर से बनवाई। प्रतिमा पटियाली पहुंची तो ससम्मान एसडीएम कक्ष में रखी। तत्कालीन डीएम ने हॉल में स्थान चिह्नित भी कर लिया। मगर दीवार कटकर फ्रेम लगाने का काम शुरू होता, तब तक हालात ऐसे बदले। प्रतिमा को मालखाने में रख दिया गया। तीन बरस से अधिक वक्त गुजर गया। हॉल के साथ जन्मस्थली प्रतिमा का इंतजार कर रही है। प्रतिमा बनवाने वाले आहत हैं तो साहित्यप्रेमी आक्रोशित। खुद खुसरो ने भी न सोचा होगा। देश भर में उनका नाम साहित्य मंच पर सम्मान से लिया जाता है, वहां उनके ही गृहजनपद में प्रतिमा यूं सरकारी कैद में रहने को मजबूर होगी।
हिंदी खड़ी बोली के थे आदि कवि
ङ्क्षहदी खड़ी बोली के प्रथम कवि, कव्वाली के जनक, तबला वाद्य यंत्र के आविष्कारक होने के साथ तूती-ए-हिन्द एवं हीरामन जैसे खिताबों से नवाजे गए। सूफी संत ने बादशाहों की सल्तनत में शिरकत कर पटियाली का नाम रोशन किया। खुसरो की हिन्दवी भाषा में दिल्ली क्षेत्र, ब्रज, अवधी एवं उर्दू भाषा का सामंजस्य था। जो ङ्क्षहदी खड़ी बोली के नाम से जानी गई।
20 वर्ष पहले बना था चिल्ड्रन पार्क
खुसरो की जन्मस्थली पटियाली में 20 वर्ष पहले पटियाली के ही रहने वाले तत्कालीन राज्य सभा सदस्य वसीम अहमद ने खुसरो चिल्ड्रन पार्क एवं खुसरो पुस्तकालय का निर्माण कराया था। वर्तमान में रख-रखाव नगर पंचायत पटियाली द्वारा किया जा रहा है।
अधिकारी के बोल
जिलाधिकारी आरपी सिंह के अनुसार हमें कुछ लोगों से इस संबंध में जानकारी मिली है। उनके जन्मदिवस पर कई कार्यक्रम भी होते हैं। हम इस मामले की जानकारी करेंगे तथा प्रतिमा को लगवाने का प्रयास किया जाएगा।
एसडीएम धीरेंद्र कुमार का कहना है कि अमीर खुसरो की प्रतिमा हमारे कार्यकाल से पहले आई थी। तहसील के सरकारी मालखाने में रखी है। हम इस संबंध में जानकारी करेंगे।