चीन से 25 दिन बाद आगरा पहुंचा मरीन इंजीनियर अनिल श्रीवास्तव का शव; पथराई आंखों से बहे आंसू, प्रताड़ना के लगाए आराेप
Agra News In Hindi Today 25 दिन बाद पथराई आंखों ने देखी इंजीनियर की पार्थिव देह आंखों से झर-झर गिरे आंसू। मौके पर प्रदेश सरकार के शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय पहुंचे। मृतक की पत्नी अंजुलता ने चीन के द्वारा शव भेजने के लिए मानसिक प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। इंजीनियर का सामान चीन ने क्लियरेंस न मिलने के नाम पर रोका।
जागरण संवाददाता, आगरा। 25 दिन बाद चीन में शिप की मरम्मत का काम संभालने के दौरान 12 जून को दिल का दौरा पड़ने से मर्चेंट नेवी इंजीनियर अनिल श्रीवास्तव की मृत्यु हुई थी। सरकार के हस्तक्षेप के बाद रविवार को पार्थिव शरीर उनके निवास पर लाया गया। परिवार को दिखाने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। मौके पर सांत्वना देने के लिए मंत्री योगेंद्र उपाध्याय पहुंचे।
25 दिन से पता था कि पति अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनको अंतिम बार देखने की आस में पत्नी अंजुलता की आंखों के आंसू सूख गए थे। मन में हर वक्त अंतर्द्वंद चल रहा था पर बूढ़ी सास और बच्चों के लिए वो बाहर से खुद को मजबूत दिखाने की हरसंभव कोशिश कर रही थी। कई बार समझ नहीं आता था कि किसे फोन करे और कहां गुहार लगाए कि पति का पार्थिव शरीर घर आ जाए।
कागजी काम में उलझा रहा शव
कागजी उठापटक के बाद रविवार को इंजीनियर का पार्थिव शरीर दिल्ली और फिर आगरा पहुंचा। चाणक्य पुरी स्थित निवास पर 12:45 पर एंबुलेंस पहुंची। पत्नी अंजुलता और बच्चों अक्षत राज और आदिरिका की धड़कनें बढ़ गईं। ताबूत में बंद पति को देखते ही वो बेसुध हो गईं। बच्चे दहाड़े मार कर रोने लगे। बूढ़ी मां चीत्कार करने लगी। लोगों ने ढांढस बंधाया। इसके बाद पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया।
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शिकायत करते-करते बिगड़ी तबीयत
मंत्री योगेंद्र उपाध्याय से बात करते हुए अंजुलता ने चीन सरकार के द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनका समय सिर्फ कागजी कार्रवाई और भगवान से प्रार्थना करने में बीता। जो सामान यहां से आसानी से चीन गया, उसे लौटाने में चीन ने क्लियरेंस नहीं दिया। बात करते-करते उनकी तबीयत बिगड़ गई। कुछ देर में निज निवास से इंजीनियर का शरीर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाएगा।