Mankameshwar Mahadev Agra; गर्मी में बदल गया श्रीमन:कामेश्वर महादेव का खानपान व दिनचर्या, पट खुलने का समय भी बदला
Mankameshwar Mahadev Mandir News In Hindi पुराने आगरा के रावतपाड़ा में स्थित मनःकामेश्वर मंदिर। मान्यता है कि यहां शिवलिंग की स्थापना खुद भगवान शिव ने द्वापर युग में की थी। प्रचलित कथा के अनुसार मथुरा में श्रीकृष्ण के जन्म के बाद उनके बाल-रूप के दर्शन की कामना लेकर कैलाश से चले शिव ने एक रात यहां बिताई थी और साधना की थी।
जागरण संवाददाता, आगरा। Mankameshwar Mahadev Mandir ग्रीष्मकाल आगमन के साथ ही सामान्य लोगों का ही नहीं, भगवान का भोजन और दिनचर्या भी परिवर्तित हो गई है। रावतपाड़ा स्थित श्रीमन:कामेश्वर महादेव मंदिर में भी ऋतु परिवर्तन के कारण यह बदलाव नजर आने लगा है। अब भगवान मन:कामेश्वर का सिर्फ पहनावा व भोजन बदला है, बल्कि इत्र भी परिवर्तित हो गया है।
रामनवमी के बाद से रावतपाड़ा स्थित श्रीमन:कामेश्वर महादेव को भोग में अब आम की ठंडाई, पना व लस्सी के साथ आम, खरबूज, तरबूज, गन्ने का रस, बादाम ठंडाई आदि भोग लगाया जा रहा है। इसके साथ ही उनके वस्त्रों में बदलाव किया गया है।
शीतलता के लिए पुष्प और सूती वस्त्र
उन्हें रात्रि में ओढ़ाएं जाने वाले कंबल व वस्त्रों हटाकर उनके स्थान पर शीतलता प्रदान करने के लिए पुष्पों का श्रृंगार कर सूती वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही उनको अर्पित किए जाने वाले इत्र में भी परिवर्तन हुआ है। अब उन्हें खस के साथ केवड़ा, गुलाब आदि का इत्र व गुलाब जल अर्पित किया जा रहा है।ये भी पढ़ेंः Agra News: आगरा से नई दिल्ली हो या फिर लखनऊ-प्रयागराज, अलीगढ़, इन शहरों के लिए चार मई से जाना हो जाएगा कठिन
पट खुलने के समय भी परिवर्तन
मंदिर मठाधीश हरिहर पुरी ने बताया कि ग्रीष्मकाल में सुबह मंदिर के पट खुलने व रात्रि में बंद होने के समय में भी परिवर्तन हुआ है। अब पट सुबह 4:45 पर खुल जाते हैं, जबकि मंगला आरती सुबह 5:00 बजे होती है। इसके बाद रात्रि में 10:30 बजे मंदिर के पट बंद होते हैं, जो सर्दियों में रात्रि 10 बजे बंद हो जाते थे।ये भी पढ़ेंः Shri Krishna Janmabhoomi: श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में एक और वाद दायर, समझौता रद कर परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाने की मांग
इतना ही नहीं ग्रीष्मकाल को देखते हुई भगवान को शीतलता प्रदान करने के लिए कलश स्थापना कर जल धारा से लगातार अभिषेक भी किया जा रहा है।
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