साइकिल वाले IPS ने आज भी दिखाया एक्शन, जानिए क्या रहती है दिनचर्या
ऑफिस का समय शुरू होने से पहले चार घंटे आम आदमी की तरह घूमकर व्यवस्था देखते हैं एसएसपी।
By Tanu GuptaEdited By: Updated: Fri, 17 May 2019 01:05 PM (IST)
आगरा, यशपाल चौहान। शहर के अपराधी भी चिंतित हैं, आदर्श नागरिक के कर्तव्य का उल्लंघन करने वाले आम लाेग भी अब सकते में हैं। बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन चालक अब घर से निकलने से पहले सिर जरूर चैक करने लगे हैं कि कहीं हेलमेट तो नहीं रह गया। तो कूड़ा जलाने वाले अब इस सामाजिक अपराध को करने से पहले सौ बार सोचने भी लगे हैं। डर सताने लगा है कि कहीं साइकिल सवार आइपीएस न आ जाए। जी हां, विगत दो दिनों से लगातार एसएसपी अमित पाठक द्वारा किया जा रहा औचक दौरा शुक्रवार सुबह भी जारी रहा।
शुक्रवार सुबह घड़ी में साढ़े छह बजते ही नीली टीशर्ट और काले शॉर्टस में साइकिल पर सवार होकर एसएसपी अपने आवास से निकले और एमजी रोड होते हुए फतेहाबाद रोड, प्रतापपुरा, नामनेर, सदर पहुंचे। इस दौरान उनके साथ पुलिस बल के साथ नगर निगम की टीम भी थी। रास्ते जहां अनियमितताएं देखीं वहीं साइकिल पर ब्रेक लगाया और कार्रवाई का डंडा चला दिया। इतना ही नहीं मौके से 6000 रुपए का जुर्माना भी वसूला गया। प्रतापपुरा मार्केट में पूरे मार्केट का कूड़ा जलाया जा रहा था। इस पर एक्शन करते हुए एसएसपी ने दोपहर में जुर्माने की कार्रवाई के आदेश दिए। दल बल के साथ एसएसपी एक बार फिर फतेहाबाद रोड स्थित ईंट मंडी पहुंचे। अवैध ईंट सप्लाई करने वालों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए। शहर में एसएसपी द्वारा किये जा रहे इस तरह के निरीक्षण का असर भी दिखने लगा है। लोग चर्चा के साथ अपनी ओर से कानून का पालन करने का प्रयास भी करने लगे हैं।
खाकी का फर्ज और जिम्मेदार नागरिक का कर्ज
दरअसल एसएसपी अमित पाठक पुलिसिंग के साथ नॉन पुलिसिंग एक्टिविटी में भी पूरी रुचि लेते हैं। कुछ लोग इसे स्टंट मानते हैं तो कुछ लोग इसे एक युवा अधिकारी की कर्तव्यनिष्ठा मान सराहना भी करते हैं। ‘जागरण’ ने इसकी हकीकत परखने के लिए गुरुवार का दिन एसएसपी के साथ बिताया और जानी उनकी कार्यशैली। एसएसपी सुबह साढ़े छह बजे से ही सक्रिय थे। इस सक्रियता में उनकी निजी दिनचर्या, पुलिसिंग और बतौर नागरिक जिम्मेदारियां साथ-साथ चलती रहीं। उसके बाद दोपहर 12 से दो बजे तक कलक्ट्रेट स्थित ऑफिस में बैठकर करीब डेढ़ सौ फरियादियों की समस्या सुनी। कुछ का तत्काल निस्तारण किया तो कुछ को थाने भेजा। दोपहर 2.30 बजे लंच के बाद वह विधान सभा उप चुनाव के पोलिंग सेंटर का निरीक्षण करने चले गए। शाम 5.30 बजे कैंप ऑफिस में बैठ गए। इसके बाद रात 10.30 बजे डाक, क्राइम समीक्षा और अन्य गोपनीय कार्य किए।
सुबह के पांच घंटे6.30 बजे
