Move to Jagran APP

Dhruv Jurel: पिता चाहते थे फौजी बने, बेटे ने चुना क्रिकेट, कपड़े धोने वाली मोगरी से किया बैटिंग का अभ्यास, आज टीम इंडिया में बनाई जगह

Dhruv Jurel News Agra पिता ने उधार रुपये लेकर ध्रुव को दिलाया था बैट किट के लिए मां ने बेची थी चेन। कुछ कारण आर्थिक जीवन में उतार चढ़ाव भी रहे। ऐसे में उसे बैट दिलाने के लिए 800 रुपये उधार लेने पड़े थे। वह चाहते थे बेटा फौजी बने लेकिन बन गया क्रिकेटर। दोनों ही तरीके से वह भारत के लिए ही समर्पित है। यह गर्व की बात है।

By sumit kumar dwivedi Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 14 Jan 2024 08:32 AM (IST)
Hero Image
Dhruv Jurel: पिता ने उधार रुपये लेकर ध्रुव को दिलाया था बैट, किट के लिए मां ने बेची थी चेन
जागरण संवाददाता, आगरा। आगरा कैंट स्थित डिफेंस कॉलोनी में ध्रुव जुरैल के भारतीय क्रिकेट टीम में चयन होने के बाद बधाई देने वालों का तांता लगा है। भारतीय क्रिकेट टीम तक पहुंचाने के लिए अभिभावकों ने कड़ी तपस्या की।

बेटे को क्रिकेट किट दिलाने के लिए मां रजनी ने चेन बेची थी। वहीं, पिता ने उधार रुपये लेकर दिलाया बैट दिलाया था। कोच ने बताया जब तक बैट नहीं था वह मोगरी से ही बैटिंग के लिए अभ्यास करता था।

बीसीसीआइ ने 25 जनवरी से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रही टेस्ट सीरीज के शुरुआती दो मैचों के लिए टीम ध्रुव जुरैल को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच सीरीज के लिए चुना है। यह पहली बार है जब विकेटकीपर बल्लेबाज को टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया से बुलावा आया है।

फौजी बनाना चाहते थे पिता, ध्रुव ने चुना क्रिकेट

कोच परवेंद्र यादव ने बताया ध्रुव के पिता फौजी थे। उसे भी वह फौजी बनाना चाहते थे, लेकिन ध्रुव ने क्रिकेट चुना। कोच बताते हैं दस साल की उम्र से ध्रुव उनके पास क्रिकेट सीख रहा है। जब उसके पास बैटिंग करने के लिए बैट नहीं था तब वह कपड़े धोने वाली मोगरी से अभ्यास करने लगता था।

ये भी पढ़ेंः Weather Update UP: IMD का लेटेस्ट अपडेट, 45 जिलों में अलर्ट; भीषण ठंड की चपेट में यूपी, शिमला जैसी मुजफ्फरनगर में सर्दी

फिर अभिभावकों ने कड़े संघर्षों के बाद उसे बैट दिलाया। खाना पीने में उसे ठोस आहार की सलाह दी गई थी। जिससे डाइट की कमी उसके खेल में रुकावट न बने। बताया, दिन-रात, सर्दी, गर्मी, मतलब किसी भी मौसम में उसे क्रिकेट का भूत सवार रहता था।

ये भी पढ़ेंः IPS J Ravinder Goud: एक्शन मोड़ में आगरा पुलिस कमिश्नर; 'भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं, जनता की नहीं सुनी तो छिनेंगी कुर्सी'

बैट के लिए पिता ने उधार लिए पैसे

पिता नेमी चंद्र जुरैल ने बताया ध्रुव को पहले तैराकी का बढ़ा शैक था। अधिकतर वह स्वीमिंग किया करता था। आर्मी स्कूल में पढ़ता था, तब 2009 में स्कूल से ही समर कैंप गया था। तब उसने पहली बार बच्चों क्रिकेट खेलता देख उसके मन में भी क्रिकेटर बनने का शौक चढ़ गया।

किट के लिए मां ने बेची थी चेन

मां रजनी जुरैल ने बताया बेट को क्रिकेट किट दिलाने के लिए अपनी चेन बेच दी थी, लेकिन बेटे का सपना पूरा करने में कोई कमी नहीं आने दी। मां ने बताया ध्रुव बचपन से अपनी छह साल बड़ी बहन नीरू को बहुत परेशान करता था।

बहन को चिढ़ता था दीदी तुम ताे बड़ी होकर दूसरे घर जाओगी, मैं तो मम्मी-पापा के पास ही रहूंगा। बताया, खाने-पीने के समय वह बहन से चीज़े छीन लेता था। बोलता था दीदी को ज्यादा चीज दी गई है। मुझे उससे ज्यादा दो। ध्रुव को घर की बनी हरी मिर्च वाली कढ़ी अधिक पसंद है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।