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Agra University: पांच साल में पूरा नहीं हो पाया एलएलएम का दो साल का पाठ्यक्रम, नहीं लगी कक्षा भी

Agra University तीन सालों से परीक्षा के इंतजार में है एलएलएम के छात्र। 2019 में लिया था प्रवेश सिर्फ प्रथम वर्ष की हुई है परीक्षा। पहले वर्ष की परीक्षा भी पिछले साल मार्च में हुई। 2016-172017-18 की परीक्षा इस साल मार्च में करा दी गई।

By Prabhjot KaurEdited By: Tanu GuptaPublished: Thu, 06 Oct 2022 06:29 PM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2022 06:29 PM (IST)
तीन सालों से परीक्षा के इंतजार में है एलएलएम के छात्र।

आगरा, जागरण संवादाता। दो साल का पाठ्यक्रम। पांच साल में पूरा नहीं हो पाया है। परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं। प्रवेश 2019 में लिया था। प्रथम वर्ष की परीक्षा भी पिछले साल हुई है। एक भी कक्षा नहीं लगी है। मैं हताश हूं। परेशान हूं। भविष्य अंधकार में है। उम्र बढ़ रही है। माता-पिता के साथ ही मेरे भी सपने हैं। सिवाय इंतजार के हाथ में कुछ भी नहीं है। यह व्यथा आगरा कालेज के एलएलएम 2019-20 की एक छात्रा व्यक्त जरूर कर रही है, लेकिन दर्द 60 छात्रों का है।

एलएलएम की छात्रा ने बताया सच

छात्रा ने बताया कि एलएलबी आगरा कालेज से करने के बाद सपना देखा था कि एलएलएम करूंगी।नेट की परीक्षा दूंगी। पीएचडी करूंगी। प्रोफेसर बनूंगी। इसी सोच के साथ 2019 में एलएलएम में प्रवेश लिया। तीन सालों से कालेज में कक्षा नहीं लगी है। जितनी बार कक्षा लगाने की बात शिक्षकों से की, जवाब मिला पहले 15 छात्र एकत्र करो। पहले वर्ष की परीक्षा भी पिछले साल मार्च में हुई। 2016-17,2017-18 की परीक्षा इस साल मार्च में करा दी गई। हमारी परीक्षा का अता पता नहीं है। परीक्षा भी स्वयं पढ़कर दी। कक्षा में 60 छात्र हैं। लेकिन व्यक्तिगत रूप से नहीं जानती। कोई दो स्त ही नहीं है।पढ़ाई हिंदी में कराते हैं, मेरा माध्यम अंग्रेजी है। यह भी समस्या है। परीक्षा के बारे में जब भी कालेज में पूछा तो जवाब मिलता है विश्वविद्यालय जाकर पता करो। प्रथम वर्ष की अंकतालिका भी नहीं मिली है। इंटरनेट से डाउनलोड की है। हमसे शोध-निबंध की फाइल बनवाई। प्रवेश पत्र न मिलने से वो भी बेकार हो गई है। दो साल की फीस भी जमा हो चुकी है। एक साल की फीस 4140 रुपये है। यह तो थी कालेज की बात, अब बात मेरे जीवन की करते हैं। कुछ समझ नहीं आता कि क्या करूं। पढ़ाई छो़ड़ दूं, प्रोफेसर बनने का सपना देखना अब बंद कर दूं। माता-पिता की आंखों में मेरे लिए जो सपने थे, जो चाहत थी उसे कैसे पूरा करूं। उम्र बढ़ रही है।

हम तो कई बार लिखकर दे चुके हैं। परीक्षा कराने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय की है।

- प्रो. डीसी मिश्रा, डीन विधि

पिछले सालों में क्या हुआ, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। एलएलएम के छात्र अब परेशान न हीं होंगे। सोमवार को विश्वविद्यालय खुलेगा, मैं जानकारी कर परीक्षा कार्यक्रम जारी कराऊंगा।

- डा. ओमप्रकाश, परीक्षा नियंत्रक


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