आगरा में केमिकल गोदाम की भीषण आग में जिंदा जला था युवक, सफाई के दौरान मिला शव, मालिक का रिश्तेदार निकला मृतक
Agra News बुधवार को गोदाम की सफाई के दौरान मिला युवक का शव। मरने वाले की पहचान गोदाम मालिक के रिश्तेदार के रूप में हुई। पुलिस कर रही शिनाख्त की कोशिश। आग ने सब्जियों की फड़ को नुकसान पहुंचाया था। कल किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं थी।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Wed, 12 Apr 2023 01:09 PM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। केमिकल गोदाम में लगी आग में युवक जिंदा जल गया था। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। स्थानीय लोगों से मरने वाले की पहचान कराने प्रयास किए। शव की पहचान कृष्णा निवासी गुम्मट ताजगंज के रूप में की गई। युवक गोदाम मालिक का रिश्तेदार बताया जा रहा है। रकाबगंज के छीपीटोला पुरानी सब्जी मंडी में मंगलवार को रसायन के गोदाम में भीषण आग लग गई थी। इस दौरान वहां सब्जी की कई फड़ भी जल गई थी। रसायन से भरे ड्रमों में विस्फोट हो गए थे।
आठ दमकल ने कई घंटे की प्रयास के बाद आग पर काबू पाया था
केमिकल जमीन और नालियों में बहने पर वहां भी आग लग गई थी। जिसके चलते दहशत में आए लोग वहां से भाग गए थे। आठ दमकल ने कई घंटे की प्रयास के बाद आग पर काबू पाया था। बुधवार को ब्लॉक गोदान की सफाई कर रहे थे इसी दौरान अंदर उन्हें एक जला हुआ शव मिला। जो किसी युवक का है जिसकी उम्र करीब 30 वर्ष है। गोदाम का मालिक देवरी रोड निवासी राजेश है।
घनी आबादी में क्षेत्रों में 500 से अधिक कारखाने
शहर में दस दिन में गोदाम में अाग की यह तीसरी घटना है। इससे पहले मंटोला के टीला नंदराम में सोल रंगने के कारखाने, शहीद नगर में जूता कारखाना में आग लगी थी। छत्ता, मंटोला, नाई की मंडी, रकाबगंज, सदर, शाहगंज, लोहामंडी, जगदीशपुरा, एत्माद्दौला और ताजगंज क्षेत्रों में 500 से अधिक जूता कारखाना चल रहे हैं। आबादी के बीच गोदाम बने हुए हैं। जिनमें रसायन का अवैध भंडारण भी है। इसके बावजूद जिम्मेदार कोई कार्रवाई नहीं करते। मुख्य अग्निशमन अधिकारी देवेंद्र सिंह के आबादी के बीच फैक्ट्री या गोदाम चलाने वालों को लगातार नोटिस दिया जा रहा है। वह आबादी के बीच कारखाना या फैक्ट्री नहीं चला सकते हैं। आग से बचाव के मानक पूरे करने पर ही अग्निशमन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जाता है।आग में कई फड़ और सब्जियां जलीं
पुरानी सब्जी मंडी में जिस गोदाम में आग लगी।उसके बाहर एक दर्जन से अधिक सब्जी विक्रेता बैठते हैं। छीपीटाेला निवासी माया देवी, तापेश्वरी देवी, विजय कुमार और रामबेटी ने बताया कि रसायन जमीन पर फैलने से उन्हें सब्जी उठाने का भी मौका नहीं मिला। उनकी सब्जियां और फड़ भी जल गए।
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