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Agra News: देवदूत बनी 112 पीआरवी, पति की मदद के लिए कार में रो रही पत्नी; सिपाहियों ने तत्काल मदद कर बचाई जान

आगरा में यूपी 112 की पीआरवी पर तैनात सिपाहियों ने एक व्यक्ति की जान बचाकर मानवता की मिसाल पेश की। कारगिल चौराहे पर कार चलाते समय व्यक्ति को हार्ट अटैक आया और उसकी पत्नी मदद के लिए रो रही थी। पीआरवी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाया जहां उसका इलाज चल रहा है। पुलिस आयुक्त ने दोनों सिपाहियों को प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 10 Nov 2024 07:29 AM (IST)
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कार में आए हार्ट अटैक के बाद ठीक हुए इंटीरियर डिजाइनर अपनी पत्नी और पीआरवी 112 के जवानों के साथ।
जागरण संवाददाता, आगरा। यूपी 112 की पीआरवी पर तैनात सिपाहियों ने शनिवार को सिकंदरा के कारगिल चौराहे पर कार सवार व्यक्ति को हार्ट अटैक आने पर सही समय मदद कर उसकी जान बचा ली। कार मेंं बेहोश पड़े पति को बचाने के लिए रो-रोकर गुहार लगा रही पत्नी को देख पीआरवी 0006 रुकी और बेहोश व्यक्ति को पीआरवी में लिटा कर अस्पताल लेकर गई।

समय पर इलाज मिलने से वो अब खतरे से बाहर हैं। मदद के लिए दंपति पुलिस को धन्यवाद देते नहीं थक रहा है। पुलिस आयुक्त ने दोनों सिपाहियों को प्रशस्तिपत्र देने की बात कही है।

ऋषिपुरम के रहने वाले प्रमित इंटीरियर डिजाइनर हैं। शनिवार सुबह आठ बजे वो अपनी पत्नी रेनू को साथ लेकर कार से जा रहे थे। कारगिल चौराहे पर उनकी तबियत खराब होने लगी। दोनों में से कोई कुछ समझता कि प्रमित के बेहोशी छाने लगी। सड़क किनारे कार रोक कर वो बेसुध हो गए, उनके मुंह से झाग निकलने लगा। हाथ पैर अकड़ने लगे।

पति की हालत देखकर रोने लगी रेनू

पति की हालत देख रेनू परेशान होकर बुरी तरह रोने लगी। इसी दौरान वहां से गुजर रही पीआरवी पर 0006 के सिपाही चालक पंचम सिंह और होमगार्ड गजेंद्र शर्मा की नजर रोती हुई रेनू पर पड़ गई। दोनों ने पीआरवी से उतर कर रेनू से बात की। प्रमित को सीपीआर देने कर प्रयास किया। इसके बाद प्रमित को कार से निकाल कर पीआरवी में लिटाया और रेनू को साथ लेकर नजदीकी अस्पताल पहुंचे।

कारगिल चौराहे पर पति प्रमित की तबियत खराब होने पर पत्नी उन्हें होश में लाने का प्रयास करने लगी। सौ. पुलिस

हार्ट अटैक की डॉक्टरों ने दी जानकारी

शुरुआती जांच में डाक्टरों ने हार्ट अटैक की जानकारी दी।सही वजह जानने के लिए जांच कराई जा रही हैं। प्रमित की हालत अब ठीक है। दंपती ने पुलिस को धन्यवाद देते हुए बताया कि सड़क पर कोई नहीं देख रहा था। भगवान का दूत बनकर पुलिस वहां आ गई।

पुलिस आयुक्त जे.रविन्दर गौड ने चालक पंचम सिंह और होमगार्ड गजेंद्र शर्मा को प्रश्स्तिपत्र देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि लोगों की मददगार बनने से पुलिस और आम लोगों के बीच मित्रवत संबंध बनते हैं। पुलिस को देख लोगों को सुरक्षा का अहसास होना चाहिए।

आप भी बचा सकते है इस तरह जान

हार्ट अटैक सहित किसी अन्य कारण से कोई व्यक्ति बेहोश हो जाता है तो कॉर्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देकर जान बचा सकते हैं।

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इस तरह दें सीपीआर

  • पीठ के बल एक मजबूत समतल जगह पर सीधा लिटा दें।
  • उसके बगल में घुटने के बल बैठ कर, छाती के बीच में अपने दोनों हाथ रखें।
  • अपनी कंधों को हाथों की सीध में रखें।
  • छाती को दबाएं, 2 इंच से ज्यादा कंप्रेस ना करें, इसके लिए पूरे शरीर के वजन का इस्तेमाल करें।
  • एक मिनट में कम से कम 100-120 बार छाती को दबाएं।
  • गहरी सांस लेकर उसकी नाक को बंद करें और उसके मुंह पर अपना मुंह रख कर उसके मुंह में सांस छोड़ें।
  • इसे माउथ टू माउथ रेसक्यू ब्रेथ कहते हैं।
  • यह करते वक्त ध्यान रखें कि जब उसके मुंह में हवा छोड़ें तब उसकी छाती फूलनी चाहिए।
  • अगर ऐसा नहीं हो रहा हो, जल्द से जल्द अस्पताल लेकर जाएं। 
इंडियन सोसाइटी आफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन (आइएससीसीएम) के अध्यक्ष निर्वाचित डा. रनवीर त्यागी ने बताया कि सीपीआर से मरीज की छाती पर दबाव बनाते हैं। इससे ह्रदय, मस्तिष्क और फेफड़ों में खून की सप्लाई होने लग जाती है, सीपीआर देते हुए मरीज को अस्पताल पहुंचाकर जान बचा सकते हैं।

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