Lunar Eclipse 2022: एक ऐसा मंदिर, यहां ग्रहण में बंद नहीं होते कपाट, चलती रहती है पूजा अर्चना
Lunar Eclipse 2022 यमुना किनारा स्थित है पुष्टिमार्गीय प्राचीन मथुराधीश मंदिर। भगवान श्रीकृष्ण ठाकुल बाल रूप में हैं विराजमान। मंदिर में ठाकुर लाला जी को अकेले नहीं छोडा जाता क्योंकि कहावत भी है बच्चों को खाने-पीने सोने और खेलने के दौरान अकेला नहीं छोड़ते।
By Sandeep KumarEdited By: Prateek GuptaUpdated: Tue, 08 Nov 2022 08:32 PM (IST)
आगरा, डा. संदीप शर्मा। चंद्र ग्रहण के दौरान जहां शहर के सभी मंदिरों के पट सुबह से ही बंद थे, वहीं यमुना किनारा रोड स्थित शहर का एकमात्र ऐसा भी मंदिर था, जिसके पट ग्रहण के दौरान भी खुले रहे। सिर्फ इसी ग्रहण पर नहीं, कोई भी सूर्य या चंद्र ग्रहण पड़े, न तो मंदिर के पट होते हैं न पूजा-अर्चना रुकती है।
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यमुना किनारे पर है ये मंदिर
हम बात कर रहे हैं यमुना किराना स्थित पुष्टिमार्गीय प्राचीन मथुराधीश मंदिर। इस मंदिर में राजस्थान, उदयपुर स्थित श्रीनाथजी मंदिर की तरह ही भगवान के ठाकुल बाल रूप की पूजा अर्चना की जाती है। मंदिर के महंत नंदन श्रोतिय बताते हैं कि मंदिर में ठाकुर जी बाल रुप में विराजमान हैं। ग्रहण के दौरान अन्य मंदिरों में तो भगवान की आंखों पर पट्टी बांधकर और पट बंद करके उन्हें अकेले छोड़ दिया जाता है।लेकिन हमारे मंदिर में ठाकुर लाला जी को अकेले नहीं छोडा जाता क्योंकि कहावत भी है बच्चों को खाने-पीने, सोने और खेलने के दौरान अकेला नहीं छोड़ते। ग्रहण की स्थित में भी उन्हें अकेले छोड़ने से उनको नजर लगने और डर लगने का मान्यता रहती है इसलिए मंदिर के पट ग्रहण काल में खुले रखे जाते हैं।
ग्रहण काल के दौरान ठाकुर जी को इस तरह काली पोशाक पहना दी जाती है।
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