क्या आपने देखा है साढ़े छह फीट का जूता, एक पीस की कीमत में आएगा आईफोन, आगरा में आकर्षण का केंद्र बना है ये खास जूता
भारत सहित 30 देशों के 220 स्टालों पर उत्पादों का हो रहा प्रदर्शन। बीस दिन में बनकर तैयार हुआ है साढ़े छह फीट का जूता। सीएलई के वाइस चेयरमैन आरके जालान ने कहा कि जूता का बाजार बढ़ा है और दूसरे क्षेत्र के कारोबारी भी इस ओर आ रहे हैं। ये अच्छे संकेत हैं और हमें विश्व पटल पर बढ़ती मांग की पूर्ति में बड़ी हिस्सेदारी निभानी है।
By Ambuj UpadhyayEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sun, 29 Oct 2023 11:56 AM (IST)
जागरण संवाददाता, आगरा। आपने जूते तो बहुत देखे होंगे, लेकिन कभी क्या इतने बड़े साइज का जूता देखा है। जी, हां हम बात कर रहे हैं आगरा में बने साढ़े छह फीट के जूते की। आगरा में फुटवियर मैन्युफेक्चरर्स एंड एक्सपाेर्टर्स चेंबर (एफमेक) द्वारा आयोजित शू फेयर मीट एट आगरा में साढ़े छह फीट का जूता आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
केंद्रीय पादुका प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षकों एवं छात्रों द्वारा साढ़े छह फीट का ये विशेष जूता तैयार किया है। अधिकांश लोग इसे देख रहे हैं तो कुछ इसकी लागत के बारे में भी जानने के लिए उत्सुक हैं।
संस्थान के सीनियर टेक्निकल आफीसर संजय कुमार भाटिया और प्रशिक्षक मनोज वशिष्ठ ने बताया कि 20 दिन में एक पैर का जूता तैयार हुआ है। लास्ट से लेकर लेदर के सिंगल पीस जूते को तैयार करने में 50 हजार रुपये की लागत आई है।
जी-20 थीम पर तैयार हुई 20 डिजाइन
जी-20 थीम पर फुटवियर इंक द्वारा 20 डिजायन तैयार किए गए हैं। कंपनी की डायरेक्टर डा. रेणुका डंग ने बताया कि देशों के नाम पर यूरोपियन कंट्री के लिए सोल डिजाइन किए गए हैं।
पर्यावरण संरक्षण का भी रखना होगा ध्यान
पर्यावरण, वन जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने कहा कि हमें जूता कारोबार को ऊंचाइयों पर पहुंचाना है, लेकिन उसके साथ पर्यावरण संरक्षण का भी ध्यान रखना है। नई तकनीक बाजार में रोज आ रही है, जबकि गुणवत्ता को भी हमे ध्यान रखना है। इसके लिए हम ईको फ्रेंडली माध्यम को अपनाएंगे तो विश्वपटल पर हमारा समृद्धि को विशेष पहचान मिलेगी।सींगना में 3421 विजटर्स पहुंचे
फुटवियर मैन्युफेक्चरर्स एंड एक्सपाेर्टर्स चेंबर (एफमेक) द्वारा आयोजित शू फेयर मीट एट आगरा के दूसरे दिन शनिवार को सींगना में 3421 विजटर्स पहुंचे। कार्यक्रम में भारत सहित 30 देशों के 220 स्टालों पर जूते निर्माण में उपयोग होने वाले उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं। विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञों ने जूता कारोबार में आ रही कठिनाइयों और उनके समाधान पर चर्चा की। स्मार्ट फुटवियर और अर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से तेजी से आगे बढ़ा जा सकता है।
ये भी पढ़ेंः Meerut News: चलती कार पर गिरा रैपिड एक्स के लोहे का पिलर, गाड़ी में बैठा सिपाही हुआ घायल, बड़ा हादसा टलासीएलई के कार्यकारी निदेशक आर सेल्वम ने कहा कि बदलते दौर में इंडस्ट्री को बदलाव के बारे में बताने और नई तकनीक को अपनाने की जरूरत है। विश्व की मांग अनुसार जब हम अपनी गुणवत्ता को पहुंचाएंगे तभी देश को ग्रोथ मिलेगी। जूता कारोबारी नीरज गर्ग ने कहा कि इनोवेशन करने होंगे और दूसरे देशों की मांग के अनुरूप उत्पादों को तैयार करना होगा, तभी देश का आर्थिक विकास हो सकेगा। ग्रीन एनर्जी पर सरकार द्वारा प्रोत्साहन बढ़ाने की मांग भी की गई।
ये भी पढ़ेंः Karwa Chauth 2023: डिमांड में डायमंड पोल्की चोकर, सोने और हीरे के गहनों की चमक से बढ़ी मेरठ के बाजार में रौनकएफमेक महासचिव राजीव वासन ने कहा कि हमें नई तकनीक और प्रयोगों को ध्यान में रख काम करना होगा। अगर ऐसा करते हैं, तो हम अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने प्रतिनिधित्व को बढ़ा सकते हैं।
विशेषज्ञ डा. राहुल कटारिया ने डिजिटल मार्केटिंग की आवश्यकता के बारे में बताया तो एआइ के महत्व को भी समझाया।
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