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आगरा के जिस घर से शुरू हुआ था सूरजपाल का 'पाखंड'; वहां धरने पर बैठा व्यक्ति, जिम्मेदारों की गिरफ्तारी की मांग

Agra News In Hindi शाहगंज के केदार नगर में सूरजपाल (साकार विश्व हरी) के घर के बाहर कृष्ण गोपाल उपाध्याय ने धरना शुरू कर दिया है। सत्संग के बाद मची भगदड़ से 121 लोगों की मौत का जिम्मेदार वे सूरजपाल को मानते हैं। उसकी गिरफ्तारी के लिए धरना शुरू किया है। उनका कहना है जब तक गिरफ्तारी नहीं होती जब तक धरना जारी रहेगा।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 08 Jul 2024 03:51 PM (IST)
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Agra News: केदार नगर स्थित सूरजपाल के घर के बाहर धरना पर बैठे कृष्णगोपाल उपाध्याय व अन्य।

जागरण संवाददाता, आगरा। शाहगंज के केदार नगर में सूरजपाल सिंह (नारायण साकार विश्व हरि) की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सोमवार को उनके घर के बाहर आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी धरने पर बैठ गए।धरने पर बैठे कृष्ण गोपाल ने सरकार से मरने वाली महिलाओं के परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की। जानकारी होने पर सूरजपाल सिंह के दर्जनों अनुयायी पहुंचे। उनका कहना था कि धरना-प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित है।

दोपहर करीब 12:30 बजे आम आदमी पार्टी के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव कृष्ण गोपाल उपाध्याय ने सूरजपाल सिंह के घर के बाहर धरना दिया। कृष्ण गोपाल का कहना था कि हाथरस के सिकंदराराऊ में सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौतों के जिम्मेदारों को पुलिस-प्रशासन द्वारा बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इतने बड़े हादसे और लोगों की मौतों की नैतिक जिम्मेदारी लेने की जगह सूरजपाल सिंह बचने का प्रयास कर रहे हैं। वह पुलिस से बचने को भाग रहे हैं।

राजनीति से प्रेरित बताया धरना

सूरजपाल के घर पर धरने की जानकारी होने पर आसपास के उनके दर्जनों अनुयायी वहां पहुंच गए। अनुयाइयों ने कृष्ण गोपाल को धरना खत्म करने के लिए समझाने का प्रयास किया। उनका कहना था कि आश्रम पर धरना देना गलत है। यदि विराेध प्रदर्शन ही करना है तो किसी सार्वजनिक स्थल पर जाकर करें। अनुयाइयों ने कहा कि धरना राजनीति से प्रेरित है।

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25 वर्ष पहले रहते थे सूरजपाल

केदार नगर स्थित ईडब्लूएस मकान में सूरजपाल सिंह दो दशक पहले रहते थे। कॉलोनी वालों ने बताया कि सूरजपाल ने इंटेलीजेंस में तैनाती के दौरान इस घर से ही सत्संग की शुरूआत की थी। उनके यहां से जाने के बाद यह घर खंडहर हो गया था। उनके अनुयाइयों ने इस घर को आश्रम में तब्दील कर दिया। चार वर्ष पहले सूरजपाल के पुराने घर को नए सिरे से दो मंजिला भवन बना दिया। यहां पर ताला लगा रहता है, अनुयाइयों द्वारा समय-समय पर आकर यहां साफ-सफाई की जाती है। आसपास रहने वाले अनुयायी यहां रोज मत्था टेकने आते हैं।

पुलिस ने उनके मैनपुरी आश्रम पर पहरा सख्त कर दिया है। अनुमान है कि आश्रम के अंदर सूरजपाल मौजूद हो सकते हैं। सरकार ने न्यायिक जांच आयोग का गठन भी किया है, जो इस मामले में लोगों के बयान ले चुका है। माना जा रहा है कि सूरजपाल के सत्संग से जाने के बाद उनकी रज लेने के लिए अनुयायी आए और भगदड़ मची।

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