ब्लैक कलर के शॉर्ट्स और ग्रे कलर की टीशर्ट पहनकर एसएसपी अमित पाठक साइकिल लेकर बालूगंज स्थित आवास से निकलते हैं। मलपुरा थाने की ओर रुख करते हैं। गेट पर पहुंचते ही एक ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रॉली गोबर भरकर जाते दिखा। अकस्मात मुंह से निकला-ये नहीं सुधरेंगे। ट्राली दूर जा चुकी थी। माल रोड से यू टर्न लेकर एसएसपी की साइकिल प्रताप पुरा चौराहे की ओर पहुंच गई।
6.45 बजेईदगाह और खेरिया मोड़ होते हुए एसएसपी जगनेर रोड पर पहुंचे। कमाल खां पर सड़क पर सजने वाली फल मंडी पीछे खिसकी दिख रही थी। यहां से आगे बढ़कर धनौली पहुंचे। यहां रोड पर सब्जी मंडी सजी मिली। यातायात बाधित हो रहा था। रुककर हालात देखे और थोड़ा आगे चलकर चौकी इंचार्ज को फोन कर बुलाया और कार्रवाई के निर्देश दिए।
कार्रवाई मंडी को रोड से पीछे कराना शुरू हो गया। हिदायत दी गई कि दोबारा सड़क पर लगी तो कार्रवाई की जाएगी।
7.00 बजे जगनेर रोड पर मुल्ला की प्याऊ के पास सार्वजनिक कूड़ाघर में धुंआ उठ रहा था। कुछ देर पहले ही कूड़ा जलाया गया था। पता चला कि यह स्थान जिला पंचायत क्षेत्र में आता है। एसएसपी ने एसओ मलपुरा को सीआरपीसी की धारा 133 के तहत रिपोर्ट देने को निर्देश दिए।कार्रवाईमलपुरा पुलिस ने रिपोर्ट मजिस्टे्रट को भेज दी।7.10 बजे धनौली से आगे निकलते ही एक खाली प्लाट में ईंटों से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़े थे। उन्हें चलते-चलते देखकर एसएसपी आगे बढ़ गए।कार्रवाईएसओ मलपुरा को अवैध ईंट मंडी हटवाने और उन पर कार्रवाई के निर्देश दिए।7.15 बजे मलपुरा की ओर करीब पांच सौ मीटर चलते ही दाहिनी ओर कबाड़ गोदाम के प्लास्टिक कचरे में आग जलती दिखी। काला धुंआ उठ रहा था। एसएसपी साइकिल खड़ी करके वहां पहुंचे। एसएसपी ने निर्देश दिए। यहीं एक रांग साइड से आ रही गाड़ी को रोक लिया।कार्रवाईमलपुरा पुलिस ने कबाड़ गोदाम मालिक के खिलाफ मजिस्ट्रेट को सीआरपीसी की धारा 133 के तहत रिपोर्ट भेज दी। रांग साइड आ रही बोलेरो चालक को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज।8.00 बजेएसएसपी मलपुरा थाना पहुंच चुके थे। एसओ विजय कुमार कार्यालय के बाहर खड़े मिले। एसएसपी ने उनसे सबसे पहले अवैध ईंट मंडी को लेकर नाराजगी जताई। कहा कि ईंट मंडी से पुलिस को कितने रुपये मिलते हैं? एसओ ने मना किया तो उन्होंने कहा कि फिर चल क्यों रही है। कार्यालय के बाहर कुर्सी पर बैठकर उन्होंने अपराधियों का डोजियर और फोटो एलबम मांगी। सबकुछ दुरुस्त दिखा तो ईंट मंडी पर कार्रवाई के निर्देश दे आगे बढ़ गए।8.40 बजे वापस आवास पर पहुंचे। एक्सरसाइज, ब्रेकफास्ट के साथ फोन पर थानों को निर्देश देते रहे। पुन: आवास से निकले तो हुलिया पर्यटक का था। सैंया जाते समय उन्हें ग्वालियर रोड पर अतिक्रमण दिखा तो इंस्पेक्टर सदर को फोन पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।9.30 बजेएसएसपी जब दोबारा अकेले ही आवास से निकले तो गेट पर एक फरियादी प्रार्थना पत्र देकर निकल रहा था। उससे लिफ्ट लेकर कैंट रेलवे स्टेशन पहुंच गए। वहां लपकों की शिकायत थी। कैंट स्टेशन पर पर्यटक की तरह टैक्सी स्टैंड, प्लेटफार्म पर घूम-घूमकर उन्होंने देखा। इस बीच में गतिमान एक्सप्रेस समेत दो अन्य गाडिय़ां वहां रुकीं, लेकिन कोई लपका नहीं मिला। वे पैदल ही स्टेशन से बाहर निकल लिए।