UP News: श्मशान की खुदाई में निकली भगवान विष्णु की सैकड़ों साल पुरानी मूर्ति, चुप रहे ग्रामीण; अब ASI करेगी जांच
फतेहपुर सीकरी में श्मशान की खुदाई के दौरान भगवान विष्णु की नवीं शताब्दी की मूर्ति मिली है। खुदाई में भगवान विष्णु की गरुड़ पर बैठी हुई मूर्ति के साथ कुबेर और अन्य प्रतिमाएं भी निकली हैं। ग्रामीणों ने उन्हें खुले में चबूतरे पर और पेड़ के नीचे रख दिया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की टीम सांथा की विजिट कर प्रतिमाओं की जांच करेगी।
जागरण संवाददाता, आगरा। फतेहपुर सीकरी के ग्राम सांथा में भगवान विष्णु की नवीं शताब्दी की मूर्ति मिली है। गांव में श्मशान घाट में की गई खोदाई में भगवान विष्णु की गरुड़ पर बैठी हुई मूर्ति के साथ कुबेर और अन्य प्रतिमाएं भी निकली हैं।
ग्रामीणों ने उन्हें खुले में चबूतरे पर और पेड़ के नीचे रख दिया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) इन प्रतिमाओं काे पुरातात्विक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मान रहा है। एएसआइ की टीम सांथा की विजिट कर प्रतिमाओं की जांच करेगी।
सांथा में श्मशान घाट के समतलीकरण का काम तीन-चार माह पहले कराया गया था। श्मशान घाट में टीला था। टीले को समतल करने के लिए जब खोदाई की गई तो भूमि में दबी हुईं मूर्तियां और मंदिर के पुरावशेष निकले। ग्रामीणों ने उन्हें वहीं बने चबूतरे और पेड़ों के नीचे रखवा दिया।
खोदाई के दौरान भगवान विष्णु की नवीं शताब्दी की मूर्ति। इंटरनेट मीडिया
रास्ते में रखी मूर्तियों व पुरावशेषों को फतेहपुर सीकरी स्थित शेख सलीम चिश्ती की दरगाह को सिकरवारों की कुलदेवी कामाख्या माता का मंदिर होने का दावा करने वाले अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने दो दिन पूर्व सिकरवारों की कुलदेवी का मंदिर जाते समय देखा था।
खोदाई में निकली परिचरों की मूर्ति। इंटरनेट मीडिया
इसके बाद सांथा में मूर्तियां मिलने का मामला सामने आया। खड़ी मुद्रा में मिली भगवान विष्णु की मूर्ति तीन से चार फुट ऊंची है। इसका मुंह और हाथ टूटे हुए हैं। देखने पर प्रतीत हो रहा है कि मूर्ति निकाले जाते समय लापरवाही बरते जाने से उसका एक हाथ टूट गया है।
चबूतरे पर रखी कुबेर की मूर्ति। इंटरनेट मीडिया
मूर्ति के एक तरफ ब्रह्मा और दूसरी ओर भगवान शिव
एक मूर्ति गरुड़ (मानव स्वरूप) के ऊपर बैठे हुए भगवान विष्णु की मानी जा रही है। इसमें एक तरफ ब्रह्मा और दूसरी ओर भगवान शिव भी बने हुए हैं। यहां चबूतरे पर रखी मूर्ति नवीं-10वीं शताब्दी की कुबेर की मानी जा रही है। मूर्ति के एक हाथ में धन की पोटली और दूसरे में मदिरा का गिलास है।
खोदाई में निकली भगवान ब्रह्मा, विष्णु व शिव की मूर्ति। इंटरनेट मीडिया
पेड़ के नीचे रखे अन्य पुरावशेष स्थापत्य कला की दृष्टि से 15वीं शताब्दी तक के माने जा रहे हैं। दो अन्य प्रतिमाएं भी यहां हैं, जिनमें एक मूर्तियों के दाएं किनारे पर परिचर की है। प्रतिमाओं के अलग-अलग स्थान से लाकर एक स्थान पर रखे जाने की संभावना है।
प्रशासन या किसी ग्रामीण ने विभाग को सांथा में प्राचीन मूर्तियां मिलने की जानकारी नहीं दी है। फोटो के आधार पर विष्णु व कुबेर की प्रतिमाएं नवीं-10वीं शताब्दी की प्रतीत हो रही हैं। विभागीय टीम द्वारा साइट विजिट करने के बाद मूर्तियों की प्राचीनता और उनकी कला के विषय में स्पष्ट बात कही जा सकेगी। गांव में शीघ्र ही टीम भेजी जाएगी। -डा. राजकुमार पटेल, अधीक्षण पुरातत्वविद
दो दिन पूर्व सांथा में उन्होंने मूर्तियों को रखा हुआ देखा था। एएसआइ के आगरा सर्किल के पूर्व अधीक्षण पुुरातत्विद डा. डीवी शर्मा ने वार्ता में उन्हें विष्णु की मूर्ति आठवीं शताब्दी की बताई। ग्रामीणों ने अच्छी स्थिति में मिली एक मूर्ति को किसी व्यक्ति द्वारा ले जाने की जानकारी दी है। एएसआइ को यहां उत्खनन करना चाहिए, जिससे सच सामने आ सके। -अजय प्रताप सिंह, अधिवक्ता
खारी नदी के समीप सियरा कुलदेवी का मंदिर बनाया जा रहा है। उन्होंने सांथा में श्मशान घाट की खोदाई में निकली मूर्तियां और अन्य पुरावशेष देखे हैं। ग्रामीणों ने उन्हें खुले में रख दिया है। यह क्षेत्र उनके पूर्वजों का है। यहां मंदिर बने थे, जिन्हें मुगल काल में तोड़ दिया गया था। -राघवेंद्र सिकरवार, अध्यक्ष सियरा कुलदेवी मंदिर समिति
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