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Kedarnath Disaster: 9 साल बाद नहीं मिटे केदारनाथ त्रासदी के जख्म, आगरा में आज भी इंतजार है अपनों का

Kedarnath Disaster नौ साल बाद भी गहरे हैं त्रासदी के जख्म। आगरा के कई श्रद्धालु फंस गए थे महाप्रलय में। कई परिवारों ने अपनों को खोया आज तक नहीं हुई वापसी। महाप्रलय की खबर टीवी पर प्रसारित होने के बाद उनके परिवारों में कोहराम मच गया था।

By Tanu GuptaEdited By: Updated: Fri, 17 Jun 2022 04:26 PM (IST)
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Kedarnath Disaster:केदारनाथ त्रासदी की नौ साल पहले की तस्वीर। जागरण अर्काइव
आगरा, जागरण संवाददाता। 16-17 जून 2013 का वो दिन, जब रुद्रप्रयाग जिले में आयी बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई कि चारों ओर हाहाकार मच गया। आसमानी आफत ने केदार घाटी समेत पूरे उत्तराखंड में बर्बादी के ऐसे निशान छोड़े, जो आज तक नहीं मिटे हैं। नौ साल के प्रयास के बाद बाबा केदारनाथ की यात्रा भले फिर से अपने पुराने स्वरूप में लौट आयी है, लेकिन तब बाबा के मंदिर को छोड़कर आसपास कुछ नहीं बचा था। त्रासदी को भले नौ साल बीत चुके हैं, लेकिन उनकी याद कर आज भी लोग सिहर उठते हैं।

त्रासदी के दौरान आगरा के भी सैकड़ों श्रद्धालु केदारघाटी के साथ रुद्रप्रयाग में मौजूद थे। जो भाग्यशाली थे, वो बच गए, लेकिन कई लोगों को अपनी जांच गंवानी पड़ी थी। ऋषि मार्ग निवासी धर्मेंद्र भारद्वाज के बड़े भाई और भाभी भी त्रासदी के दौरान केदारनाथ घाटी में ही मौजूद थे। हादसे की खबर के बाद पूरा परिवार उनकी सलामती की प्रार्थना करता रहा, उम्मीद थी कि वह लौट आएंगे, लेकिन न धर्मेंद्र भारद्वाज के भाई लौटे, न भाभी। आज तक उनके बारे में कोई जानकारी तो दूर उनका कोई सामान तक नहीं मिला है। खैर नौ साल पुराने जख्म को भूलकर परिवार जैसे-तैसे आगे बढ़ रहा है, लेकिन अपनों को इस तरह खोने की टीस आज भी दिल में सलती है।

नहीं कटती थी रातें

गधापाड़ा निवासी चार दोस्तों का ग्रुप भी यात्रा करने उसी दौरान गया था। महाप्रलय की खबर टीवी पर प्रसारित होने के बाद उनके परिवारों में कोहराम मच गया था। फोन लाइन ठप होने से उनसे संपर्क भी नहीं हो पा रहा था। एक हफ्ते बाद जब चारों दोस्त सकुशल लौटे थे, तो स्वजन की जान में जान आयी थी।

आज भी है लौटने का इंतजार

महाप्रयल की चपेट में आकर कितनों ने जान गंवाई, आज तक पता नहीं चल पाया है। कई अभागे परिवार तो ऐसे हैं, जिन्होंने अपनों का चेहरा तक नहीं देखा। लेकिन आज भी उन्हें किसी चमत्कार का इंतजार है कि उनके सामने खड़े हो जाएं। 

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