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Mathura Places For Visit: ये पांच मंदिर जो आपको भक्ति में कर देंगे लीन, तस्वीरों में देखें इनकी खूबसूरती

Mathura Places For Visit चार से पांच हजार मंदिर और आश्रम हैं। कई ऐसे प्राचीन मंदिर हैं जिन्हें देखकर ऐतिहासिक स्मारक को आप भूल जाएंगे। कुछ मंदिरों को इतिहास भी बेहद रोचक है। इन्हें देखने के लिए रोजना दूर दराज से हजारों श्रद्धालु मथुरा जिले में आते हैं।

By Abhishek SaxenaEdited By: Updated: Wed, 07 Sep 2022 04:52 PM (IST)
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Mathura Places For Visit: मथुरा के मंदिरों को देखने आते हैं रोजाना हजारों श्रद्धालु

आगरा, जागरण टीम। यूपी का मथुरा शहर कान्हा की लीलीओं के लिए पूरे विश्व में फेमस है। यदि आप मथुरा की धार्मिक यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो यहां कम से कम एक सप्ताह में मंदिरों और आश्रमों का भ्रमण कर सकते हैं। कुछ मंदिरों को देखने के लिए आपको एक दिन का समय लग सकता है। 

श्रीकृष्ण जन्मस्थान

गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर की तरह मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भी आक्रमणकारी महमूद गजनवी ने हमला किया था। लूटकर इस धर्मस्थल को भी तोड़ डाला था। यह मंदिर तीन बार तोड़ा और चार बार बनाया जा चुका है। हालांकि अभी इस जगह पर मालिकाना हक के लिए दो पक्षों में कोर्ट में विवाद चल रहा है।

जिस जगह पर आज कृष्ण जन्मस्थान है, वह पांच हजार साल पहले मल्‍लपुरा क्षेत्र के कटरा केशव देव में राजा कंस का कारागार हुआ करता था। इसी कारागार में रोहिणी नक्षत्र में आधी रात को भगवान कृष्ण ने जन्म लिया था। इतिहासकारों ने कटरा केशवदेव को ही कृष्ण जन्मभूमि माना है। विभिन्न अध्‍ययनों और साक्ष्यों के आधार पर मथुरा के राजनीतिक संग्रहालय के दूसरे कृष्णदत्त वाजपेयी ने भी स्वीकारा कि कटरा केशवदेव ही कृष्ण की असली जन्मभूमि है।

गीता मंदिर- श्रीमद् भगवत के श्लोकों को उकेरा गया

मथुरा में बिड़ला मंदिर का नाम श्रीमद् भगवत गीता मंदिर रखा गया है, ब्रज का यह एकमात्र मंदिर है जहां लोग पत्थर पर उकेरी श्रीमद् भगवत के श्लोकों के दर्शन कर खुद को धन्य समझते हैं। महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने शस्त्र न उठाने की प्रतिज्ञा ली थी। एक समय ऐसा भी आया जब उनकी प्रतिज्ञा टूटी और उन्होंने सुदर्शन चक्र अपनी अंगुली पर धारण किया।

हालांकि इसे चलाने की नौबत नहीं आई। मथुरा-वृंदावन रोड पर सुदर्शन चक्रधारी श्रीकृष्ण की आदमकद प्रतिमा के दर्शन चित्त को लुभाते हैं। मंदिर के दाहिनी ओर विशालकाय पत्थर का स्तंभ है। इसी पर गीता के श्लोक उकेरे गए हैं। यह इतने स्पष्ट हैं कि एक-एक शब्द पढ़ा जा सकता है।

श्रीबांकेबिहारी मंदिर

भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में सबसे ख्यात मंदिरों में एक है श्रीबांकेबिहारी मंदिर। वृंदावन की कुंज गलियों में स्थित इस मंदिर में दर्शन के लिए रोजाना हजारों कृष्ण भक्त पहुंचते हैं। ठाकुरजी के दर्शन के बाद यहां की गलियों में बनी दुकानों से लोग पेड़ा का प्रसाद लेते हैं। श्रीबांकेबिहारी मंदिर में ठाकुरजी का मुरली बजाते हुए का विग्रह है।

वृंदावन का प्रेम मंदिर

वृंदावन का प्रेम मंदिर सफेद संगमरमर पत्थर से बना बहुमंजिला मंदिर है। यहां कृष्ण लीलाओं के नजारों को दिखाने के लिए कई सारे प्रयोग किए गए हैं। गोवर्धन पर्वत का उठाना, गौरचरण, कालिया मर्दन या फिर कृष्ण की माखनचोरी की लीलाएं, सभी यहां देखने को मिलती हैं।

दक्षिण भारत की शैली में बना श्री रंगजी मंदिर

वृंदावन में दक्षिण भारत की शैली में बना श्रीरंगजी मंदिर काफी प्राचीन है। यूपी के मथुरा में दक्षिण भारतीय परंपरा का रंगनाथ मंदिर उत्तर भारत का सबसे पहला दिव्यदेश है। गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय के मंदिरों के बीच रामानुज संप्रदाय की पताका फहरा रहे इस मंदिर के निर्माण का श्रेय श्रीरंगदेशिक स्वामी को जाता है। लेकिन मंदिर निर्माण में मथुरा के सेठ लक्ष्मीचंद और उनके भाइयों की भूमिका अहम रही है।  

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