10.33 बजेकैंट रेलवे स्टेशन के पास रोड पर खोखे में चल रहे भांग के ठेके को देखकर उससे पूछताछ की। इसके बाद आबकारी विभाग के अधिकारी को फोन कर चेताया।कार्रवाईविक्रेता को नोटिस देने के साथ ही इसकी सकारात्मक रिपोर्ट देने वाले इंस्पेक्टर से स्पष्टीकरण मांगा गया है।'आज इनका ताऊ आ रहा है'सिर पर पर्यटक कैप लगाए एसएसपी कैंट स्टेशन के बाहर एक चाय की दुकान पर पहुंच गए। आम बातचीत में सवाल किया, 'आज पुलिस बहुत दिख रही ?'आज इनके ताऊ आ रहे।' चाय वाले का चुटीला जवाब सुन एसएसपी ने छेड़ा, 'कभी-कभी आते होंगे? रोज आना चाहिए।' इस पर चाय वाले का जवाब था, 'रोज आएं तो ये (टेंपो वाले और पुलिस वाले) सुधर ही जाएं। वैसे वो उनके आने का पता नहीं चलता। कभी पैदल तो कभी साइकिल पर आकर चले जाते हैं।'एसएसपी ने दूसरा विषय छेड़ा, ' पहले तुम्हारी दुकान आगे रोड तक थी। पीछे किसने करा दी। इससे तो बड़ा नुकसान होता होगा।' चायवाला बोला, 'एसएसपी ने ही करा दी। इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा। ग्राहक तो उतने ही आ रहे हैं।'तो फिर तुमने पहले आगे क्यों कर ली थी? चायवाला मुस्कराते हुए बोला कि भाई साहब सबकी आगे बढ़ी हुई थी तो हमने भी बढ़ा ली थी। चायवाले ने यह भी तस्दीक की कि एसएसपी सख्त हैं, इसलिए सुधार दिख रहा। पुलिसवाले पैसे भी नहीं लेते।वर्दी पहनने से नागरिक के कर्तव्य खत्म नहीं हो जाते पुलिसिंग की जिम्मेदारियां ही कम नहीं। इस पर सामाजिक मसलों पर हस्तक्षेप और दूसरे विभागों के काम में भी घुसपैठ। एसएसपी की इन जंजालों के पीछे भटकने की वजह कहीं सुर्खियां बटोरना तो नहीं। 'जागरण' ने सीधे सवाल किये-जागरण- कोई कूड़ा जला रहा है तो कोई गंदगी फैला रहा। इसे रोकने के लिए दूसरे महकमें हैं। आप क्यों में इसमें समय बर्बाद करते हैं?एसएसपी- एसएसपी के साथ मैं आम नागरिक भी हूं। वर्दी पहनने से नागरिक के कर्तव्य खत्म नहीं हो जाते। ये शहर हमारे घर की तरह है। इसकी कोई भी अव्यवस्था मन को व्यथित करती है। इसलिए उसके सुधार में लग जाता हूं।जागरण- आप अपने काम के साथ अन्य विभागों के काम में भी दखल दे लेते हैं?एसएसपी- काम के लिए आए हैं। इसलिए मेरे पास समय की कोई कमी नहीं है। मेरे पास काम के लिए समय ही समय है।जागरण- इस कार्यशैली से दूसरे विभाग के अधिकारियों को परेशानी नहीं होती?एसएसपी- नहीं। हम तो उनका सहयोग कर रहे हैं। उनकी ओर से भी पूरा सहयोग मिलता है।जागरण- क्या दूसरे विभाग अपना काम नहीं कर रहे?एसएसपी- नहीं ऐसा नहीं है। सभी काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ कमियां हैं। उन्हें भी बेहतर करने के प्रयास हो रहे हैं।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
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